पाकिस्तान के सुप्रसिद्ध सूफी गायक राहत फ़तेह अली खान के पास से 24000 डालर व दो सहयोगियों के पास से 50-50 हजार डालर बरामद हुए। पाकिस्तान में उनकी कला को चाहने वाले लोगो ने प्रदर्शन शुरू कर दिए। पकिस्तान सरकार ने भारत सरकार से बातचीत कर राहत फ़तेह अली को रिहा करवा लिया। भारतीय फिल्म जगत में मिडिल ईस्ट के लोगों का काला धन लगता है और अधिकांश कलाकार सफेदपोश आर्थिक अपराधी के रूप में विकसित होते हैं। इस सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने तो बाराबंकी जनपद में 419, 420, 467,468, 471 के अपराध किये। चूँकि वह महानायक हैं इसलिए उनको हर तरह के आर्थिक अपराध करने की छूट है। इसी तरह से उद्योग जगत के लोग आर्थिक अपराध करते रहते हैं और उनको हर तरह के अपराधों को संरक्षण मिलता रहता है क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था का संचालन वही सब करते हैं।
कलाकारों को कला के नाम पर, साहित्यकारों को साहित्य के नाम पर, मंत्रियों को देश चलाने के नाम पर व उद्योगपतियों को अर्थ व्यवस्था चलाने के नाम पर आर्थिक अपराध करने की खुली छूट है। सूफी गायक राहत फ़तेह अली ने इससे पहले कितना डालर और हवाला किया होगा उसका कोई अंदाजा नहीं है। जैसे उत्तर प्रदेश के कई मंत्रियों के बारे में यह प्रकाशित हो चुका है कि उनकी सरकारी गाड़ियों से मार्फीन, हेरोइन की स्मगलिंग होती हैं लेकिन प्रदेश चलाने के नाम पर उनके सभी अपराध क्षम्य हैं। पंजाबी के महान गायक दलेर मेहन्दी कबूतरबाजी का कार्य करते थे। क्रिकेट स्टार मैच में फिक्संग का काम करते हैं। देश में सारे नियम कानून मेहनतकश जनता के लिए बनाए जाते हैं। जिसका उन्हें ईमानदारी से पालन करना चाहिए। पेट की ज्वाला अगर न शांत हो पावे तो आत्महत्या कर लेने की खुली आजादी है।
जबकि होना यह चाहिए कि किसी भी क्षेत्र में नामचीन हस्तियों को अपराध नहीं करने चाहिए और यदि वह अपराध में लिप्त पाए जाते हैं तो जनता को उनका समर्थन नहीं करना चाहिए। सिद्धांत तो यह होना चाहिए उनकी कला को सलाम और अपराध के लिए दंड।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
कलाकारों को कला के नाम पर, साहित्यकारों को साहित्य के नाम पर, मंत्रियों को देश चलाने के नाम पर व उद्योगपतियों को अर्थ व्यवस्था चलाने के नाम पर आर्थिक अपराध करने की खुली छूट है। सूफी गायक राहत फ़तेह अली ने इससे पहले कितना डालर और हवाला किया होगा उसका कोई अंदाजा नहीं है। जैसे उत्तर प्रदेश के कई मंत्रियों के बारे में यह प्रकाशित हो चुका है कि उनकी सरकारी गाड़ियों से मार्फीन, हेरोइन की स्मगलिंग होती हैं लेकिन प्रदेश चलाने के नाम पर उनके सभी अपराध क्षम्य हैं। पंजाबी के महान गायक दलेर मेहन्दी कबूतरबाजी का कार्य करते थे। क्रिकेट स्टार मैच में फिक्संग का काम करते हैं। देश में सारे नियम कानून मेहनतकश जनता के लिए बनाए जाते हैं। जिसका उन्हें ईमानदारी से पालन करना चाहिए। पेट की ज्वाला अगर न शांत हो पावे तो आत्महत्या कर लेने की खुली आजादी है।
जबकि होना यह चाहिए कि किसी भी क्षेत्र में नामचीन हस्तियों को अपराध नहीं करने चाहिए और यदि वह अपराध में लिप्त पाए जाते हैं तो जनता को उनका समर्थन नहीं करना चाहिए। सिद्धांत तो यह होना चाहिए उनकी कला को सलाम और अपराध के लिए दंड।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
2 टिप्पणियां:
सिद्धांत तो यह होना चाहिए उनकी कला को सलाम और अपराध के लिए दंड।
-बहुत सही लिखते हैं .
'मिलिए रेखाओं के अप्रतिम जादूगर से '
मैं राहत अली के गायन का प्रशंसक हूं.
भारत से कमाई, बैध रूप से भी ले जाई जा सकती है. वह रास्ता कहीं बेहतर होता बस टैक्स ही तो देना होता.
पर दिक़्कत ये है कि हमारे यहां काली कमाई को कला के नाम पर खर्च करने का रिवाज है इसलिए राहत जैसे कलाकारों को कोई सफेद कमाई कहां से लाकर देगा...
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