tag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post1450651513399490766..comments2024-03-25T12:20:31.912+05:30Comments on लो क सं घ र्ष !: अन्ना आंदोलन: संदेहास्पद मंतव्य व चरित्रRandhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-35808704698920048862011-08-25T20:24:28.712+05:302011-08-25T20:24:28.712+05:30रजातांत्रिक मूल्यों के प्रति आस्था संदेहास्पद है। ...रजातांत्रिक मूल्यों के प्रति आस्था संदेहास्पद है। <br />ये प्रजातांत्रिक मूल्य क्या हैं? और उन में आस्था का क्या अर्थ है। पुनियानी जी जरा समझाएंगे?दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-25463486509276805332011-08-25T19:12:41.690+05:302011-08-25T19:12:41.690+05:30वाह ! अक्ल तो सिर्फ वामपंथियों के पास ही है बाकि त...वाह ! अक्ल तो सिर्फ वामपंथियों के पास ही है बाकि तो सब अक्ल से पैदल है !!Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-73457361755058944072011-08-25T19:10:56.486+05:302011-08-25T19:10:56.486+05:30एकदम सही दृष्टिकोण दिया है ,लेकिन गांठ के पूरे और ...एकदम सही दृष्टिकोण दिया है ,लेकिन गांठ के पूरे और अक्ल के अधूरे तथा आँख के अंधे लोग तो कोई अक्ल की बात सुनना -समझना ही नहीं चाहते।vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.com