tag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post1796043310392937389..comments2024-03-25T12:20:31.912+05:30Comments on लो क सं घ र्ष !: अन्ना आंदोलन: एक आलोचनात्मक विश्लेषणRandhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-47685599556988335262011-09-10T16:36:20.151+05:302011-09-10T16:36:20.151+05:30अच्छा लगा। गाँधी तो ठगे ही गए।अच्छा लगा। गाँधी तो ठगे ही गए।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-58599875105130974352011-09-09T15:27:54.986+05:302011-09-09T15:27:54.986+05:30शीर्षक है आलोचनात्मक विश्ले्षण ,लेकिन मुझे ये बिल्...शीर्षक है आलोचनात्मक विश्ले्षण ,लेकिन मुझे ये बिल्कुल एकपक्षीय लगा । गांधी जी का चित्रण ही अतिरेक सा लगा । इतिहास जानता है कि " ये पट्टाभिसीतारम्मैया की हार नहीं , गांधी की हार , ये कहने वाला कौन था , भगत सिंह और सुभाष जैसे वीरों को कैसे पार्श्व में डाला गया । <br /><br />अब बात अन्ना हज़ारे की , अगर वो गांधीवादी नहीं हैं , तो फ़िर क्या आज उनके नाम पर अपना नाम दाम कमा रही पार्टी को गांधीवादी माना जाए ..या फ़िर सोनिया गांधी को मानें क्योंकि गांधी तो वो भी हैं ..व्यवस्था के प्रति लोगों का आक्रोश ही वो वजह थी जो लाखों लोग सडक पर आ गए ..गांधी वाद को खुद वे लोग कब का मार चुके हैं ..जो कौन गांधीवादी है कौन नहीं ये तय कर रहे हैअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-36757535977576426042011-09-09T11:16:17.899+05:302011-09-09T11:16:17.899+05:30अन्ना साहब तो केवल एक मोहरा थे उनका आंदोलन बेदी-के...अन्ना साहब तो केवल एक मोहरा थे उनका आंदोलन बेदी-केजरीवाल आदि द्वारा विदेशी धन और इशारे पर भारतीय संविधान और संसद को चुनौती देकर खोखला करने हेतु चलाया गया था जिससे कालांतर मे आर एस एस की अर्ध सैनिक तानाशाही स्थापित की जा सके। अन्ना साहब ने स्वाधीनता दिवस पर ब्लैक आउट की घोषणा कर,राष्ट्रध्वज लेकर आंदोलन चला कर एवं रात्रि मे राष्ट्रध्वज फहरा कर जघन्य और अक्षम्य राष्ट्रद्रोह किया किया उन्हें इसकी सख्त सजा मिलनी चाहिए थी परंतु पी एम साहब ने उन्हें गुलदस्ता भेंट कर ,कमांडोज़ दिलवा कर उनका महिमा मंडन किया है। इससे लगता है कि आर एस एस,भाजपा और कांग्रेस का मनमोहन गुट इस को शाह दे रहे थे।vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-85346792390717529502011-09-08T23:11:05.590+05:302011-09-08T23:11:05.590+05:30शंकाएँ वाजिब हैं।शंकाएँ वाजिब हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com