tag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post3178584924895117653..comments2024-03-25T12:20:31.912+05:30Comments on लो क सं घ र्ष !: चुनावी समीकरण और धर्मनिरपेक्ष मूल्यRandhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-11302008247060001122012-06-20T22:53:46.702+05:302012-06-20T22:53:46.702+05:30सत्य-असत्य, न्याय-अन्याय, धर्म-अधर्म एक दूसरे के व...सत्य-असत्य, न्याय-अन्याय, धर्म-अधर्म एक दूसरे के विलोम है । जब सत्यनिरपेक्षता, न्यायनिरपेक्षता जैसे शब्द अस्तित्व में नहीं है, तो फिर धर्मनिरपेक्षता शब्द हिन्दी में संभव ही नहीं है । इसलिए भारत पंथनिरपेक्ष है । धर्मनिरपेक्ष शब्द का प्रयोग करने वाले लोग मानसिक रूप से बीमार है ।Anonymousnoreply@blogger.com