tag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post5493005615627451338..comments2024-03-25T12:20:31.912+05:30Comments on लो क सं घ र्ष !: मुजरिमे वक्त तो हाकिम के साथ चलता हैRandhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-37020506660786741442010-01-17T17:58:00.901+05:302010-01-17T17:58:00.901+05:30niceniceकंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-23340415910024159912009-12-29T15:54:26.097+05:302009-12-29T15:54:26.097+05:30तुम्हारे अज़्म में नफरत की बू आती है,
नज़्म व नसक ...तुम्हारे अज़्म में नफरत की बू आती है,<br />नज़्म व नसक से दूर वहशत की बू आती है।<br />हाकिमे शहर तेरी तलवार की फलयों से,<br />किसी मज़लूम के खून की बू आती है।।<br />Saarthak or prasangik rachna ke liye shubhkamnayen...कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-58307014545718729572009-12-29T13:51:51.351+05:302009-12-29T13:51:51.351+05:30हर तरफ दहशत है सन्नाटा है,
जुबान के नाम पे कौम को ...हर तरफ दहशत है सन्नाटा है,<br />जुबान के नाम पे कौम को बांटा है।<br />अपनी अना के खातिर हसने मुद्दत से,<br />मासूमों को, कमजोरों को काटा है।।<br />निश्चित ही मन झकझोरने वाली पोस्ट है आपकी......!<br />अच्छे सार्थक लेखन की बधाई.Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-34766259621640520602009-12-29T00:29:19.250+05:302009-12-29T00:29:19.250+05:30तुम्हें तो राज हमारे सरों से मिलता है,
हमारे वोट ह...तुम्हें तो राज हमारे सरों से मिलता है,<br />हमारे वोट हमारे जरों से मिलता है।<br />किसान कहके हिकारत से देखने वाले,<br />तुम्हें अनाज हमारे घरों से मिलता है।।<br />बहुत ही सुंदर रचना, धन्यवाद<br />आप का कामेंट वाला लिंक तो बहुत ढुढने से मिलता है, कृप्या इसे बडा कर ले , ओर इस का रंग भी थोडा गाडा कर लै. धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-42941837806773157572009-12-28T22:12:13.104+05:302009-12-28T22:12:13.104+05:30तुम्हें तो राज हमारे सरों से मिलता है,
हमारे वोट ह...<b>तुम्हें तो राज हमारे सरों से मिलता है,<br />हमारे वोट हमारे जरों से मिलता है।<br />किसान कहके हिकारत से देखने वाले,<br />तुम्हें अनाज हमारे घरों से मिलता है।।</b><br /><br />सही कहा. अपनी कुछ पंक्तियाँ याद आ गयीं: <br /><a href="http://pittpat.blogspot.com/2009/12/blog-post_25.html" rel="nofollow">दीवारें मजदूरों की दर-खिड़की सारी सेठ ले गए।<br />सर बाजू सरदारों के निर्धन को खाली पेट दे गए।।<br /><br />साम-दाम और दंड चलाके सौदागर जी भेद ले गए। <br />माल भर लिया गोदामों में रखवालों को गेट दे गए।।<br /><br />मेरी मिल में काम मिलेगा कहके मेरा वोट ले गए। <br />गन्ना लेकर सस्ते में अब चीनी महंगे रेट दे गए।।<br /></a>Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.com