tag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post8844502867789792564..comments2024-03-25T12:20:31.912+05:30Comments on लो क सं घ र्ष !: व्यवस्था ने आत्महत्याएं करवा दींRandhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-37273171144811027732011-07-21T17:49:04.757+05:302011-07-21T17:49:04.757+05:30व्यवस्था ने आत्महत्यायें करवा दीं
एक बेहतरीन लेख
...व्यवस्था ने आत्महत्यायें करवा दीं<br />एक बेहतरीन लेख<br /><br />किसानों की आत्महत्या की खबरें रोज ही पढ़ने और सुनने में आती है, आखिर यह नौबत क्यों ,<br /><br />यदि एक सर्वे की रिर्पोट को सही माना जाये तो ४२ फीसदी से अधिक किसानों ने ने कृष्ि से नाता तोड ने की मंश जताई, यदि उन्हें विकल्प के रूप में कोई और काम मिल जाय। वजय साफ है उनके प्रति जारी लापरवाही, उदासीनता और भवनून्यता जो सालों से चली आ रही है और अब भी जारी है। इस बात का कोई ध्यान ही नहीं रखा गया कि है कि इसका परिणाम क्या होगा। इससे पैदा हुई खद्य समस्या हमारे देश के लिये एक बड ी पिदा बन सकती है। जरूरत है कि अब किसानों की आमदनी बढ े, इसके लिये सार्थक कदम उठाने की, ताकि वे आत्महत्या जैसा कदम न उठायें।pushpa mauryanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-52184911069424166742011-07-16T09:46:00.398+05:302011-07-16T09:46:00.398+05:30लेकिन आम जन तो राजनीति में नहीं जाती,धर्म में बहक ...लेकिन आम जन तो राजनीति में नहीं जाती,धर्म में बहक कर वोट देता है.फिर व्यवस्था कैसे सुधरे?vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-28532469616665013562011-07-15T20:47:08.174+05:302011-07-15T20:47:08.174+05:30आप का कहना सही है.
परन्तु हमारे विदर्भ में जो नशे ...आप का कहना सही है.<br />परन्तु हमारे विदर्भ में जो नशे के या जुआ के लत के या <br />घरेलु कारन सभी जो आत्महत्या करता है <br />उसे भी झुटा कर्ज में डूबा हुआ बताकर सरकारी अनुदान <br />लेते है.<br />और सरकारी कर्मचारी तो उसमे भी भ्रष्टाचार करते है.<br />सरकारी अनुदान में ११० करोड़ का घोटाला करनेपर <br />महाराष्ट्र सरकार ने जांच की घोशना की <br />पर जांच शुरू ही होना बाकी है.<br />किसान के नाम पर जाहिर है बहती गंगा में सब हाथ धो रहे है.arvind pandenoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-240539113742056852011-07-15T18:34:51.817+05:302011-07-15T18:34:51.817+05:30फंदे में तू झूल --
महाजन का फंदा |
सरकार का फंदा
...फंदे में तू झूल --<br />महाजन का फंदा |<br />सरकार का फंदा <br />या मौत का फंदा ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-41919296669622128692011-07-15T18:25:42.692+05:302011-07-15T18:25:42.692+05:30बढ़िया दाने-खाद ले, करे सिंचाई नीक,
भगवद कृ...बढ़िया दाने-खाद ले, करे सिंचाई नीक,<br />भगवद कृपा से हुई, उपज बहुत ही ठीक |<br />उपज बहुत ही ठीक, घटी जिससे मंहगाई <br />करे महाजन मौज, बैल पर विपदा आई |<br />कर रविकर अफ़सोस, बिकाई सूदे बछिया, <br />फन्दे में अब झूल, तरीका ढूंढा बढ़िया ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com