tag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post8880764795066520211..comments2024-03-25T12:20:31.912+05:30Comments on लो क सं घ र्ष !: न्यायलय है या पुलिस की एजेंट Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-58081889908424521602012-09-11T15:21:20.290+05:302012-09-11T15:21:20.290+05:30असीम त्रिवेदी को दंड तो मिलना चाहिए लेकिन देशद्रोह...असीम त्रिवेदी को दंड तो मिलना चाहिए लेकिन देशद्रोही के रूप में नहीं. Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-42003048836886089492012-09-11T04:44:58.849+05:302012-09-11T04:44:58.849+05:30कवि धूमल ने बहुत पहले कहा था -गणतंत्री चूहे प्रजात...कवि धूमल ने बहुत पहले कहा था -गणतंत्री चूहे प्रजातंत्र को कुतर कुतर के खा रहें हैं .कौन सी संसद की बात कर रहें हैं आप जो आपातकाल पहले घोषित करती है राष्ट्रपति के दस्तखत अगले दिन करवाती है अध्यादेश पे .आज गरिमा बची कहाँ है इस देश में इस सरकार में जिसे पूडल चला रहें हैं सोनियावी पूडल .वो वाघा चौकी पे मोमबत्तियां जलाने वाले हिन्दू देवी देवताओं की नग्न तस्वीर बनाने वालों की हिमायत में निकल खुद को सेकुलर कहल वातें हैं .गणेश के चित्र तो जूते चप्पलों बीडी के बंडल पे छपते हैं हमारा देश कब से इतना असहिष्णु हो गया प्रतीकात्मक कार्टूनों को देख के फट गई .क्या कर लेंगे असीम का आप जैसे लेफ्टिए और उनके शुभ चिन्तक .उसने कोई ऐसा अप कर्म नहीं किया जिससे लोग शर्मिंदा हों .सुमन जी ये प्रतिक्रया आपके आलेख सोमवार, 10 सितम्बर 2012<br />न्यायलय है या पुलिस की एजेंट पर नहीं आधा सच के महेंद्र श्रीवास्तव के आलेख पर है जो असीम त्रिवेदी को फांसी पे लटकाने की बात कर रहें हैं <br /><br />क्या "नेशनल टायलेट" है संसद ?<br />महेन्द्र श्रीवास्तव <br /> आधा सच... <br />आपने सुमन जी मुद्दे को सही सिरे से उठाया है .बधाई आपको .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-22738417425936114672012-09-10T20:20:20.286+05:302012-09-10T20:20:20.286+05:30आपका कहना सही है,
आज न्यायलय भी अपना कार्य न्यायपू...आपका कहना सही है,<br />आज न्यायलय भी अपना कार्य न्यायपूर्ण ढंग से नही <br />कर रही है,,,,<br /><br />RECENT POST <a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/09/blog-post_9.html#comment-form" rel="nofollow"> - मेरे सपनो का भारत</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.com