रविवार, 13 मार्च 2016

पाकिस्तान के सामने मुर्गी

गुरु श्री श्री रविशंकर का विश्व सांस्कृतिक महोत्सव मंच पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह व  श्रीश्री रविशंकर  मौजूद थे,  तभी मंच से  पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे. इस समाचार को पढकर किसी भक्त को गुस्सा  नही आएगा न ही कोई मुकदमा ही लिखा जाएगा क्योकि बीजेपी जिसने संविधान में उल्लेखित बहुलतावाद और धर्मनिरपेक्षता के प्रति कभी भी बहुत आस्था नहीं दिखाई है, अब अपनी विचारधारा के ख़िलाफ़ सवाल उठाने वालों को आंखें दिखा रही है. वह अपने विरोधियो को बदनाम करने के लिए कुछ भी कर सकती है 
     जेएनयू में जो भी कुछ सरकार  ने किया वह सब उसके मानसिक दिवालिएपन का नतीजा था. उसके बाद संघियों  ने चेतावनी  भरे शब्दों  में कहा  कि देशद्रोही गतिविधिया बर्दाश्त नहीं होंगी और जब गृह मंत्री के सामने श्री श्री रविशंकर ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया तो आज सबकी बोलती बंद है. मेरा पाकिस्तान या हिंदुस्तान जिंदाबाद या अमेरिका जिन्दाबाद से राष्ट्रवाद या देश का, देश की संप्रभुता से कोई सम्बन्ध नहीं है. तमाम सारे देश हैं उन सारे देशों में दुनिया भर के देशों के लोग रहते हैं. जो जिस देश का होता है वह अपने देश को जिंदाबाद करता है. कभी-कभी एक दुसरे का सम्मान प्रदर्शित करने के लिए उस देश का जिंदाबाद कर दिया जाता है जैसा आम तौर पर सरकारी सभाओं में भी होता है. 
शासक वर्ग में जबसे उल्लुओं की नयी जमात पैदा हुई है. वह दिन में देख ही नहीं पाती है और जब रात होती है तब उसकी आँखें खुलती हैं. तब तक काफी देर हो जाती है. ब्रिटिश कालीन भारत में यह जमात सो रही थी और महात्मा गाँधी से लेकर बहुत सारे स्वतंत्रता सेनानियों की वजह से जब आज स्वतंत्रता का दीपक जल रहा है तो उस दीपक के प्रकाश में इन उल्लुओं की आँखें बंद हो जाती हैं और यह चिल्लाने लगते हैं देशभक्त, राष्ट्रभक्त जिसका यह स्वयं भी अर्थ नहीं समझते हैं. किसी देश के जिंदाबाद कर देने से या मुर्दाबाद कर देने से कोई विशेष परिवर्तन नहीं होता है. यह सिर्फ प्रतीक है. इन सब की देश भक्ति अंग्रेजों के समय में देखने को मिलती थी इसीलिए इन लोगों ने एक भी कंकर अंग्रेजों को नहीं मारा था. आजादी के महानायक गाँधी की हत्या कर उनकी चरित्र की हत्या आज भी करके गोडसेवाद का नारा दे रहे हैं. यह रंगे सियार गाँधी की जयकार करेंगे फिर गोडसे का मंदिर भी बनायेंगे. अमेरिका के कहने पर पाकिस्तान के सामने मुर्गी बन जाते हैं लेकिन कोई दूसरा अगर पाकिस्तान को आँख दिखाए तो यह उन्हें बर्दाश्त नहीं होता है. 

सुमन 

1 टिप्पणी:

Unknown ने कहा…

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