tag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post3593706482611072344..comments2024-03-25T12:20:31.912+05:30Comments on लो क सं घ र्ष !: सैयां भये कोतवाल तो अब डर कहे काRandhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-75672815120436297482010-10-13T08:13:54.836+05:302010-10-13T08:13:54.836+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति।<b>बहुत अच्छी प्रस्तुति।</b>हास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8216241735171433424.post-27846511489945164062010-10-12T20:10:42.237+05:302010-10-12T20:10:42.237+05:30सुमन जी ,
ये तो हमारी पुलिस की व...सुमन जी ,<br /> ये तो हमारी पुलिस की विशेषता है लेकिन इससे सभी पुलिस वाले बदनाम होते हैं. इसमें उनपर हमारी राजनेताओं का दबाव भी तो होता है की वे मजबूर होते हैं और जो हिम्मत करते हैं वे रह नहीं पाते हैं. रातों रात तबादला. सिर्फ पुलिस की इसमें भागीदारी नहीं है. अन्दर झांकिए तो पैबंद ही पैबंद लगे हैं. खासतौर पर सत्ताधारी लोगों के.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.com