शनिवार, 14 सितंबर 2024

अयोध्या में दलित युवती के साथ गैंग रेप - भागवत का संघ आन्दोलन नहीं करेगा

अयोध्या स्थित श्री राम जन्मभूमि परिसर में सफाई का काम करने वाले एक दलित युवती के साथ गैंगरेप करने का मामला सामने आया है. पुलिस ने इस मामले में नौ आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर पांच आरोपियों के गिरफ्तार कर लिया है. पीड़िता ने कैंट थाना पुलिस पर भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं. पुलिस ने इस मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जांच में ये बात सामने आई है कि अलग-अलग दिन जब युवती अपने परिचित युवक से मिलने गई थी. तब उसके दोस्त और उसके साथियों ने युवती के साथ दुष्कर्म किया. मधुवन सिंह एसपी सिटी अयोध्या ने कहा कि यह प्रकरण थाना कैंट का है और ये मामला दो हफ्ते पुराना है. पीड़िता द्वारा 2 सितंबर को थाना कैंट में मुकदमा पंजीकृत कराया गया, जिसमें यह तथ्य संज्ञान में आया है कि पीड़िता जब अपने पूर्व परिचित मित्र से मिलने विभिन्न तिथियों में गई, तब उसके दोस्त और उसके साथियों ने सामूहिक दुष्कर्म किया. जांच में अब तक पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है. अन्य की तलाश अभी जारी है. 2 सितंबर को दर्ज हुआ था मामला युवती का आरोप है कि रिलेशन में रहे उसके दोस्त और उसके साथियों ने उसके साथ कई बार गैंगरेप किया और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर अलग-अलग जगहों पर कई दिन दुष्कर्म किया. इस मामले में 2 सितंबर को रिपोर्ट दर्ज की गई थी, लेकिन पुलिस ने उसे और उसके परिवार को मीडिया से दूर रहने के लिए धमकी दी. पीड़िता ने बताया कि मैं श्री राम जन्मभूमि मैं काम करती हूं, इस घटना के बाद से मेरा काम भी छूट गया है. पीड़िता ने बताया कि उसकी एक लड़के से दोस्ती हुई, उसके बाद वह रिलेशन में आ गए, लेकिन लड़का अचानक अपने दोस्तों के साथ बातचीत कर मेरे साथ जबरदस्ती की और जब मैंने भागने की कोशिश की, इस दौरान मेरे सिर में भी चोट लग गई. जिससे मैं बेहोश हो गई. उन लोगों ने मेरे साथ गलत काम किया. शाम को होश आया तब वहां केवल दो ही लड़के वंश चौधरी और विनय थे. इसके बाद वो लोग मुझे गेस्ट हाउस से एक गैराज पर ले गए, वहां पर भी उन्होंने मेरे साथ दुष्कर्म किया और मेरा वीडियो बना लिया. जिससे वह मुझे ब्लैकमेल कर रहे थे. 'आरोपी कर रहे थे ब्लैकमेल' युवती ने आगे कहा कि वह लोगों मुझे ब्लैकमेल कर बार-बार अपने पास बुलाते थे. मैंने डर की वजह से पहले घर पर और पुलिस को इस बारे में नहीं बताया. 22 तारीख को फिर जन्मभूमि आए और उसके बाद 22 तारीख से मुझे अपने पास रखा और 24 की रात में मुझे छोड़ा है. जब यह लोग राम मंदिर मुझे छोड़ने के लिए जा रहे थे, उस दौरान दुर्घटना में हुई थी. जिसमें मुझे चोट भी लगी थी. नहीं दी FIR की कॉपी: पीड़िता इसके अलावा मैं 28 तारीख को एप्लीकेशन महिला थाने देने जा रही थी. तब भी इन लोगों ने फोन कर मुझे डराया धमकाया और कहा कि जो तुम्हारे साथ हुआ है, वह तुम्हारी बहनों के साथ भी होगा, तुम्हारे घर वालों के लिए भी अच्छा नहीं होगा. इसके बाद में डर की वजह से लौट आई. इसके बाद 31 तारीख को फिर मैं एप्लीकेशन लेकर महिला थाना गई तो उन्होंने कहा कि यह सारी घटना झूठ है. जो एप्लीकेशन मैं लिखा है वह सही नहीं है. उन्होंने मुझे ही गलत बताया और कहा कि वह लड़के ऐसा नहीं कर सकते. 2 सितंबर तक 12:00 बजे तक मैं इंतजार किया, जब मेरे पास कोई फोन नहीं आया. तब मैं एसएसपी ऑफिस गई. उसके बाद वहां से आदेश हुआ है, तब मैं एसपी सिटी साहब के यहां गई. तब महिला थाना और कैंट के एसएचओ को बुलाया गया और कहा गया कि मेरा केस दर्ज किया जाए. हम वहां दो बजे से बैठे थे, लेकिन पुलिस ने नौ बजे हमारा केस दर्ज किया और रात 11 बजे मेरा मेडिकल हुआ. 36 घंटे मुझे थाने में बैठाने के बाद भी FIR कॉपी नहीं दी है.

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सुमन
लोकसंघर्ष