गुरुवार, 24 अक्टूबर 2024
दादा गजेंद्र सिंह स्मृति में कवि सम्मेलन
बाराबंकी ।किसी खंजर से ना तलवार से जोड़ा जाए।
सारी दुनिया को चलो प्यार से जोड़ा जाए।
ये किसी शख्स को दोबारा ना मिलने पाए,
प्यार के रोग को आधार से जोड़ा जाए।
उक्त पंक्तियां पढते हुए सुप्रसिद्ध रचनाकार विकास बौखल स्वर्गीय गजेंद्र सिंह की पुण्यतिथि पर हसनापुर में आयोजित कवि सम्मेलन की शुरुआत कर नफरती तत्वों को जवाब दिया।
हास्य व्यंग्य के सुप्रसिद्ध हस्ताक्षर अजय प्रधान ने देश व प्रदेश के मुखिया पर मंहगाई पर व्यंग्य करते हुए कहा कि
आसमां की बुलन्दी तक तना भौकाल है साहब ।
कभी खाली था पर अब तो लबा लब ताल है साहब ।
गृहस्थी का अगर जंजाल होता तब पता ,
बिक रहा आजकल किस भाव आटा दाल है साहब ॥
सुप्रसिद्ध कवयित्री लता श्रीवास्तव ने सामाजिक कुरीतियों पर चोट करते हुए गुनगुनाया-
अब मेरी भी सगाई होने वाली है
मेरे पापा की लुटाई होने वाली है
मां के गहने जब बिक जायेंगे
तब मेरे गहने आएंगे
बुजुर्गों की सामाजिक हालात पर चर्चा करते हुए कवि नागेंद्र सिंह ने पिता को भगवान मानने की अनुशंसा करते हुए -
जब तक शीश पर रहता पिता का हाथ,
चिन्ता,भय, कष्ट होता सबका निदान है।
सर्व शक्तिमई माता भगवती रूप है तो,
पिता के स्वरूप में प्रत्यक्ष भगवान है।।
उर्दू अदब के मशहूर शायर जनाब आदर्श बाराबंकवी ने कवि सम्मेलन को ऊंचाई पर ले जाते हुए कहा कि
तौल कर सारे शब्द कहता हूं,
अन्यथा मैं निशब्द रहता हूं ।
दर्द को शक्ल लव्ज़ की क्या दी,
उनको लगता है कि शेर कहता हूं
वही जितेंद्र श्रीवास्तव जित्तू भैया ने अपनी माशूका के संबंध में अपनी विरह वेदना को व्यक्त करते हुए कहा कि
दुइ साल से पीछे परे रहन
फोटू तकिया मा धरे रहन
वा भाग गई लल्लू संगे
हम खोपड़ी पकरे खड़े रहन
अवधी साहित्य के ऊपर विशेष कार्य कर रहे प्रदीप सारंग ने योगी - मोदी को बदलने का आवाहन करते हुए कहा कि
तू खुद ही बदल, तू खुद ही बदल, तब ही तो जमाना बदलेगा।
तू आगे कदम बढ़ाएगा, पीछे से जमाना चल देगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ओज व वीर रस की शानदार शुरूआत करते हुए धरती मां पर बलिदान करने का आवाहन करते हुए डाँ अम्बरीष अम्बर ने कहा कि
इस मादरे वतन पे जो कुर्बान हो गया ।
किरदार उसका गीता व कुरआन हो गया ।
हर आरती अजान है बस उसके वास्ते,
जो आन बान शान की पहचान हो गया।
कार्यक्रम के संयोजक वीरेंद्र विक्रम बहादुर सिंह दद्दू ने कवियों और श्रोताओं का आभार व्यक्त किया और अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने कार्यक्रम का समापन किया।
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सुमन
लोकसंघर्ष