घोर कलयुग है - 377का मुकदमा लिखवा दिया होता
अभी तक फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्र छोटे छोटे सरकारी अस्पताल में बनते लेकिन सरकार एनकाउंटर के मामलों में फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनवाती रहती थी लेकिन अब उच्च शिखर पर बैठे हुए लोग फर्जी चोटें बनवा रहे हैं। गांवों में फर्जी बलात्कार के केस लिखवाने की प्रथा है। अब सांसद जैसे महत्वपूर्ण व्यक्ति जो कैमरे की नजर में है फर्जी भर्ती होकर फर्जी मेडिकल बनवा रहे हैं। यह कहिए कि चड्डी गैंग ने अपनी सुविधा के लिए धारा 377 समाप्त करवा ली है अन्यथा 377 का मेडिकल करवा कर उसका मुकदमा लिखवा दिया होता।
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सुमन
लोकसंघर्ष