अनूप मंडल जी,
आप ने सही बात उठाई है , हिंदुत्ववादी शक्तियां यदि किसी का पुतला जलने की ख़बर सुन ले तो उसका घर फूँक देंगी उसको जिन्दा जला देंगी, ये हिन्दुत्वादी शक्तियों का एकाधिकार है । जिसमें इन अराध्य देवो क मानने वालो का कोई बस नही है । हिन्दुत्वादी शक्तियों ने सभी देवी देवताओं को ब्रांड़ के रूप में तब्दील कर दिया है , बीडी से लेकर सभी चीजो पर ,देवी देवताओं के चित्र बना कर व्यापार कर रहे है । इनके राजनीतिक लोग मर्यादा पुरषोत्तम राम को राजनीति का ब्रांड बनाये हुए है, दुर्गा जी को ब्रांड बनाये हुए है और बाबरी मस्जिद ध्वंश करके इन लोगो ने मर्यादा पुरषोत्तम राम को अपमानित किया है, पुन: वनवास दिया है। आपके शब्दों में यह राक्षस है, दुष्ट है । पहले यह ब्रिटिश साम्राज्यवाद से पोषित होते थे और अब अमेरिकन साम्राज्यवाद से इनके तनखैया पत्रकार आए दिन अमेरिका की प्रशंसा में गीत गाते नजर आते है। आपने हमसे पूछा है कि इनके ख़िलाफ़ कार्यवाही हो सकती है या नही, भारतीय दंड विधान की धारा 153 क , 153 ख , 295 क के तहत कार्यवाही सम्भव है जिसमें 3 वर्ष की सजा है । महत्त्वपूर्ण यह नही है कि उनको सजा हो या न हो । महत्वपूर्ण यह है कि उनके दो अर्थी चरित्र को समझना चाहिए । यह सब वही लोग है जिनके मुहँ में राम बगल में छूरी। मौका मिले तो यह लोग वतन बेच देंगे , हमारा तुम्हारा कफ़न बेच देंगे ।
सुमन
loksangharsha.blogspot.com
आप ने सही बात उठाई है , हिंदुत्ववादी शक्तियां यदि किसी का पुतला जलने की ख़बर सुन ले तो उसका घर फूँक देंगी उसको जिन्दा जला देंगी, ये हिन्दुत्वादी शक्तियों का एकाधिकार है । जिसमें इन अराध्य देवो क मानने वालो का कोई बस नही है । हिन्दुत्वादी शक्तियों ने सभी देवी देवताओं को ब्रांड़ के रूप में तब्दील कर दिया है , बीडी से लेकर सभी चीजो पर ,देवी देवताओं के चित्र बना कर व्यापार कर रहे है । इनके राजनीतिक लोग मर्यादा पुरषोत्तम राम को राजनीति का ब्रांड बनाये हुए है, दुर्गा जी को ब्रांड बनाये हुए है और बाबरी मस्जिद ध्वंश करके इन लोगो ने मर्यादा पुरषोत्तम राम को अपमानित किया है, पुन: वनवास दिया है। आपके शब्दों में यह राक्षस है, दुष्ट है । पहले यह ब्रिटिश साम्राज्यवाद से पोषित होते थे और अब अमेरिकन साम्राज्यवाद से इनके तनखैया पत्रकार आए दिन अमेरिका की प्रशंसा में गीत गाते नजर आते है। आपने हमसे पूछा है कि इनके ख़िलाफ़ कार्यवाही हो सकती है या नही, भारतीय दंड विधान की धारा 153 क , 153 ख , 295 क के तहत कार्यवाही सम्भव है जिसमें 3 वर्ष की सजा है । महत्त्वपूर्ण यह नही है कि उनको सजा हो या न हो । महत्वपूर्ण यह है कि उनके दो अर्थी चरित्र को समझना चाहिए । यह सब वही लोग है जिनके मुहँ में राम बगल में छूरी। मौका मिले तो यह लोग वतन बेच देंगे , हमारा तुम्हारा कफ़न बेच देंगे ।
सुमन
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2 टिप्पणियां:
बिल्कुल सही बात है. लेकिन जनता इनके चरित्र को भली-भांति समझ चुकी है. काठ की हांडी बार-बार नहीं चढती. इनकी विचारधारा में दम नहीं तभी तो इनके पास अच्छी साहित्यकार, इतिहासकार, संस्कृतिकर्मी आदि नहीं हैं. चरित्र के दोमुंहेपन से आप कुछ देर तक तो मूर्ख बना सकते हो ज़्यादा देर तक नहीं. अगर ये बात समझ में आ जाय तो जनता इन पार्टियों को हर चुनाव में कपडे की तरह क्यों बदले.
पहली बार आपके ब्लाग पर आया हूँ, साफगोई और ईमानदारी से प्रभावित हुआ ! अन्याय और दूषित परम्पराओं के खिलाफ खडा होना ही देश और धर्म का सबसे बड़ा सम्मान है ! मेरा आदर स्वीकार करें !
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