खुशबू तुम दिखती तो नहीं हो ...
पर तुम्हे महसूस करती हूँ हर पल ...!!
फूल तुम्हे मैं कैसे भूलूं ?
डाली पर उगते हो जब तुम ,
काँटों कि चुभन को सहते हुए भी ,
आँखों को यूं मूंदकर .......
वो खुशबू को जहन में भर लेते है हम ,
क्योंकि तुम पौधे पर ही खूबसूरत हो लगते ....
पहली बरसात में तपती धरती पर ,
पड़ती है बारिश की पहली बूंदें ...
धरती से उठती वो सौंधी सी खुशबू ,
होती है पहले प्यार के अहसास सी .....
खुशबू ....रिश्तों में बंधे प्यार की,
खुशबू ...वो मुस्कानों की,
खुशबू ...दोस्ती के अटूट बन्धनकी ,
खुशबू .......महकते विचारों की .......!!!!
- मीत
पर तुम्हे महसूस करती हूँ हर पल ...!!
फूल तुम्हे मैं कैसे भूलूं ?
डाली पर उगते हो जब तुम ,
काँटों कि चुभन को सहते हुए भी ,
आँखों को यूं मूंदकर .......
वो खुशबू को जहन में भर लेते है हम ,
क्योंकि तुम पौधे पर ही खूबसूरत हो लगते ....
पहली बरसात में तपती धरती पर ,
पड़ती है बारिश की पहली बूंदें ...
धरती से उठती वो सौंधी सी खुशबू ,
होती है पहले प्यार के अहसास सी .....
खुशबू ....रिश्तों में बंधे प्यार की,
खुशबू ...वो मुस्कानों की,
खुशबू ...दोस्ती के अटूट बन्धनकी ,
खुशबू .......महकते विचारों की .......!!!!
- मीत
5 टिप्पणियां:
सच्चाई से लिखी गयी रचना को नमन, बधाई
आप बहुत सुन्दर लिखते हैं। आप बहुत बार मेरे ब्लॉग पर आये लेकिन मैं न आ सका। कुछ कारण हैं जिन्हें किसी और समय बताया जाये तो बेहतर है। आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।
बेहतरीन। लाजवाब।
खुशबू ....रिश्तों में बंधे प्यार की,
खुशबू ...वो मुस्कानों की,
खुशबू ...दोस्ती के अटूट बन्धनकी ,
खुशबू .......महकते विचारों की ......
मीत जी की कलम की खुशबू मुझे इस ब्लाग तक खींच लाई वर्ना आज कल नेट प्क़र कम ही आ पा रही हूँ। बहुत सुन्दर कविता है बधाई।
sunder rchna...badhayee sunder bhavon avm shbdon keliye.....
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