रविवार, 10 अप्रैल 2011

यक्षः प्रश्न ?


अजादी तो मिल चुकी थी,
फिर ये बर्बादी है क्यों?
पेट नहीं पल पा रहा है,
फिर इतनी आबादी है क्यों?
जो आया नहीं इस जहां में अभी,
वो कर्जे में डूबा क्यों?
संसद में है विकास देश का,
फिर ये झगडा होता है क्यों?
एक दूसरे पर तीर चलाते,
अपनों पे गुर्राते क्यों ?
साथ निभा पाते नहीं हैं,
फिर गठबंधन करते क्यों?
सबके लिये कानून बना है,
फिर उल्लंघन करते क्यों?
नारी पूजा की है देवी,
फिर ये अंगप्रदर्शन क्यों?
भारत मां के चरणों में,
ये झूठा वंदन है क्यों?
पढने वाले पढ़ते नहीं है,
फिर भी पास होते हैं क्यों?
हर महीने वेतन है पाते,
फिर रिश्वत लेते हैं क्यों?
हाय 'नवीन' हम सब युवा मिलकर,
भारत भव्य बनायें,
सपने जो देखें अपनों ने,
सच कर के दिखलायें,
प्यार मोहब्बत से रहें हम,
दुश्मन को भगा देगें,
भष्टाचारी और बेईमानी,
जड से हम मिटा देगें,
गुजर चुके जो नहीं रहे अब,
सबका था आह्वाहन
विश्व में सबसे ऊपर हो,
भारत देश महान
मेरा भारत महान..........
मेरा भारत महान..........

नवीन सेठ
मोबाइल- 9335672174

1 टिप्पणी:

Udan Tashtari ने कहा…

मेरा भारत महान

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