रविवार, 29 जुलाई 2012
सूर्य भी शरमाया होगा
वरिष्ठ राजनेता श्री नारायण दत्त तिवारी के डी.एन.ए टेस्ट के बाद यह साबित हो गया है कि वह रोहित तिवारी के पिता हैं। समान्य जिंदगी में इन चीजों का कोई विशेष अर्थ नहीं है जैविक संरचना के निर्माण में यह चीजें आम हैं किन्तु तिवारी जी के समर्थन में लिखे जा रहे आलेख में उनको सही साबित करने के लिये तरह-तरह के कुतर्क गढ़े जा रहे हैं। कुतर्क गढ़ने वाले लोग तिवारी जी को सूर्य की उपमा देने से भी नहीं चुके जब वह यह उपमा दे रहे होंगे तब उबके मन में यह नहीं होगा कि यशस्वी कर्ण की जीवन भर क्या मनोदशा रही है। तिवारी जी को सूर्य की उपमा देना सूर्य का अपमान है। हाँ रोहित तिवारी को कर्ण कहा भी जाए तो शायद ज्यादा ठीक होगा। पर उपदेश कुशल बहुतेरे ....की बात सही साबित होती है। तिवारी जी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री आन्ध्र प्रदेश के राज्यपाल तथा भारत सरकार में विभिन्न विभागों के मंत्री रहे है। उनके कर कमलों से हजारों लाखों साहित्यकारों, नीति निर्देशकों ने समय समय पर सम्मान ग्रहण किया है और बहुत सारे उपदेश, नीति कथन तिवारी जी से सुने होंगे किसी भी व्यक्ति का जीवन अय्याशी पूर्ण है वह उसके व्यक्तिगत जीवन का हिस्सा नहीं होता है और बड़े राजनेताओं को अपने चरित्र से यह साबित करना होता है की वह आम जनों से अलग हैं। आन्ध्र प्रदेश के गवर्नर हाउस का मामला क्या शर्मनाक नहीं है ? उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में तिवारी जी के सम्बन्ध में विभिन्न प्रकार के किस्से आज भी प्रचलित हैं। उससे शर्म नहीं आती है श्रीमती उज्ज्वला शर्मा धन्य हैं, उनका पुत्र धन्य हैं जिसने आधुनिक सूरज को दीपक दिखा कर उसकी रोशनी धीमा कर दिया है। शर्मनाक यह भी है कि कुछ लोग श्री तिवारी जी के शर्मनाक कार्यों को जायज ठहराने का कार्य कर रहे हैं। शर्मनाक उन लोगों के लिये भी है जिन्होंने हैं तिवारी जी से सम्मान, उपहार ग्रहण किया होगा। आज सूर्य भी अपनी उपमा ऐसे व्यक्तियों के बराबर सुनकर शरमाया होगा।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
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6 टिप्पणियां:
यदि सूर्य की छवि ऐसी होगी तो फिर हो गया...
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
सूर्य को दीपक दिखाने से उसकी चमक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है!
मगर लोग पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर सभी तरह की पोस्ट लगाते हैं और लगाते रहेंगे।
सूर्य को दीपक दिखाने से उसकी चमक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है!
मगर लोग पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर सभी तरह की पोस्ट लगाते हैं और लगाते रहेंगे।
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार को ३१/७/१२ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चामंच पर की जायेगी आपका स्वागत है
This all does not have any impact on great ness of sh N . D .Tiwari
आचार्य जे बी कृपलानी की 'प्रजा सोशलिस्ट पार्टी' से राजनीति शुरू करने वाले तिवारी जी के कृत्य अक्षम्य और अशोभनीय एवं घोर निंदनीय हैं।
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