रविवार, 5 अगस्त 2012

खेल में अमेरिकी गुंडागर्दी

विकास कृष्ण


अमेरिकी साम्राज्यवाद का दबदबा दुनिया के हर क्षेत्र में हो गया है। स्तिथि यहाँ तक ख़राब हो गयी है कि लन्दन ओलम्पिक में जीते हुए खिलाडियों को हरा दिया जा रहा है और हारे हुए खिलाडियों को विजयी घोषित किया जा रहा है। जिसका परिणाम भारत को भी भुगतना पड़ा है। जिसके दो उदहारण आ चुके हैं लंदन ओलिंपिक, 2012 में भारत के साथ गुंडागर्दी हुई है। 69 किलोग्राम वर्ग में भारत के बॉक्सर विकास कृष्ण की अमेरिकी मुक्केबाज एरोल स्पेंस पर जीत के फैसले को बदलते हुए बाद में उन्हें हारा हुआ बता दिया।
शुक्रवार देर रात खेले गए मैच में पहले विकास को 13-11 से जीता हुआ बताया गया था। लेकिन मैच खत्म होने के कुछ घंटों बाद मैच का नतीजा पलटते हुए विकास को 15-13 से हारा हुआ बता दिया गया।
भारत के बॉक्सर सुमित सांगवान की हार पर कमेंटेटर ने कहा था कि यह दिनदहाड़े डकैती है। जब भारत ने उस फैसले को लेकर विरोध जताया तो कोई सुनवाई नहीं हुई। लेकिन ताज़ा मामले में अमेरिका की अपील को मानते हुए मैच के फैसले को पलट दिया।
इन उदाहरणों से यह साबित होता है कि अमेरिका अपनी साम्राज्यवादी ताकत का इस्तेमा खेल के मैदान में भी कर रहा है पूरी दुनिया को अप्रत्यक्ष रूप से गुलाम बनाने का उसका यज्ञ जारी है। वह अपनी गुंडागर्दी के बल पर सब कुछ अपने हिसाब से करवाने का आदि हो चुका है और गुलाम मानसिकता वाले लोगों की मजबूरी है कि उसकी चापलूसी में लगे रहें यही उनका स्वभाव है।













सुमित सांगवान


सुमन
लो क सं घ र्ष !

2 टिप्‍पणियां:

रविकर ने कहा…

बाक्सिंग बाउट का रिजल्ट, हो विकास की हार |
ओबामा तू मित्र कस, भारत से कस प्यार ?

भारत से कस प्यार, सैकड़ों मेडल तेरे |
कैसे पूरूं चार, फैसले बदले मेरे |

एमेच्योर यह संघ, करे हर दिन मनमानी |
खारिज करे अपील, सुने न राम कहानी ||

रविकर ने कहा…

हिंदी चीनी फिर हुवे, भाई भाई राम |
कांस्य-पदक के खेल में, प्लेयर हो नाकाम |
प्लेयर हो नाकाम, जिताती है भारत को |
अमरीका उद्दंड, चाहे जितना भी बक्को |
मनमानी का राज, राज सभी खेलों में |
अंधा है कानून, अकड़ भरता चेलों में ||

Share |