"सावधान रहें" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
स्वास्थ्यवर्धक के नाम पर लूट!
आदरणीय स्वामी जी!
आपकी बात मानकर मैं स्थानीय पतंजलि क्रयकेन्द्र पर गया तो वहाँ 5 अनाजों से निर्मित स्वास्थ्यवर्धक आटो का दाम पचास रुपये किलो था। इससे मेरा माथा ठनका कि चना के छोड़कर ज्वार, बाजरा. मक्की तो गेहूँ से कम दाम वाले अनाज हैं, फिर स्वास्थ्यवर्धक के नाम से बिकने वाला आटा इतना मँहगा कैसे हो गया?
हम लोग चक्की का पिसा शुद्ध गेहूँ का आटा 17 रु. किलो लाते हैं और ब्राण्डेड पैक आटा 18 रुपये किलो के हिसाब से मिलता है।
मैंने बाजार से 2 किलो बाजरा 24 रुपये में, 2 किलो मक्का 24 रुपये में, 2 किलो ज्वार 20 रुपये में और दो किलो चना 90 रुपये में खरी दा और इसमें 15 रुपये किलो के भाव से 10 किलो गेहूँ 150 रुपये में खरीद कर मिलया। पिसाई के 40 रुपये भी इसमें जोड़ दे तो 20 किलो आटे का दाम 348 रुपये ही हुआ। जिसकी शुध्दता की भी गारंटी है। अर्थात यह स्वास्थ्यवर्धक आटा मुझे 17 रुपये पचास पैसे किलो पड़ा। फिर आपका यही आटा पचास रुपये किलो कैसे हो गया? क्या आम आदमी के बजट का यह आटा है? स्वास्थ्यवर्धक नाम पर 50रुपये किलो आटा बेचना तो सरासर लूट है। क्या यही स्वदेशी आन्दोलन है। यह तो वही बात हुई कि स्वदेशी पहनो और गांधी जी के नाम से चल रहे श्री गान्धी आश्रम में अपनी जेब कटावा कर घर आ जाओ।
आप राजनीतिक दलों को भ्रष्ट करार देते हैं लेकिन नैतिकता की आड़ में आप सन्यासी होकर अन्धाधुऩ्ध कमाई करने में लगे हो।
आप भी तो जनता की भावनाओं को भुनाकर अपने बन्धु-बान्धवों को सीधे रूप में धनवान बनाने में तुले हो! फिर क्या अन्तर रह जाता है आपमें और आपके द्वारा कथित भ्रष्ट राजनेताओं में।
स्वामी जी!
मैं आप अपने प्रवचन में अक्सर कहते हैं कि आपने घोर गरीबी का जीवन जिया है। लेकिन अब आपके पास परोक्षरूप में अकूत सम्पत्ति है। इसका राज़ मेरी तो समझ में अब खूब आ गया है। बहुत से उद्योगों का स्वामी आपका ट्रस्ट है। विशाल और भव्य पतंजलि योग संस्थान का भवन इसका गवाह है। जहाँ अपने इलाज के लिए जाने वाले रोगियों के लिए होटलों से भी मँहगे हैं। जिनमें ठहरना आप आदमी के बस की बात नहीं है। आपने गरीवी देखी है तो गरीबों के लिए इस चिकित्सापीठ में कौन सी सुविधा प्रदत्त है। मैंने आपके चिकित्सकों और कर्मचारियों का भी व्यवहार देखा है। जहाँ आम आदमी को दुत्कार धनवानों को प्यार के अलावा कुछ भी तो नहीं है।
अब समय आ गया है कि जनता कथित भ्रष्ट नेताओं से तो सावधान हो ही और साथ में आपके जैसे गेरुए वस्त्रधारी बाबाओं से भी सावधान रहें!
13 टिप्पणियां:
योग सिखाकर बन गये,रामदेव से बाबा
लूट रहे खुले आम,करे ईमान का दावा,,,,,
RECENT POST : गीत,
.
.
.
क्या फिजूल का सवाल उठाते हैं आप ? कैसे राष्ट्रवादी हैं आप? क्या हुआ जो बीमारियों से डरा कर स्वास्थ्यवर्धक आटा बेच बाबा थोड़ा मुनाफा कमा रहे हैं ? भूल गये क्या कि वे ही कालेधन व भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐतिहासिक व निर्णायक लड़ाई के महानायक हैं ?...
... ;)
...
शाबाश! खूब पकड़ा इस ढोंगी रामदेव की असलियत को! जो भी डुबकी लगा कर पानी पीता है, उसके गले में टेंगना तो अटकता ही है.
जय हो इन धंधेबाज की
जागो इंडिया जागो
श्रम का कोई मूल्य नहीं शामिल किया आपने अपने जोड़ भाग में. शायद आपकी नजर में श्रम का कोई मूल्य नहीं है. आप क्या चाहते हैं इस काम में लगे लोग मुफ्त में काम करें? मैं किसी का समर्थक या विरोधी नहीं लेकिन बात मुद्दों और तथ्यों पर होनी चाहिए. जब आप कई देशी-विदेशी कंपनियों का मल्टीग्रेन आटा इसी मूल्य पर खरीद सकते हैं तो रामदेव का आटा खरीदने में क्या बुराई है. एक बात और मल्टीग्रेन आटा आम लोगों के लिए नहीं है और जो लोग इसे खरीदते हैं उनकी सोच होती है कि महंगा है तो बेहतर है. मैं बाबा का बचाव नहीं कर रहा. लेकिन बात तथ्यों पर होनी चाहिए. अभी मैं गेहूं खरीदने गया तो चक्की वाला 20 रुपये किलो रेट बता रहा था और आप 15 रुपये, जो शायद मंडी का रेट है. क्या मंडी आने-जाने और वक्त जाया करने की कोई कीमत नहीं है?
baki logo ne bhi wah aata nahi khaya hoga. 50 rupye kilo wala aata navratn aata hai usme 9 chije hain. aap loktantra me khulkar burai kar sakte hai lekin jhoot to mat boliye..
http://www.easygroceryoncall.com/patanjali-aarogya-navratna-atta-2kg.html
दुष्प्रचार के लिए लिखा गया यह पोस्ट मेरे मित्रों ने बिना समझे हुए शेयर किया है या फिर लेखक किसी नकली पतंजलि आर्युवेद की दुकान पर पहुँच गए है .50 रूपये किलो वाला आटा खाना सबके बस की बात तो नहीं है लेकिन मैंने इस आटे का स्वाद तो लिया है . यह "पतंजलि नवरत्न आरोग्य आटा" है जो 100 रूपये में दो किलो मिलता है इसमें नौ चीजे मिली हुई हैं जो क्रमशः गेहूं, जौ,चौलाई ,मक्का ,ज्वार,चना ,बाजरा,सोयाबीन और सिंघारा है ...
अरे भाई कुत्तो को किसलिए पाला जाता है...
उनकी खुद की कोई समझ नहीं होती....
कुत्ते हमेशा अपनी मालकिन के इशारे की प्रतीक्षा करते है
बदले में मालकिन कुत्तो को चबाने के लिए एक - दो मासल बोटी फेंक देती है
कुत्ते उसी में अपना सम्मान समझते है ....
2
कुछ भी हो मेरे तो 100 रूपये गए ।।।अब नही खरीदनी
Multigrain आटा बाज़ार में 150-200 रु किलो तक भी है और वो गोरख धंधा नहीं है
पेप्सी और Coca-Cola जैसी कम्पनीया पानी बेच कर लूट रही है वो गोरख धंधा माही है
स्वास्थ्य सम्हालो विकल्प अमीरों का है अन्यथा रोज कूआँ खोदकर पानी पीने वाले पेट भरने से वास्ता रखते हैं।
अब 7 वर्ष बाद बाबा के बारे मे क्या कहना चाहेंगे
एक टिप्पणी भेजें