मुंबई आतंकी घटना में जीवित पकडे गए आमिर अजमल कसाब को आज संवैधानिक व्यवस्था के तहत फांसी दी गयी। इस फांसी के बाद अगर लोगों की यह सोच हो कि आतंकवाद से छुटकारा मिल जायेगा तो यह संभव नहीं है। मुंबई आतंकी घटना की मुख्य सूत्रधार आई एस आई पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का नाम मुख्य रूप से आया था। आई एस आई को अमेरिकी साम्राज्यवाद का खुला समर्थन प्राप्त है। अफगानिस्तान में सोवियत यूनियन की दखलंदाजी के बाद अमेरिकी साम्राज्यवादियों ने अथाह रुपया व हथियार, ट्रेनिंग पाकिस्तान के नागरिकों को दिए थे। पूरी दुनिया में इजारेदार कंपनियों की लूट और मुनाफा कमाने की नीति ने राज्य द्वारा प्रायोजित आतंक वाद को जन्म दिया है। कभी परमाणु हथियारों के नाम पर, कभी लोकतंत्र के नाम पर, कभी न्याय और समानता के नाम पर राज्य द्वारा प्रायोजित आतंकवाद दिखाई देता है। मुबई आतंकी घटना में भी राज्यों द्वारा आतंक फ़ैलाने का नमूना मात्र ही था। राज्य इजारेदार कंपनियों द्वारा संचालित हो रहे हैं। दुनिया में कुपोषण, भूख, अशिक्षा जैसे मुद्दों के उन्मूलन में जो रुपया खर्च होना चाहिए। वह रुपया इजारेदार बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खजाने में मुनाफे के रूप में जा रहा है। गरीबी बढ़ रही है जिस कोई उपचार राज्य द्वारा नहीं किया जा रहा है। जो भी नीतियाँ या कानून बनाये जा रहे हैं वह बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हितों के अनुरूप उनके मुनाफे को बढाने के लिए है। आज विभिन्न देशों की सेना में लड़ने वाले लोग बेरोजगारी के कारण भी उनमें भर्ती होते हैं जिन लोगों को यह अवसर नहीं मिलता है वह भूख और प्यास के कारण संगठित अपराधी गिरोहों, आतंकी गिरोहों में भर्ती होते हैं। उसके पीछे उनकी मंशा यह होती है कि कुछ दिन जिए लेकिन सुख से जिए।
आज जरूरत इस बात की है कि एक मानवीय व्यवस्था कायम हो। जिसमें हर मानव का सम्पूर्ण विकास हो। भूख और प्यास समाज में न रहे जिससे कसाब या कसाब जैसे बहुत सारे आतंकी पैदा ही न हो सके। यह तभी संभव है जब साम्राज्यवाद जो आतंकवाद का प्रमुख केंद्र है, का खात्मा हो क्यूंकि साम्राज्यवाद के पास कसाब जैसे लाखों भाड़े के टट्टू आतंकी हैं।
सुमन
2 टिप्पणियां:
व्यक्ति के तौर पर कसाब गरीबी की ट्रेजेडी है. असली गुनहगार तो बाहर हैं.
WAH JI APKA BAS CHALTA TO AP USKO BHI BEKASOOR BATNE ME PEECHE NAHI RAHTE. AP JAISE GAIRZIMMEDAR LOGON K KARAN HI IN AATANKVADIYON KI ITNI HIMMAT BADH GAYI HAI
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