स्वतंत्रता
दिवस पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में संगोष्ठी विवाद में विहिप के वरिष्ठ सदस्य आचार्य धर्मेंद्र ने स्वतंत्रता
दिवस को काला दिवस बताया .बृहस्पति भवन में "बलिदानों की अपूर्व गाथा" विषय पर आयोजित संगोष्ठी में आचार्य धर्मेंद्र विशिष्ट अतिथि के तौर थे।
आचार्य धर्मेंद्र ने क्रांतिवीरों के योगदान पर बोलने से
पहले स्वतंत्रता दिवस को काला दिवस बताकर सबको चौंका दिया। लाल किले से
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन को बकवास बताते हुए तीखे शब्दों का
प्रयोग किया। कहा कि नरेंद्र मोदी सवा सौ करोड़ की बात कर हिदुओं का मनोबल
तोड़ता हैं।
पाकिस्तान, अनुच्छेद 370, गोहत्या और राम मंदिर पर एक
शब्द नहीं बोलता, ऐसा व्यक्ति देश को डुबो देगा।
आचार्य धर्मेंद्र के जाने के बाद मुख्य
अतिथि संगीत सोम ने मंच संभाला। कहा कि धर्मसेवकों को राजनीति से दूर रहते
हुए समाज को दिशा देनी चाहिए।लेकिन जब काग्रेस का शासन हो तो उसको उखाड़ने का इन धर्म सेवको की मदद ली जाए
इस तरह से रंगे सियारों ने अपनी खाले उतरनी शुरू कर दी यह वही लोग है जो धर्मसेवक का बिल्ला लगा कर अंग्रेजो की मुखबिरी किया करते थे और आज अमरीकी की गुलामी करने के लिए देश को उस दिशा में ले जाना चाहते है
विहिप आर आर एस का एक अनुसांगिग संगठन है इसका भी देश की आज़ादी की लड़ाई से कोई सम्बन्ध नही रहा है हाँ! आज जरुर इस संगठन के लोग देश भक्ति - राष्ट्रभक्ति का प्रमाणपत्र जारी करने का कार्य कर रहे है -अपना प्रणामपत्र अमरीका व इजरायल के पास गिरवी रख आए है
----सुमन
लो क सं घ र्ष !
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