शुक्रवार, 6 अप्रैल 2018

वेतन नहीं मिलने पर महिला कर्मचारियों ने खाया जहर

           राजधानी लखनऊ के विभूतिखंड थाना क्षेत्र में उस समय अफरातफरी मच गई जब एक लड़की को सीएम हेल्पलाइन से बेहोशी की हालत में आने की  सूचना मिली। लोहिया अस्पताल के डॉक्टर हेल्पलाइन से गंभीर हालत में लाई गई युवती का इलाज भी नहीं कर पाए थे कि कई अन्य लड़कियों के बेहोशी की हालत में अस्पताल पहुँचने के आँकड़े बढ़ते गए। हॉस्पिटल में पहुंँची लड़कियों ने आरोप लगाया कि हेल्पलाइन में मौजूद आशुतोष मिश्रा टीम लीडर, अनुराग गुप्ता सुपरवाइजर, बजरंग असिस्टेंट टीम लीडर व अर्पित धवन इंचार्ज हैं। बेहोशी की हालत में आई युवतियों ने इन सभी पर छेड़खानी करने और कमरे में बंद कर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।
             मिली जानकारी के अनुसार एक लड़की ने बताया कि वह कई दिनों से बीमार चल रही थी उसको फोन कर घर से जबरन बुलाया गया। वहीं लड़कियों ने यह आरोप भी लगाया कि साइबर टॉवर में पहुँचते ही सभी के मोबाइल फोन छीनकर सबको एक कमरे में बंद कर सादे कागज पर साइन करने की बात कही गई। ऐसा नहीं करने पर उनके साथ छेड़खानी व वीडियोग्राफी कर प्रताड़ित करना शुरू कर दिया गया जिससे साइबर टॉवर में बंधक बनी लड़कियाँ बेहोश होकर गिरने लगीं। वहाँ मौजूद स्टाफ ने लड़कियों को बेहोशी की हालत में लोहिया अस्पताल पहुँचाया। जहाँ डॉक्टरों द्वारा उनका इलाज किया जा रहा है।
    पीड़ितों ने बताया कि चार महीने से उन्हें बिना वेतन दिए उनसे काम करवाया जा रहा था। सैलरी माँगने पर उन सभी लड़कियों को प्रताड़ित किया जा रहा है।

सीएम हेल्प लाइन की लड़कियों ने  पुलिस पर भी लगाया आरोप

    हॉस्पिटल में भर्ती हुई युवतियों ने बताया कि कई दिनों से उन सभी को प्रताड़ित कर उनसे छेड़खानी की जा रही थी। युवतियों ने कहा कि उन्होंने इस बारे में विभूतिखंड थाने में तहरीर देकर एफआईआर लिखने की बात कहीं, लेकिन थानाध्यक्ष ने आक्रोश में आकर सबको थाने से भगा दिया। इतना ही नहीं थानाध्यक्ष ने उन्हें जेल भेजकर उनकी जिंदगी बर्बाद करने की धमकी भी दी।
    आरोप है कि पुलिस पीड़ितों की कोई सुनवाई नहीं कर रही, उल्टा पीड़ितों को ही हवालात में डालने की बात कर रही है। जिससे आक्रोश में आए पीड़ित लड़कियों के परिजन और युवतियों ने अस्पताल में मौजूद दरोगा पर गुस्सा प्रकट करते हुए गालियां देनी शुरू कर दीं। लड़कियों के इस बयान से सीएम हेल्प लाइन में तैनात पूरा स्टाफ आरोपों के कटघरे में खड़ा हो गया है। इतना ही नहीं लड़कियों के बयान से विभूतिखंड थाने के थानाध्यक्ष पर भी लापरवाही बरतने और सीएम हेल्पलाइन में तैनात स्टाफ के साथ उनकी मिलीभगत होने के भी आरोप लगने लगे हैं। पीड़ित लड़कियों के परिजनों का कहना है कि सीएम योगी एक तरफ दावा करते हैं कि यूपी पुलिस सबके साथ पूरा न्याय करेगी पर हो इसका उल्टा रहा है। पीड़ितों को थानों से भगाया जा रहा है और दोषियों को संरक्षण दिया जा रहा है। पीड़ित लड़कियों के परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से विभूतिखंड थाने के 
थानाध्यक्ष के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की माँग की है। पीड़ितों के परिजनों का कहना है कि जब सीएम हेल्पलाइन में लड़कियों के साथ छेड़खानी कर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है, तो अन्य विभागों में कार्य करने वाली लड़कियों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता होगा इसका अंदाजा स्वतः लगाया जा सकता है।  

-अनूपमणि त्रिपाठी 
मो. 09956789394
लोकसंघर्ष पत्रिका मार्च 2018 में प्रकाशित 

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