गुरुवार, 19 मार्च 2020

जलती दिल्ली में भी सौहार्द का माहौल


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सुनील कुमार / अशोक कुमारी
दिल्ली के दंगे में सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को है जो मानवता में विश्वास करते हैं। उन्हें बार-बार अपने आप को साबित करना पड़ता है कि वह दंगाई नहीं है, वह हिन्दू-मुसलमान नहीं वह इंसान है। इस तरह की परीक्षा उन्हें हर बार देना पड़ती है जिससे भी बात करनी हो कुछ लोग विश्वास करते हैं कुछ नहीं, हमेशा  अविश्वास के नजर से देखा जाता है जैसे कि कोई जासूस आ गया हो और उसका हाथ खून से रंगा हो। ऐसी ही तहकीकात करने हम उत्तर पूर्व दिल्ली के दंगा ग्रस्त ईलाकों में गए। जहां विचलित खबरों के बाद कुछ शकून देने वाली खबरें भी मीडिया में मिलती रही हैं ऐसी ही कुछ खबरें हमें इन दंगा प्रभावित इलाकों से भी मिली।
मैं स्कूल दिनों से लेकर कॉलेज के दिनों तक माता-पिता के घर घोण्डा के विजय मार्ग में रह कर पली बढ़ी हूं। दंगे की खबर सुनकर अचानक मेरे दिमाग में यहां बिताएं समय की कई बातें सजीव रुप धारण कर ली जो इन इलाको से जुड़ी हुई है। मौजपुर, भजनपुरा और घोंडा ब्रह्मपुरी हिन्दु बहुल क्षेत्र है जहां मुस्लिम आबादी भी साथ में मिलजुल कर रहती आई है। घोंडा से सटा एरिया है नूरी इलाही जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है अक्सर घोंडा और मौजपुर के हिन्दु लोग शनिवार को नूरी का बाजार घूमने जाते है क्यांकि वहां सितारे और मोतिया बहुत वाजिब दाम में मिल जाया करते है इसी प्रकार से प्रत्येक गुरुवार को सीलमपुर बाजार मुस्लिम कढ़ाई वाले सूट के लिए प्रसिद्ध है। घोण्डा मौजपुर भजनपुरा में हिन्दु घरों के लोग मुस्लिम परिवारों को मकान किराये पर देना पसन्द करते हैं। घोण्डा से सटा एरिया है नूरी इलाही जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है अक्सर घोण्डा और मौजपुर के हिन्दु लोग शनिवार को नूरी का बाजार घूमने जाते हैं क्योकि वहां सितारे और मोतिया बहुत वाजिब दाम में मिल जाया करते है इसी प्रकार से प्रत्येक गुरुवार को सीलमपुर बाजार कढ़ाई वाले सूट के लिए प्रसिद्ध है। जब मै वहां रहती थी तब मेरा भी यमुना पुस्ता से लेकर शाहदरा तक के एरिये जिसमें सीलमपुर जाफराबाद, ब्रह्मपुरी घोंडा, मौजपुर गोकुलपुरी शामिल है’ सभी जगह घूमते थे क्योकि मेरे स्कूल के सहपाठियों का घर इन सब एरिया में था और हम उनसे दिवाली और नए वर्ष पर जरुर मिलने जाया करते थे। हिन्दु मुस्लिम कोई घर नही छूटता था। मेरे पिताजी के एक खास दोस्त नईम हुआ करते है जिनसे हम हर ईद पर उम्मीद करते थे कि वो आज ईद कि मिठाई देने आयेंगे, वहीं मुल्ला जी होते थे जो कि हमारे किरायेदार थे जिनकी बेटियों की सुन्दरता मै हमेशा देखा करती थी। आज इन दंगो ने यह भाई चारा छीन लिया और सालो से बने दोस्त एक दूसरे को शक की नजरो से देखने लगे। 
जब हम लोगों ने उत्तर पूर्व दंगा-ग्रस्त इलाकों में सुना कि मुसलमान लोग ब्रह्मपुरी इलाके के घरों में काट मार मचाये हुए हैं। ऐसी ही बात दूसरे पक्ष के लोग भी बोल रहे थे कि ब्रह्मपुरी इलाके में हिन्दु लोग मुसलमानों को काट रहे हैं, कोई खबर बाहर नहीं आ पा रही है। हम 28 फरवरी, 2020 को अपनी एक मित्र के साथ उनके जानने वाले के घर ब्रह्मपुरी पहुंचे। उनके 16 वर्षीय बेटे के हाथ में मोबाइल था उसने एक व्हाट्सअपग्रुप में एक विडियो दिखाया जिसमें ब्रह्मपुरी गली नं. 1 में विनोद कुमार को पीट-पीट कर मारे जाने का विडियो हैं। उसी ग्रुप में एक ऑडियो संदेश था जिसमें कहा जा रहा था कि हिन्दु भाई, मुस्लिम रणनीति के तहत पीछे हट रहे हैं वह रात के तीन बजे हम पर हमला करेंगे ऐसा मस्जिदों से ऐलान हुआ है। विनोद कुमार की हत्या 24 तारीख को रात में हुई थी उसके बाद इस तरह का कोई दुखद समाचार इस इलाके में नहीं हुआ। माहौल तनावपूर्ण है लोग रात भर जगकर अपने अपने कॉलोनियों में पहरे दे रहे हैं दुकाने बंद हैं, गलियां सुनी पड़ी है, नौजवानों का झुंड गलियों के मुहाने पर मिलेंगे। सभी लोग कह रहे हैं कि वह रात में सोते नहीं है गलियों में पहरा देते हैं। ब्रह्मपुरी के एक इलाके के गलियों में हरेक घर पर भगवा झंडे लगे हुए हैं और मुख्य सड़क पर कई प्लेकार्ड लगा हुआ है ‘‘हम नागरिकता संशोधन कानून (सी.ए.ए.) का पूरजोर समर्थन करते हैं, राष्ट्रहित में वोट करें।’’ यह सब देखकर ऐसा लगा कि काफी तनाव है  लोग डरे सहमे अपने घरों में कैद हैं। यह इलाका घोण्डा विधान सभा में आता है जहां पर बीजेपी अपने आठ सीट में सबसे ज्यादा वोट से जीती है।
मैं ब्रह्मपुरी गली नं. 1 से बुध बाजार मेन रोड, घोण्डा की तरफ बढ़ा 100 मीटर आगे देखा गया कि सिख समुदाय के लोग दूध और ब्रेड लोगों को बांट रहे थे। इससे मन में एक आशा जगी कि सभी जगह नफरत की भावना नहीं है। करीब 100 मीटर और आगे जाने पर एक गली के नुक्कड़ पर कुछ लोग दिखे जहां पर एक बोर्ड लगा था उस पर अंकित था श्रीमती दुर्गेश तिवारी, निगम पार्षद, गली नं. 6, एल ब्लॉक गौतम विहार, मस्जिद शान-ए-मुस्तफा। यह जगह विनोद कुमार की हत्या की जगह से 200 मीटर दूरी पर था। लोगों से बात होने लगी तो उन्होंने बताया कि हम हिन्दु-मुसलमान मिल कर रहते हैं हम लोग मिल कर पहरा देते हैं जिससे कि बाहरी लोग आकर दंगा न फैला पाएं। गली नं. 7 में रहने वाले राहुल वर्मा (30) और दीपक बताते हैं कि दंगा नेता लोग भड़काते हैं। लोगों को अफवाह पर ध्यान नहीं देना चाहिए। अगर लोगों को आस-पास में कोई शिकायत है तो उसके जगह बात करना चाहिए। नेता लोग मुद्दे से लोगों को भटका रहे हैं। दंगा लूट पाट करने के लिए होता है और इसमें बेरोजगारों की मुख्य भूमिका होती है।
साथ में ही खड़े शकील अहमद ने बताया कि 25 फरवरी की रात 2 बजे के करीब दो लड़के बुलेट से आये थे जब वे लोग उनसे पूछताछ करने लगे तो बोले कि हम रास्ता भूलकर इधर आ गये थे। उन्होंने यह भी बताया कि 27 तारीख को 25-30 लोगों का झूण्ड हाथ में डंडे लेकर जय श्री राम का नारा लगाते हुए रोड से गुजरा। पास में खड़े हुए एक व्यक्ति ने कहा कि यहां धारा 144 लगा है और लोग झूंड में घूम रहे हैं यह कैसा 144 धारा है। 6 नम्बर गली में 4 हिन्दू के परिवार है और बाकी परिवार मुस्लिम है लेकिन यहां पर हिन्दु अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं। गली नं. 6 के सामने ही एक बर्तन की दुकान है जो कि किसी यादव जी का है वह भी बातचीत में हिस्सा लेते हुए कहते हैं कि हम लोगो में आपस में कोई तनाव नहीं है हम लोग पहरा दे रहे हैं कि बाहरी लोग नहीं आ सकें। विनोद कुमार अरविन्द नगर के खजूर वाली गली के रहने वाले थे। यही वह तस्वीर है जो 200 मीटर दूरी पर दिए हुए घाव को कम कर सकता है। मोहल्ले में एक आदमी की मृत्यु, बाहरी लोगों के उकसावे भी यहां के हिन्दु-मुस्लिम सौहार्द को कम नहीं कर पाया। काश, यही दृश्य उन लोगों को भी दिखता जो 200 मीटर दूरी पर हिन्दू-मुस्लिम करते हुए तनाव में जी रहे हैं, अपने-अपने गलियों के नुक्कड़ तक सीमित होकर रह गए हैं।

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