देश में जनता कर्फ्यू के दौरान प्रधानमंत्री की सलाह पर मीडिया चिकित्सक व कोरोना के खिलाफ कार्य कर रहे लोगों के उत्साहवर्धन के लिए 5 बजे ताली संघ घड़ियाल थाली बजाने का आवाहन किया गया था जिस पर जनता ने जलूस निकालकर इन कर्मियों का उत्साहवर्धन किया था पीलीभीत जैसे शहर में जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने इन लोगों का उत्साह बढ़ाने के लिए घंटा घड़ियाल बजाते हुए जुलूस निकाला था। लेकिन वास्तविकता यह है चिकित्सकों का उत्साह योगी पुलिस ने डॉक्टर के ऊपर लठ्ठ बजा कर उत्साहवर्धन कर दिया है। लखीमपुर में तैनात वरिष्ठ फिजीशियन व प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के जिलाध्यक्ष डॉ आर एस मधौरिया की पिटाई एल आर पी पुलिस चौकी लखीमपुर पुलिस द्वारा पिटाई कर दी गई डॉ मधौरिया कोरोमा के संबंध में ट्रेनिंग लेने लखनऊ जा थेउसके लिए उन्हें लखनऊ बुलाया गया था और पुलिस ने उनकी पिटाई कर दी जिससे लखीमपुर जनपद में डॉक्टर व संबंधित स्टाफ हड़ताल पर चले गए हैं वही हल्द्वानी में सुशीला तिवारी हॉस्पिटल से संबंधित कर्मचारी जब ड्यूटी के लिए घर से निकले पुलिस ने लठ्ठ बजा कर उनका ही करोना भगा दिया।
दिल्ली में पत्रकारों का कोरोना पीट भगाया गया है। तालियों से किए गए स्वागत को फीका कर दिया।
बनारस जो प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर मोदी का निर्वाचन क्षेत्र है वहां पर जनसंदेश टाइम्स के संवाददाता विजय प्रताप सिंह को पीटकर 151 सीआरपीसी के तहत चालान कर दिया गया है।
सरकार कोरोना महामारी के संबंध में कितना संवेदनशील थी उसका उदाहरण यह है कि जब 30 जनवरी को पहला मरीज मिला तो कोई भी आवश्यक कदम नहीं उठाए गए अपितु फरवरी माह में सरकार अमेरिका अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के आवभगत में लगी रही। सूत्रों की मानें तो वह बताते हैं कि ट्रम्प और उनके साथ आए हुए लाव लश्कर की कोई भी जांच नहीं हुई थी। जबकि दुनिया के दूसरे देश कोरोना के संबंध में कार्रवाई कर रहे थे। लाखों लोगों को इकट्ठा करने के लिए उनके स्वागत के लिए सरकार लगी रही है। हद यहां तक हो गई कि 2 मार्च को देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि लोग मास्क ना लगावे मास्क लगाने से जनता में भय उत्पन्न होता है उसके बाद अंध भक्तों की जमात में कोरोना का इलाज का गाय के गोबर व मूत्र में से करने का दावा किया और जगह-जगह गोबर खिलाना नहलाना व मूत्र पान का कार्यक्रम शुरू हो गया। सरकार ने इन अंधविश्वासों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और मौन समर्थन जारी रहा है।
जब सरकार चेती उससे पहले विदेशों में मास्क आवश्यक दवाएं स्टेनाइजर निर्यात कर मुनाफा कमाया गया। 24 मार्च को इन आवश्यक वस्तुओं के निर्यात को रोका गया है।
कोरोना से निपटने की बजाय मध्यप्रदेश में लोकतंत्र की शव यात्रा निकालने में मस्त थी। प्रधानमंत्री द्वारा लाक डाउन एनाउंस के उ प्र के मुख्य मंत्री रात्रि में अयोध्या प्रस्थान कर गये और अयोध्या उत्सव में वहां का प्रशासन लगा रहा है।
देश के अंदर चिकित्सा कर्मियों को सुरक्षा किट मास्क संबधित दवाओं का अभाव बना रहा है।
जनता कर्फ्यू के बाद लाक डाउन जारी हो गया फिर प्रधानमंत्री ने नोट बंदी वाले समय 8:00 रात्रि में 3 हफ्ते का लाक डाउन पूरे देश में कर दिया जिससे अफरा-तफरी का माहौल मचा हुआ है। महाराष्ट्र और गुजरात से लोग पैदल बिहार जा रहे हैं। देशभर में विभिन्न प्रांतों में पढ़ रहे छात्र फंसे हुए हैं उनसे हॉस्टल खाली करा लिए गए हैं जनता की कोई परवाह नहीं की गई जा रही है। प्रधानमंत्री ने देश की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 15000 करोड़ रुपए का एनाउंस किया है जबकि केरल की आबादी मात्र 4 करोड़ है वहां की सरकार ने 20000 करोड़ रुपए कोरोना से निपटने के लिए खर्च कर रही है। देश में मोटरसाइकिल वालों का चालान पिटाई अभियान भी जारी है। देश संकट में है सरकार को चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध कराकर जनता को इस महामारी से निजात दिलाएं।
जनता सरकार का संपूर्ण सहयोग कर रही है जनता कर्फ्यू में जनता ने पूरा सहयोग दिया और अब 21 दिन के लाक डाउन को भी सहयोग दे रही है।
हम सभी लोग जनता ंजब संकट में है तो सरकार की हर संभव मदद करने की दिशा में संकल्प है लेकिन सरकार चलाने वाले दल के लोग करोना से निपटने में कोई सकारात्मक भूमिका अदा नहीं कर रहे हैं। कारपोरेट सेक्टर की मदद लाखों करोड़ रुपए से की गई है लेकिन जनता के लिए ₹15000 करोड बड़ी मुश्किल से एनाउंस हुए हैं।
आइए- हम आप इस संकट की घड़ी में जनता के साथ खड़े हो और स्वास्थ्य संबंधी सभी दिशानिर्देशों को ईमानदारी से पालन कर और फिर राष्ट्र को समृद्ध बनाने में अपना योगदान दें।
-रणधीर सिंह सुमन
1 टिप्पणी:
सार्थक।
मगर अफसोसजनक है चिकित्सकों पर लाठी बरसाना।
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