गुरुवार, 30 अप्रैल 2020

बड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कड़े कानून हो-डी राजा

 
 CPI Leader D Raja attacks and said country going through economic ...
 
विजय माल्या, मेहुल चौकसी और नीरव मोदी जैसे बड़े आर्थिक अपराधियों के बैंक से ऋण लेकर नहीं चुकाने के अपराध को देखते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक कड़ा कानून बनाने की मांग भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने की है।
पार्टी के महासचिव डी राजा ने यहां जारी बयान में कहा है कि हाल ही में सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी में यह खुलासा हुआ है कि आर्थिक अपराधियों के 68000 करोड़ से अधिक रुपए के कर्ज को बट्टे खाते में डाल दिया गया है। अक्सर यह देखा जा रहा कि कारपोरेट जगत के लोगों के कर्ज को बट्टे खाते में डाल दिया जा रहा है।
पार्टी ने बयान में यह भी कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने 50 ऐसे लोगों के नाम उजागर किए हैं जिन्होंने 68607 करोड़ रुपये का कर्ज बैंक से लिया था लेकिन उसे 30 सितंबर 2019 को बट्टे खाते में डाल दिया गया। भाकपा महासचिव ने यह भी कहा है कि जब पूरा देश कोरोना संकट से गुजर रहा है तो ऐसे में सरकार कॉर्पोरेट जगत के लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए उनके बैंक लोन को बट्टे खाते में डाल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यूपीए- एक के काल में बैंकों से डूबा हुआ धन 51 हजार 500 करोड़ पर था जबकि यूपीए-दो के काल में 45000 करोड़ था लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के काल में यह बढ़कर 216000 करोड़ रुपए हो गया लेकिन राजग-दो के कार्यकाल में 2019 में यह बढ़कर 740000 करोड़ रुपए हो गया।
वाम नेता ने यह भी कहा कि 31 मार्च 2018 को संसद में दिए गए एक जवाब के अनुसार कुल 943 लोग थे जिन्होंने 122018 करोड़ रुपएका कर्ज बैंकों को चुकता नहीं किए थे लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर और अधिक हो गई होगी। उन्होंने यह भी कहा की विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे आर्थिक अपराधी आज तक वापस नहीं लाए गए और उनके खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो सकी इसलिए यह जरूरी हो गया है कि ऐसे आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक कड़ा कानून बनाया जाए। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी शुरू से ही मांग करती रही है की आर्थिक अपराधियों को रोकने के लिए कानून और कड़े किये जाए ताकि बैंक के खातों को डूबने से बचाया जा सके।

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