हमारे अभिभावक व साहित्यकार श्री विनय दास के आवास पर सतनामी संप्रदाय की 14 गद्दी में से हमारे ग्राम जरौली गद्दी के महंत गुरुवर आदरणीय श्री रामदास जी "क्रूर" व मेरे पिताश्री साहित्यकार श्री योगेंद्र मधुप का सम्मान किया गया। इस आयोजन में मौजूद रहने का जो सौभाग्य मिला उससे अभिभूत हूं, इस अतुलनीय प्रयास के लिए गुरुवर विनय दास को बहुत-बहुत शुभकामनाएं, सादर प्रणाम।
जय हो समर्थ भाई बड़े बाबा जगजीवन दास की, जय हो बाबा प्यारे दास की।
-
श्रुतिमान शुक्ला
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें