शुक्रवार, 11 नवंबर 2022
मोदी के वायदों की पड़ताल आवश्यक - विनाय विश्वम
विपक्षी दलों ने नोटबंदी को ‘आर्थिक नरसंहार’ करार दिया
विपक्षी दलों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार द्वारा 2016 में की गयी नोटबंदी को ‘आर्थिक नरसंहार, आपराधिक कृत्य और संगठित लूट’ करार दिया है।
सरकार ने 2016 में आज ही के दिन उच्च मूल्य के करेंसी नोटों को चलन से बाहर कर दिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को 1,000 रुपये और 500 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी। इस फैसले का मुख्य मकसद डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना और काले धन पर अंकुश लगाना तथा आतंकवाद के वित्तपोषण को खत्म करना था।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के वरिष्ठ नेता बिनय विश्वम ने भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि छह साल पहले बड़ी धूमधाम से नोटबंदी का कदम उठाया गया था तथा काला धन और आतंकवाद को समाप्त करने का वादा किया गया था। उन्होंने कहा कि अब यह जायजा लेने का वक्त समय है कि इससे देश को किस प्रकार मदद मिली।
भाकपा नेता ने एक ट्वीट में कहा, ‘अब उन वादों का जायजा लेने का समय आ गया है। प्रधानमंत्री से अनुरोध है कि वह नोटबंदी पर श्वेत पत्र जारी करें।’’
कांग्रेस ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि नोटबंदी स्वतंत्र भारत में ‘सबसे बड़ी संगठित लूट’ थी। पार्टी ने सरकार से इस संबंध में श्वेत पत्र लाने की मांग की।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक ट्वीट कर कहा, ‘‘ संगठित और कानूनी लूट के छह साल। नोटबंदी आपदा के कारण अपनी जान गंवाने वाले 150 लोगों को श्रद्धांजलि…इस व्यापक विफलता के छह साल पूरे हो रहे हैं, ऐसे में प्रधानमंत्री के उस आपदा के बारे में याद दिलाना महत्वपूर्ण है जिसे उन्होंने राष्ट्र पर थोप दिया था।’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी नोटबंदी के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘नोटबंदी सोच-समझ कर किया गया एक क्रूर षड्यंत्र था। यह घोटाला प्रधानमंत्री के सूट-बूट वाले मित्रों का काला-धन सफेद करने की एक चालाकी भरी स्कीम थी।’’
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता और राज्यसभा में पार्टी के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि यह कदम एक ‘नौटंकी’ था। उन्होंने एक ट्वीट में कहा: ‘6 साल पहले, आज ही के दिन। एक नौटंकी जो आर्थिक नरसंहार साबित हुई। इस बारे में मैंने 2017 में मेरी किताब इनसाइड पार्लियामेंट में लिखा था।’’
ब्रायन ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने फैसले को वापस लेने को कहा था।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह ‘सभी अच्छी समझ, सबूत और सलाह के विरुद्ध, नोटबंदी के आपराधिक कृत्य पर अपना ढोल पीट रही है।’
येचुरी ने ट्वीट किया ‘मोदी और उनकी सरकार के दर्प के छह साल,
भारतीय अर्थव्यवस्था को खत्म कर दिया। नोटबंदी के परिणामस्वरूप अराजकता के अलावा रिकॉर्ड उच्च मात्रा में नकदी का चलन… सबसे खराब जुमला- ‘यह दुख सिर्फ 50 दिनों के लिए है।’’
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2 टिप्पणियां:
तथ्यात्मकविश्लेषणसामयिकसच
तथ्यात्मकविश्लेषणसामयिकसचसहमत
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