गुरुवार, 20 फ़रवरी 2025

जब झूठ के इन भगवानों से ईमान पे लज्जा तारी हो

जब दुनिया के बुतखाने में आसनाम की पूजा जारी हो, जब इंसान के अज़मत पर पत्थर की दम भारी हो। जब मन की जमुना मैली हो, रुह में एक बेजारी हो, जब झूठ के इन भगवानों से ईमान पे लज्जा तारी हो। इस हाल में हम दीवानों से तुम कहते हो खामोश रहो, हम अहले हरम हैं, हम अहले हरम हैं, ये कुफ्र गबारा कैसे हो।

3 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

बहुत सुंदर

बेनामी ने कहा…

टिप्पडी का मतलब तेरी मां की त्रतीय आंख

बेनामी ने कहा…

टिप्पडी का मतलब तेरी मां की त्रतीय आंख

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