सोमवार, 1 सितंबर 2025
वोट चोर - गद्दी छोड़ के नारे के साथ प्रदेश में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रदर्शन - अरविन्द राजस्वरुप
वोट चोर - गद्दी छोड़ के नारे के साथ प्रदेश में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रदर्शन - अरविन्द राजस्वरुप
#मतदाता अधिकार यात्रा के बिहार में समाप्ति के दिन 1 सितंबर को उत्तर प्रदेश में भी जनता को जागृत करने के लिए और अपने वोट की रक्षा के लिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने जिला मुख्यालयों पर इलेक्शन कमीशन की नाइंसाफी के विरुद्ध प्रदर्शन किया, "वोट चोर गद्दी छोड़" के नारे के साथ तथा 103 वें संविधान संशोधन विधेयक का भी विरोध किया।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के लखनऊ मुख्यालय से पार्टी की राज्य काउंसिल की ओर से जारी एक बयान में पार्टी के राज्य सचिव कामरेड अरविन्द राज स्वरूप ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में महामहिम राष्ट्रपति जी को संबोधित एक ज्ञापन जिला अधिकारियों के माध्यम से प्रेषित किया गया है। बयान में कहा गया
कि अभी हाल में देश ने देखा कि बिहार में किस तरह से जनता के वोटो की चोरी हो रही है और उसे चोरी में इलेक्शन कमिशन आफ इंडिया की मिली भगत पाई गई जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट को दखल देना पड़ा।
कामरेड अरविन्द ने कहा कि बिहार में आज, इस समय मतदाता अधिकार यात्रा निकाल रही है जिसमें श्री राहुल गांधी ,श्री तेजस्वी यादव भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव कामरेड डी राजा एवं अन्य वाम दलों के नेता भी शामिल है और इस यात्रा का समापन पटना में विशाल रैली के रूप में गांधी मैदान में हो रहा है।
जिसमें नारा बुलंद है "वोट चोर गद्दी छोड़ "और अपने मतदाता रहने के अधिकार को छीन ने के विरुद्ध मजबूत आवाज उठी है।
मतदाता अधिकार यात्रा हेतु भाकपा के राष्ट्रीय नेताओं के बिहार में कार्यक्रम निम्न प्रकार रहे हैं।17 अगस्त 2025- कामरेड पी. संदोष कुमार, सांसद ,18 एवं 19 अगस्त- का. भालचंद कांगो, राष्ट्रीय सचिव भाकपा,21 अगस्त से 24 अगस्त- डा. गिरीश, राष्ट्रीय सचिव, भाकपा, 26 अगस्त से 29 अगस्त- का. अजीज पाशा पूर्व , राष्ट्रीय सचिव, भाकपा,29 एवं 30 अगस्त- NFIW की नेता एवं भाकपा की राष्ट्रीय सचिव का. एनी राजा तथा 1 सितम्बर- समापन रैली- का. डी. राजा, राष्ट्रीय महासचिव, भाकपा।
बयान में कहा गया कि उत्तर प्रदेश के मतदाता भी सशंकित है इसलिए उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में इस प्रश्न को उठाया है और माननीय राष्ट्रपति जी को ज्ञापन दिया है।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया ने बिहार विधानसभा के शीघ्र होने वाले चुनाव के संदर्भ में बिहार की वोटर लिस्टों के विशेष गहन पुनरीक्षण का आदेश दिया है।
इंडिया गठबंधन के दलों को यह आशंका है कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय सरकार के दबाव में इलेक्शन कमिशन आफ इंडिया बुरी तरह जकड़ा हुआ है।उसके द्वारा गहन पुनरीक्षण के आदेश से
करीब 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने की आशंका है।मसला सुप्रीम कोर्ट को भी संदर्भित हुआ।
सुप्रीम कोर्ट ने ECI को आधार, राशन कार्ड और वोटर ID जैसे दस्तावेज़ स्वीकार करने की सलाह दी है, लेकिन ECI ने इसे अनिवार्य नहीं माना। इसी दौरान कर्नाटक में वोटो की हेरा फेरी और वोटो की चोरी का मामला भी प्रकाश में आया जो पूरे देश में मतदाताओं को झकझोर गया। उक्त संबंध में भी इलेक्शन कमिशन आफ इंडिया ने कोई भी संतोष जनक स्पष्टीकरण नहीं दिया। उक्त परिस्थितियों में मतदाताओं की अपने अधिकार को सुरक्षित रखने के लिए आज पटना में बड़ी रैली हो रही है।इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया की सरकार परस्ती के व्यवहार को देखते हुए पूरे देश के मतदाता भी सशंकित हैं।
इसलिए उत्तर प्रदेश में भी आज के दिन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी बिहार के मुद्दों को लेकर तथा भारतीय जनता पार्टी एवं इलेक्शन कमिशन आफ इंडिया के दिखाई देते गठजोड़ के विरुद्ध धरने प्रदर्शनों के माध्यम से विरोध व्यक्त कर रही है।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं, फर्जी वोटर हटाने के नाम पर और आम मतदाताओं के वोटो की चोरी की आशंकाओं, के खिलाफ जनता को जागरूक करना है। यह अभियान 'एक व्यक्ति, एक वोट' के लोकतांत्रिक सिद्धांत को मजबूत करने और मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा पर केंद्रित है।
इस पर संतोष किया जा सकता है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त 2025 को बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख मतदाताओं के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय दिया। उक्त निर्णय में कोर्ट ने चुनाव आयोग (ECI) को निर्देश दिए कि 65 लाख मतदाताओं की सूची, जिनके नाम मसौदा मतदाता सूची से हटाए गए, को जिला निर्वाचन अधिकारियों की वेबसाइटों पर अपलोड करना अनिवार्य किया गया।प्रत्येक हटाए गए मतदाता के नाम के साथ हटाने का कारण (जैसे मृत्यु, स्थानांतरण, या दोहरी प्रविष्टि) स्पष्ट रूप से उल्लेख करना अनिवार्य किया गया।
सूची को पंचायत भवनों, प्रखंड विकास कार्यालयों, और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित करने के साथ-साथ अखबारों, टीवी, रेडियो, और सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार करने का आदेश दिया गया।
जिन मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, वे आधार कार्ड के साथ दावा या आपत्ति दर्ज कर सकते हैं, ताकि उनके नाम फिर से सूची में जोड़े जा सकें। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आधार कार्ड दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जा सकता है।
बयान में यह भी बताया गया ,कि राष्ट्रपति जी को प्रेषित ज्ञापन में संविधान (130 वां संशोधन) विधेयक, 2025, जिसे गृह मंत्री श्री अमित शाह द्वारा पेश किया गया था, का भी संदर्भ लिया है। ज्ञापन में कहा गया भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उसका कड़ा विरोध करती है।
यह क्रूर विधेयक, जो राज्यपालों को केवल लंबी हिरासत के आधार पर निर्वाचित मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को बर्खास्त करने का अधिकार देता है, भारत को फासीवादी राज्य की ओर धकेलने का एक सोचा-समझा और शरारतपूर्ण प्रयास है।यह संघवाद पर प्रहार करता है । जनादेश को कमजोर करता है, और बीजेपी को एजेंसियों का दुरुपयोग करने और सरकारों को गिराने का खतरनाक हथियार देता है।इतना ही नहीं जिनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और उन्होंने यदि भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली है तो वह पाक साफ हो गए हैं। उनके भ्रष्टाचार के कारण उनको जेल नहीं भेजा गया उसके विपरीत उनको सरकारी पदों से नवाजा गया।
ज्ञापन में नोट करते हुए लिखा गया कि पूरा देश यह देख रहा है और भारतीय जनता पार्टी सरकार की हर कार्यवाही पर नजर रखे है।
पार्टी राज्य सचिव ने पूरे प्रदेश की इकाइयों को आज के कार्यक्रम को संपन्न करने के लिए शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने इन मुद्दों का संज्ञान लेते हुए सबसे पहले अपनी आवाज अपने प्रदेश में बुलंद की है।
समाचार लिखे जाने तक गाजियाबाद,भदोही, बाराबंकी,बलिया ,जालौन ,मऊ,गोंडा ,बरेली, सुल्तानपुर, मुजफ्फरनगर ,कानपुर नगर ,गाजीपुर, चित्रकूट, हाथरस ,आजमगढ़, आगरा, कानपुर देहात, इलाहाबाद (प्रयागराज), फतेहपुर, सोनभद्र, झांसी, जौनपुर, वाराणसी,देवरिया, बहराइच , औरैया, लखनऊ, बांदा, अलीगढ़ ,फैजाबाद (अयोध्या ) आदि में संपन्न हुए कार्यक्रमों की सूचना आ चुकी है।
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1 टिप्पणी:
इंक़लाब जिन्दाबाद
Her jor julam ke takker me sanghars hamara nara hai
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