शुक्रवार, 28 नवंबर 2025

बाबा बुलडोजर नाथ के कार्यस्थली गोरखपुर में हिन्दुवत्व शर्मसार नहीं हो रहा है

बाबा बुलडोजर नाथ के कार्यस्थली गोरखपुर में हिन्दुवत्व शर्मसार नहीं हो रहा है बेटे ने घर से निकाला, भटकते रहे मां-बाप, मरने के बाद भी नहीं पसीजा दिल... शोभा देवी की मौत पर जौनपुर के वृद्धाश्रम संचालक ने कही ये बात गोरखपुर के किराना व्यापारी भुआल गुप्ता और उनकी पत्नी शोभा देवी को बेटे ने घर से निकाल दिया था, जिसके बाद वे जौनपुर के एक वृद्धाश्रम में रह रहे थे. शोभा देवी की मौत के बाद, बेटों ने अपने घर में फंक्शन का हवाला देते हुए शव को चार दिन डीप फ्रीजर में रखने को कहा और तत्काल लेने से मना कर दिया. इस बारे में वृद्धाश्रम संचालक ने पूरी कहानी बताई है... जौनपुर स्थित एक वृद्धाश्रम से झकझोर देने वाली कहानी सामने आई. दरअसल, यहां गोरखपुर की बुजुर्ग शोभा देवी अपने पति भुआल गुप्ता के साथ साल भर से रह रही थीं. उनके बेटों ने उन्हें घर में पनाह नहीं दी थी. काफी भटकने के बाद उन्हें ये वृद्धाश्रम नसीब हुआ था. बीते दिनों शोभा देवी की तबीयत बिगड़ गई, फिर भी कोई उन्हें देखने नहीं आया. सबसे हैरत की बात ये रही कि शोभा देवी की मौत के बाद भी बेटों ने बेरुखी दिखाई और तत्काल शव लेने की इच्छा नहीं जताई. उन्होंने वृद्धाश्रम वालों से कहा कि शव को चार दिन डीप फ्रीजर में रखवा दो, क्योंकि अभी उनके घर में फंक्शन है, इसलिए मां के शव को नहीं ले सकते. इस बारे में वृद्धाश्रम संचालक ने पूरी कहानी बयां की है. आपको बता दें कि गोरखपुर के किराना व्यापारी भुआल गुप्ता को पारिवारिक विवाद के बाद उनके बड़े बेटे ने घर से निकाल दिया था. अवसाद में आकर भुआल अपनी पत्नी शोभा देवी के साथ सुसाइड करने रेलवे ट्रैक पहुंचे, लेकिन वहां मौजूद लोगों ने उन्हें अयोध्या या मथुरा जाने की सलाह दी. अयोध्या में कोई व्यवस्था न होने पर वे मथुरा गए, जहां से उन्हें जौनपुर के वृद्धाश्रम का पता मिला. वृद्धाश्रम चलाने वाले रवि कुमार चौबे ने दंपति को अपने यहां बुला लिया और उन्हें सहारा दिया. रवि ने बताया कि कुछ महीने पहले शोभा देवी के पैर में दिक्कत आने पर उनका प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराया गया था, जिसकी दवा अभी भी चल रही है. मगर 19 नवंबर को शोभा देवी की तबीयत ज्यादा खराब हो गई और आखिर में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. भुआल गुप्ता ने अपने छोटे बेटे को फोन कर पत्नी शोभा देवी के निधन की सूचना दी. इसके बाद छोटे बेटे ने अपने बड़े भाई को कॉल कर जानकारी दी. मां के निधन की खबर मिलने पर बड़े बेटे ने ऐसा रवैया दिखाया जिसने सभी को स्तब्ध कर दिया. उसने कहा कि मेरे बेटे की शादी है, घर में शव आएगा तो अपशगुन होगा, इसलिए शव को कम से कम 4 दिन डीप फ्रीजर में रखवा दो, बाद में अंतिम संस्कार किया जाएगा. ये सुनकर वृद्धाश्रम के हेड रवि चौबे हैरान रह गए. उन्होंने भी बेटे से बात की. मगर बेटे का जवाब वही था- 'शव अभी नहीं लेंगे.' ऐसे में परिवार के दूसरे लोगों से बात की गई. आखिरकार शव गोरखपुर पहुंच गया. लेकिन वहां पर शव का अंतिम संस्कार करने के बजाय उसे दफना दिया गया. आरोप है कि बड़े बेटे ने कहा था कि चार दिन बाद शव को निकलवा लिया जाएगा और तब फिर अंतिम संस्कार किया जाएगा.

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