शनिवार, 8 अगस्त 2015

हड़ताल के गीत- शंकर शैलेन्द्र -लोकसंघर्ष

शंकर शैलेन्द्र, जयकिशन व राजकपूर
जब तक मालिक की नस-नस हिला न दे भूचाल
जारी है हड़ताल हमारी जारी है हड़ताल 
न टूटे हड़ताल हमारी न टूटे हड़ताल 

हम इतने सारो को मिल ये गिद्ध अकेला खाता 
और हमारे हिस्से का भी अपने घर ले जाता 
हक़ मांगे हम अपना तो ये गुंडों को बुलवाता
हम सबका शोषण करने को चले ये सौ-सौ चाल 

सावधान ऐसे लोगों से जो बिचौलिया होते
और हमारे बीच सदा जो बीज फूट के बोते 
और कि जिनके दम पर अफसर-मालिक चैन से सोते
देखेंगे उनको भी जो हैं सरकारी दलाल

सही-सही मांगों को लेकर जब हम सामने आये 
इसके अपने सगे सिपाही बंदूके ले आए 
जाने अपने कितने साथी इसने ही मरवाए
लेकिन सुन लो अब हम सारे जलकर बने मशाल 

जारी है हड़ताल हमारी जारी है हड़ताल
न टूटे हड़ताल हमारी न टूटे हड़ताल 

- शंकर शैलेन्द्र

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