रविवार, 20 अक्तूबर 2024

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी बिहार 85 साल कम नहीं होते - राजेंद्र राजन

85 साल कम नहीं होते राजेंद्र राजन देश की कम्युनिस्ट पार्टी की स्धापना के 14 साल बाद बिहार में 85 साल पहले 20 अक्टूबर 1939 को मुंगेर में कम्युनिस्ट पार्टी बनी थी। इसके पहले कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के साथ होकर कम्युनिस्ट राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय थे। द्वितीय विश्वयुद्ध का दौर था। कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी राष्ट्रवादी विचारों से ग्रसित हो गई थी। कम्युनिस्ट पार्टी गैरकानूनी थी। विपरीत परिस्थितियों में भी महासचिव पीसी जोशी के परामर्श से बिहार में पार्टी बनाने की तैयारी हो गई। क्रांतिकारी आंदोलन से होकर सुनील मुखर्जी कलकत्ता में कम्युनिस्ट बन चुके थे। राहुल सांकृत्यायन भी पहले से ही कम्युनिस्ट हो चुके थे। सेंट्रल कमिटी से रुद्रदत्त भारद्वाज छिपकर मुंगेर आए। सुनील मुखर्जी की बहन के गंगा किनारे स्थित घर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन काल में हंगामे के बीच स्थापना बैठक पुलिस और सीआईडी की आंखों में धूल झोंक कर संपन्न हुई थी । कुल 17 सदस्य वहां जुटे थे। सुनील मुखर्जी प्रथम सचिव चुने गए। मार्क्सवादी विचारधारा के प्रचार पर ज्यादा ध्यान दिया गया। तेजी से संगठन और आंदोलन विकसित होने लगे। सेंट्रल कमिटी ने छात्र, औद्योगिक मजदूर और किसान मोर्चे के आंदोलनों में समय देने का निर्देश दिया। फलस्वरूपदूसरे दौर में जल्दी ही इन्द्रदीप सिंहा ,जगन्नाथ सरकार , चन्द्रशेखर सिंह और अली अशरफ सरीखे उस वक्त के तेजस्वी एवं मेधावी छात्र नेता पार्टी में आ गए। कुछ ही दिनों बाद प्रसिद्ध समाजवादी नेता किशोरी प्रसन्न सिंह ,फिर कार्यानंद शर्मा, रामावतार शास्त्री आदि आ गए। जमशेदपुर ,धनवाद ,भागलपुर ,मुजफ्फरपुर ,गया ,चंपारण ,पटना आदि प्रमुख केन्द्रों में भी संगठन बने और आंदोलनों की धूम मच गई। संघर्षों ने एक नई पार्टी और नए नेताओं को जन्म दिया। 1942 में राहुल सांकृत्यायन ने पटना कालेज के सामने जमीन खरीद कर किताब की दुकान पीपुल्स बुक हाउस खोला। पार्टी के नेताओं ने जमीन ,घर बेचकर जनशक्ति अखबार निकाला, प्रेस खोला। संसदीय राजनीति में भी पार्टी ने गौरवशाली अध्याय आरंभ किया। बिहार के मुख्यमंत्री डाक्टर श्रीकृष्ण सिंह के मुकाबले कम्युनिस्ट भोला प्रसाद उम्मीदवार बने। कांग्रेस को पानी पिला दिया। किसी प्रकार बुथ कब्जा कर वे जीत सके। संपूर्ण बिहार में तीब्र गति से लाल झंडे का प्रभाव बढा। स्वामी सहजानंद सरस्वती के अधिकांश किसान नेता कम्युनिस्ट बन गए। भूमि संघर्षों का जाल बिछ गया। औद्योगिक क्षेत्रों में संघर्ष ,हड़ताल होने लगे। सामंती उत्पीड़न के विरुद्ध जातीय नहीं ,वर्गीय संघर्ष तेज हो गए। नए -नए संघर्षों ने नये ,नये नेताओं को जन्म दिया। आज के समय में यह सवाल अक्सर पूछा जाता है , मार्क्सवादी वैज्ञानिक विश्वदृष्टि ,चेतना और गौरवशाली अतीत की विरासत संपन्न कम्युनिस्ट आंदोलन की वर्तमान में पतनोन्मुख अवस्था क्यों है? इस सवाल पर स्थापना दिवस के निमित्त गंभीर विमर्श की दरकार है। कम्युनिस्ट सिद्धांतकार ,संगठन कर्ता और आंदोलनकर्ता तीनों होता है। इसलिए उम्मीद की जानी चाहिए कि वे इस विषय पर न्याय करेंगे। जहां तक मेरी सोच है , 80 के करीब पहुंच जाने और उम्र जनित व्याधियों एवं समस्याओं से पीड़ित होकर भले ही आजकल मूलधारा से अपरिहार्य कारणों से दूर हूँ , लेकिन विभिन्न मोर्चे और स्तरों पर लगभग पचपन वर्षो के सक्रिय योगदान के फलस्वरूप प्राप्त अनुभवों और मार्क्सवाद के बुनियादी दृष्टिकोण के आधार पर जितना समझा हूँ , एक कम्युनिस्ट ( नन कार्ड होल्डर ) की हैसियत से कह सकता हूँ - 1) सैद्धान्तिक विमर्श ,जिसे छोड़ दिया गया है , जिंदा करना होगा। इसके अभाव में सूखी नदी में मछली पालने का अभ्यास होगा। मार्क्सवादी साहित्य ,पत्र-पत्रिकाओं के पठन-पाठन और शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाना जरूरी है। इसके अभाव में सिद्धांत विहीन संगठन से नाउम्मीदी बढ रही है। व्यवस्था परिवर्तन का एजेंडा आज गायब है। संसदीय लाभ अपनी मूल पहचान खोकर नहीं पाया जा सकता है। जातिवादी पार्टियों का दूमछल्ला बनने से अपने धरती ही गायब हो जाती है सिद्धांतों के अनुरूप जीवन और चरित्र निर्माण जरूरी है। कथनी और करनी एक हो। 2) वर्गीय संघर्ष और जनांदोलनों के अपने गौरवशाली इतिहास से सबक लेकर संघर्षोंन्मुख पार्टी बनाने पर पहल। तभी नये नेता जन्म लेंगे। सर्कुलरों और सम्मेलनों को विकल्प नहीं बनाया जा सकता है। नेतृत्व को प्रत्यक्ष भागीदारी देने केलिए आगे आना होगा। संसदीय भटकाव ,पदलोलुपता और गुटबाजी को खत्म करना होगा। 3) नए ईमानदार कार्यकर्ताओं को विश्वास देकर आगे बढ़ाने पर योजनाबद्ध निरंतर पहल। पार्टी और विचारधारा की वफादारी को बढाना ,न कि खास व्यक्ति और गुट का वफादार बनाना। 4) जनसंगठनों एवं जनांदोलनों के स्वतंत्र विकास पर बल देना। जेबी जनसंगठनों से विकृति बढती है। नुमाइशी जनसंगठनों से जनांदोलनों के प्रहसन होते हैं। 5) संगठित कम्युनिस्टों की तुलना में असंगठित कम्युनिस्टों की तादाद तीन गुना ज्यादा है। उन्हें जोड़ने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। 6)चापलूसी करने और कराने वाले कम्युनिस्ट नहीं हो सकते हैं। उनसे मुक्ति जरूरी है। जाति उन्मुलन विचारधारा को मजबूती प्रदान करना जरुरी है। साम्प्रदायिकता से सीधा टकराव करना अनिवार्य है। फिलहाल यही। 85 साल कम नहीं होते। क्या पाया ,क्या खोया ,वक्त आ गया है ,सभी मिल विचारें।

शुक्रवार, 18 अक्तूबर 2024

अमरीकी ऐंजेसी एफ बी आई ने भारतीय खूफिया ऐंजेसी को मुल्जिम बनाया

नरेंद्र मोदी ने वो कर दिखाया जो पिछले किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया था. भारत के एक अधिकारी को Wanted by FBI बना दिया. इस अधिकारी का नाम विकास यादव है. ये भारत की गुप्तचर एजेंसी Research & Analysis Wing (RAW) में काम करता था. हुआ ये कि मोदी ने अमित शाह को बोला जैसे गुजरात में मुसलमानों का एंकाउंटर करते थे वैसे ही अब अमेरिका और कनाडा में सिखों को मारो. अमित शाह ने आगे अजित डोभाल को बोला कि अमेरिका और कनाडा में सिखों की हत्या करवाओ. डोभाल RAW का बॉस होता है. तो डोभाल ने RAW को बोला कि अमेरिका और कनाडा में सिखों की हत्या करवाओ. ज़िम्मा आया विकास यादव के सर. विकास यादव ने निखिल गुप्ता नाम के एक आदमी को पकड़ा. गुप्ता ड्रग्स का ग़ैर-क़ानूनी धंधा करता था. उसने यूरोप के शहर प्राग (Prague) में एक भाड़े के हत्यारे को पकड़ा. गुप्ता को मालूम नहीं था कि जिसे वो भाड़े का हत्यारा समझ रहा था वो दरअसल अमेरिका का एक गुप्त एजेंट था. गुप्ता ने इस एजेंट को अमेरिका में पंद्रह हज़ार डॉलर भी अग्रिम दिलवा डाले. ये सारा प्रकरण अमेरिका की FBI ने अपने कैमरे में क़ैद कर लिया. ये पिछले साल की बात है. कुछ हफ़्तों बाद जब गुप्ता कथित हत्यारे से मिलने प्राग पहुँचा तो उसे एयरपोर्ट पर वहाँ की पुलिस ने पकड़ लिया. उसे वहाँ से छुड़वाने के लिए मोदी ने जी-जान लगा दिया. मगर दो महीने पहले प्राग की अदालत ने निखिल गुप्ता को अमेरिकी सरकार के हवाले कर दिया. अब निखिल गुप्ता अमेरिका की जेल में है. उस पर हत्या की साज़िश के आरोप का मुक़दमा शुरू होने वाला है. जब ट्रायल चालू होगा तो पता चलेगा कि उसने अपने इक़बालिया बयान में क्या-क्या राज़ खोले हैं. आज अमेरिका के Department of Justice ने ऐलान किया है कि अब निखिल गुप्ता के साथ साथ विकास यादव भी उसी केस में आरोपी है. और फटाफट FBI ने ये नोटिस जारी कर दी है कि उसे विकास यादव की तलाश है. इन दिनों भारत सरकार की एक टीम अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में हाथ जोड़े बैठी है कि साहब हमने नहीं किया ये तो विकास यादव अकेले बदमाशी कर रहा था. तो अब विकास यादव भारत में दर-दर भटकेगा और ज़िंदगी भर छुपता रहेगा. अमेरिका भारत पर दबाव बनाता रहेगा कि विकास यादव को गिरफ़्तार क्यों नहीं करते? और भारत की सरकार कहती रहेगी कि क्या करें साहब वो मिल ही नहीं रहा है. विकास यादव की ज़िंदगी बरबाद हो गई. उसके परिवार की ज़िंदगी बरबाद हो गई. हमको नहीं भूलना चाहिए कि प्रधानमंत्री बनने से मोदी का असली चरित्र नहीं बदल गया. मोदी का पूरा जीवन अपराधी का रहा है. बहैसियत गुजरात मुख्यमंत्री मोदी ने आए-दिन मुसलमानों की हत्या के काम में अहमदाबाद के पुलिस वालों को लगा रखा था. बाद में सब पुलिस वाले पकड़े गए थे और जेल भेजे गए थे. उनकी क़िस्मत थी कि मोदी ने प्रधानमंत्री बन कर अदालत पर दबाव डाल कर सबको छुड़वा दिया. अमित शाह पहले गुजरात से तड़ीपार था. अब वो पूरी दुनिया से तड़ीपार होगा. क्योंकि कनाडा कि पुलिस ने इस हफ़्ते कह दिया है कि वहाँ सिखों की हत्या करवाने की साज़िश का सरग़ना अमित शाह है. ये घिनौना काम अमित शाह ने भारत के राजदूत और उसके मातहत अन्य अधिकारियों से करवाया है. कनाडा की पुलिस का कहना है कि ये राजदूत कनाडा में बसे सिखों की सर्वेलेंस करवा कर उनकी जानकारी भारत सरकार को भेज रहे थे. उस जानकारी को लेकर भारत सरकार लॉरेंस बिश्नोई गैंग से उन सिखों की हत्या करवा रही थी. भारत का मूर्ख मीडिया कह रहा है कि कनाडा झूठ बोल रहा है. उसको ये नहीं मालूम है कि कनाडा और अमेरिका में पुलिस और prosecution स्वतंत्र होते हैं और उनपर नेता का बस नहीं चलता है. अमेरिका का राष्ट्रपति भी केस वापस नहीं ले सकता है. वकील तक नहीं बदल सकता है. अगर ऐसा करने की कोशिश करेगा तो राष्ट्रपति जेल जाएगा. कनाडा की पुलिस अगर कह रही है कि उसके पास सबूत है तो उसके पास सबूत ज़रूर होंगे. ट्रायल शुरू होगा तो सब सामने आएगा. नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने पूरे भारत को माफ़िया बना कर रख दिया है.-अजीत शाही

गुरुवार, 17 अक्तूबर 2024

बहराइच में दो एंकाऊटर हो गए और मांग पूरी हो गई

बहराइच में दो एंकाऊटर हो गए और मांग पूरी हो गई उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में हुई हिंसा के 2 आरोपियों का एनकाउंटर हो गया है. आरोपी नेपाल भागने की फिराक में थे. घटना वाले दिन से पुलिस इनके पीछे लगी हुई थी. आज पुलिस को इनकी लोकेशन हाथ लगी, जिसके बाद इनको ट्रैक किया गया. जिन आरोपियों का एनकाउंटर हुआ उनके नाम सरफराज उर्फ रिंकू और फहीम हैं. ये दोनों मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के बेटे हैं. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने बताया कि अभी कैजुअल्टी की जानकारी नहीं है, लेकिन पुलिस द्वारा पांच आरोपी पकड़े गए हैं. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, कुल 5 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं और एनकाउंटर में दो को गोली लगी है. नेपाल सीमा के पास हांडा बसेहरी नहर के पास का मामला है. वहीं, घायल आरोपियों का इलाज करने वाले समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नानपारा के डॉक्टर ने कहा कि दोनों के पैर में गोली लगी है. एक के दाएं और एक बाएं पैर में. बुलेट एग्जिट पॉइंट नहीं मिला है. गोली अंदर फंसी हुई है. ऐसे में उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया है.

बुधवार, 16 अक्तूबर 2024

संघ की वाशिंग मशीन से चन्द्र बाबू नायडू साफ - ईडी ने क्लीन चिट दी

संघ की वाशिंग मशीन से चन्द्र बाबू नायडू साफ - ईडी ने क्लीन चिट दी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें कथित 371 करोड़ रुपये के कौशल विकास निगम घोटाले के संबंध में क्लीन चिट दे दी है। नायडू को पिछले साल तत्कालीन जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा शुरू की गई जांच पर गिरफ्तार किया गया था और 31 अक्टूबर, 2023 को अंतरिम जमानत मिलने से पहले उन्होंने 50 दिन जेल में बिताए थे। आंध्र प्रदेश सीआईडी ​​द्वारा की गई जांच के अनुसार नायडू को पिछले साल 9 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। आंध्र प्रदेश पुलिस ने 13 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह फाइबरनेट मामले में टीडीपी प्रमुख को 18 अक्टूबर तक गिरफ्तार नहीं करेगी क्योंकि कौशल विकास निगम घोटाले से संबंधित उनकी याचिका अदालत में लंबित है। नायडू को कौशल विकास निगम से कथित तौर पर धन का दुरुपयोग करने के आरोप में राजामहेंद्रवरम जेल में बंद किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को 300 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था।

रामलीला में कैदी बने वानरसेना और फिर फरार

रामलीला में कैदी बने वानरसेना और फिर फरार उत्तराखंड केहरिद्वार की रोशनाबाद जेल से रामलीला के दौरान फरार हुए दोनों कैदियों को अभी पुलिस पकड़ नहीं पायी है। पुलिस ने जेल से भागे दोनों कैदियों की मदद करने वाले एक व्यक्ति को दबोचा है। कैदियों ने जेल की 22 फीट ऊंची दीवार फांदने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल किया। इस घटना के बाद जेल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगे हैं और छह जेल कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। घटना शुक्रवार रात की है जब हरिद्वार के रोशनाबाद जेल में रामलीला का आयोजन किया गया था। रामलीला के दौरान सुरक्षा व्यवस्था ढीली थी, जिसका फायदा उठाकर पंकज और रामकुमार नामक दो कैदी जेल की दीवार फांदकर फरार हो गए। कैदियों ने दीवार फांदने के लिए दो सीढ़ियों का इस्तेमाल किया था। कैदियों को दिए थे कपड़े और पैसे पुलिस जाँच में पता चला है कि सुनील नाम का एक व्यक्ति फरार कैदियों की मदद कर रहा था। सुनील ने कैदियों को पैसे और कपड़े मुहैया कराए थे। पुलिस का कहना है कि, 'सुनील को इस बात की जानकारी थी कि कैदी जेल से फरार हो चुके हैं, फिर भी उसने उनकी सहायता की।' जल्द गिरफ्तार होंगे आरोपी-एसएसपी हरिद्वार के एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने बताया कि, 'इस मामले में सुनील को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।' उन्होंने आगे कहा कि, फरार कैदियों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं। सुनील के अलावा अन्य अभियुक्तों की पहचान की जा रही है, जिन्होंने इन कैदियों की मदद की। जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

लॉरेंस बिश्नोई पर कनाडा और डोभाल की सीक्रेट मीटिंग 'पहले पहचानने से इनकार किया, फिर बोले वह जेल से नेटवर्क चलाता है',

लॉरेंस बिश्नोई पर कनाडा और डोभाल की सीक्रेट मीटिंग 'पहले पहचानने से इनकार किया, फिर बोले वह जेल से नेटवर्क चलाता है', यूएस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अजित डोभाल और कनाडाई अधिकारियों के बीच पांच मीटिंग चली. इसमें कनाडा के सिक्योरिटी एडवाइजर, उप विदेश मंत्री और रॉयल कनेडियन माउंटेड पुलिस के मेंबर भी शामिल थे. 'पहले पहचानने से इनकार किया, फिर बोले वह जेल से नेटवर्क चलाता है', लॉरेंस बिश्नोई पर कनाडा और डोभाल की सीक्रेट मीटिंग, सिंगापुर में कनाडा के साथ हुई थी अजित डोभाल की सीक्रेट मीटिंग, यूएस रिपोर्ट का दावा कनाडा और भारत के बीच चल रही तनातनी के बीच प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के नए आरोपों ने तनाव और ज्यादा बढ़ा दिया है. अब उनका कहना है कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर और खालिस्तानी नेताओं पर हमले करने के लिए भारत लॉरेंस बिश्नोई के गैंग की मदद ले रहा है. इस बीच अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले महीने भारत और कनाडा की एक सीक्रेट मीटिंग हुई थी. भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल पिछले हफ्ते सिंगापुर में थे, जहां पर कनाडा के अधिकारियों के साथ उनकी सीक्रेट मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग में कनाडाई अधिकारियों ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग को लेकर बात की थी. महाराष्ट्र के कद्दावर नेता और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के विधायक बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले को लेकर लॉरेंस बिश्नोई चर्चा में आ गया है. वह फिलहाल जेल में बंद है, लेकिन वह अपने 700 से ज्यादा शूटर्स से जेल में बैठकर घटनाओं को अंजाम देता है और उसा नेटवर्क विदोशों तक फैला है. बाबा सिद्दीकी की हत्या में भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ होने की आशंका है. इस बीच खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और दूसरे खालिस्तानी नेताओं पर हमले को लेकर कनाडा सरकार ने भारत पर आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं. उसका कहना है कि भारत के इशारे पर लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगी मिलकर कनाडा में ये सब कर रहे हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अजित डोभाल के साथ मीटिंग में कनाडा सरकार ने लॉरेंस बिश्नोई की इनवोल्वमेंट पर जोर दिया है. एक कनाडाई अधिकारी के हवाले से बताया गया कि मीटिंग के दौरान पहले तो अजति डोभाल ने ऐसे जताया जैसे कि वह लॉरेंस बिश्नोई को नहीं जानते. बाद में उन्होंने स्वीकार किया कि लॉरेंस बिश्नोई जेल में बैठकर भी हिंसा और हमले जैसी घटनाओं को अंजाम देता है. यह मीटिंग पांच घंटे चली, जिसमें कनाडा के सिक्योरिटी एडवाइजर नेथेली ड्राउनी के अलावा, उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन और रॉयल कनेडियन माउंटेड पुलिस के सीनियर मेंबर भी शामिल थे. रिपोर्ट में बताया गया कि कनाडाई अधिकारियों ने अजित डोभाल से कहा कि वह निज्जर की हत्या मामले में चार भारतीय अधिकारियों की संलिप्तता को लेकर डिटेल्स पब्लिक करने का सोच रहे हैं क्योंकि अगले महीने इस मामले में जांच होनी है. हालांकि, अजित डोभाल ने कहा कि निज्जर की हत्या या कनाडा में हिंसा करवाने में भारत के लिंक के कनाडा के किसी भी आरोपों को भारत खारिज करता है. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की पिछले साल हत्या कर दी गई थी. कनाडा उसकी हत्या में भारत के लिंक का आरोप लगाता रहा है. उसने कनाडा में भारतीय उच्चायोग संजय वर्मा समेत छह राजनयिकों के हत्या में सीधे शामिल होने का दावा किया है. इसके चलते उसने सोमवार (14 अक्टूबर, 2024) को भारतीय राजनयिकों को देश छोड़ने को कह दिया. कनाडा की इस कार्रवाई पर भारत सरकार ने भी 6 कनाडाई राजनयिकों को देश छोड़ने आदेश दे दिया.

छी! हिन्दू नौकरानी रीना खाने में मिलाती थी पेशाब और... वीडियो रिकॉर्डिंग देख उड़े के होश

छी! हिन्दू रीना नौकरानी नौकरानी खाने में मिलाती थी पेशाब और... वीडियो रिकॉर्डिंग देख उड़े के होश तिरुपति बालाजी के प्रसाद के लड्डू में मच्छी आदि के मिलावट के बाद गाजियाबाद जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कारोबारी ने रसोई में मोबाइल का कैमरा ऑन करके रखा तो नौकरानी की गंदी करतूत का खुलासा हो गया। यह वीडियो देखकर कारोबारी के परिजनों के होश उड़ गए। वीडियो में नौकरानी खाने में पेशाब मिलाती दिखाई दे रही है गाजियाबाद में क्रासिंग रिपब्लिक थाना क्षेत्र में एक घरेलू सहायिका (नौकरानी) कारोबारी के परिवार को पेशाब मिलाकर खाना खिला रही थी। शक होने पर कारोबारी ने चुपके से रसोई में मोबाइल लगाकर कैमरा चालू कर दिया। वहीं, सोमवार को घरेलू सहायिका खाने के बर्तन में पेशाब मिलाते हुए कैद हो गई। पीड़ित स्वजन ने मामले की शिकायत पुलिस से करते हुए कार्रवाई की मांग की है। कारोबारी का कहना है कि परिजन कई दिनों से लीवर की बीमारी से परेशान हैं। इलाज कराने पर भी कोई समाधान नहीं निकला तो उन्होंने मोबाइल से वीडियो रिकॉर्ड किया।

मंगलवार, 15 अक्तूबर 2024

संघ की प्रयोगशाला के प्रयोग जारी है बहराइच में पुलिस और प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद छिटपुट हिंसाओं का दौर जारी है.

संघ की प्रयोगशाला के प्रयोग जारी है बहराइच में पुलिस और प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद छिटपुट हिंसाओं का दौर जारी है. बहराइच में देर रात एक बार फिर बवाल और आगजनी की कोशिश की गई है. उपद्रवियों ने बहराइच के नकवा गांव और यहां मौजूद एक धार्मिक स्थल को निशाना बनाया है. बाद में पहुंची पुलिस ने उपद्रवियों को खदेड़ने में सफलता हासिल की है. बहराइच में सोमवार देर रात उपद्रवियों ने नकवा गांव में आगजनी की. यहां के ग्राम प्रधान के मुताबिक 10 से 15 लोग पहुंचे थे और गांव में आगजनी की. आगजनी के बाद पुलिस और पीएसी की भारी फोर्स मौके पर पहुंची और हालत को काबू में किया. इस मामले में महसी के बीडीओ हेमंत यादव ने बताया कि कुछ उपद्रवी तत्वों ने गांव में आगजनी की. पुलिस ने मौके में पहुंच हालात काबू में किया. 50 से ज्यादा पुलिस कर्मी मौके पर मौजूद हैं. बहराइच के नकवा गांव में एक ओर आगजनी हुई तो वहीं कुछ दूर पर धार्मिक स्थल को उपद्रवियों ने तोड़ने का प्रयास किया. समय रहते पुलिस बल के पहुंचने से उपद्रवी भागे. गांव वालों ने कहा धार्मिक स्थल को तोड़ने के बाद आगजनी की हुई कोशिश. बीडीओ हेमंत यादव ने भी कहा कि धार्मिक स्थल को तोड़ा गया है. बाद में पुलिस बल ने हालात काबू में किया

मूर्ति विसर्जन के नाम पर दंगा करा रहे संघी बाराबंकी में धार्मिक स्थल पर फेंका गुलाल, तनाव के बीच पीएसी तैनात, तीन गिरफ्तार

बाराबंकी में धार्मिक स्थल पर फेंका गुलाल, तनाव के बीच पीएसी तैनात, तीन गिरफ्तार बाराबंकी जिले में विसर्जन के जुलूस के दौरान दूसरे समुदाय के धार्मिकस्थल के सामने डीजे बजाने और गुलाल फेंकने से तनाव उत्पन्न हो गया। मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। घटना के बाद कस्बा इचौली में तैनात पुलिस बाराबंकी जिले के थाना क्षेत्र टिकैतनगर के कस्बा इचौली में विसर्जन के जुलूस के दौरान एक घटना को लेकर सौहार्द बिगड़ते हुए बचा। पुलिस के अनुसार कस्बा इचौली में गांव के उत्तर तक जुलूस निकालने के लिए 45 मिनट का समय दिया गया था। मंगलवार शाम दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए इसी रास्ते से जुलूस निकाला गया। इस दौरान रास्ते में पड़े दूसरे समुदाय के धार्मिक स्थल के सामने डीजे बजाया जा रहा था। हालांकि धार्मिक स्थल को कपड़े से ढक दिया गया था। आरोप है कि एक युवक ने दूसरे समुदाय के धार्मिकस्थल पर गुलाल और अपत्तिजनक सामान फेंका। इससे तनाव फैल गया। मौके पर भारी पुलिस बल पहुंच गया। कई थानों की पुलिस फोर्स और पीएसी भी बुला ली गई। टिकैतनगर थाने के एसएसआई की तहरीर मुकदमा दर्ज किया गया है। एसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया गुलाल फेंकने वाले आलोक डीजे संचालक रवि व एक युवक अभिषेक को गिरफ्तार कर लिया गया है। वीडियो के आधार पर पूरे मामले की पड़ताल की जा रही है।

सोमवार, 14 अक्तूबर 2024

क्या मूर्ति विसर्जन ऐसे होता है - अखिलेश यादव

वहीं एक युवक को गोली लग गई और बाद में उसकी मौत हो गई। देखने पर तो ये सभी मूर्ति विसर्जन करने जा रहे थे, ऐसे होता है विसर्जन? ये सब पुलिस के सामने हो रहे थे? प्रोडक्शन का मामला पूरी तरह से साई फेल्योर, पुलिस फेल्योर, भाजपाई साजिश और भाजपाई सत्यलोभी कुकृत्य का परिणाम है जिसमें आम आदमी निरंजन शिकार बन रहे हैं। राक्षस ख़राब नहीं हो रहा बल्कि जा रहा है। कल तक बीजेपी ने ये सब कार्य सत्ता प्राप्ति के लिए नामांकन में होने वाली विशेष पार्टी को बदनाम करने के लिए किया था और आज वही काम सामाजिक विभाजन के लिए जो कि ध्रुवीकरण करने का अवसर मिले और कुर्सी बचा सके के लिए कर रही है? इस मामले को हिंदू- मुस्लिम पक्ष से देखने के बजाय भाजपाई सत्यभी साजिश के एंगल से देखें, यही सत्य है।

दंगा रहित प्रदेश में बहराइच अस्पताल-शोरूम के बाद उपद्रवियों ने कई घर फूंके, बहराइच में इंटरनेट बंद

दंगा रहित प्रदेश में बहराइच अस्पताल-शोरूम के बाद उपद्रवियों ने कई घर फूंके, बहराइच में इंटरनेट बंद बहराइच में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए बवाल के बाद हिंसा लगातार बढ़ती जा रही है। अब ग्रामीणों क्षेत्रों में भी हिंसा बढ़ गई है। इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। सोमवार को उपद्रवियों ने एक शोरूम और अस्पताल में तोड़फोड़ और आगजनी की। कई घर भी जला दिए। स्थिति को नियंत्रित करने बहराइच के लिए निकले अफसर छह कंपनी पीएसी के साथ 4 एसपी रैंक के अफसर और दो एडिशनल एसपी, 6 सीओ, एक कंपनी आरएएफ को बहराइच भेज गया। पुलिस ने आंसू गैस और लाठीचार्ज किया बहराइच में विरोध प्रदर्शन हिंसक होने पर पुलिस ने आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लिया। महसी के महाराजगंज इलाके में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान गोली लगने से एक युवक की मौत पर लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 'यह दिल दहला देने वाली और दर्दनाक घटना है' बहराइच हिंसा पर अयोध्या से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि "मैं बहराइच के निवासियों और समाज के सभी वर्गों से अपील करता हूं कि वे वहां शांति बहाल करने में योगदान दें। यह दिल दहला देने वाली और दर्दनाक घटना है। अगर पुलिस की तैयारी ठीक होती तो ऐसी घटना नहीं होती। प्रदेश में कानून-व्यवस्था और लोगों के बीच भाईचारा बनाए रखना सीएम और प्रशासन की जिम्मेदारी है। प्रियंका गांधी ने जनता से कानून अपने हाथ में न लेने की अपील की बहराइच मामले में नेताओं ने भी जनता से शांति बनाने की अपील की है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने एक्स पर जनता से कानून अपने हाथ में न लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बहराइच, उत्तर प्रदेश में हो रही हिंसा और प्रशासन के निष्क्रिय होने की खबरें अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण हैं। मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री जी एवं राज्य प्रशासन से अपील करती हूं कि त्वरित एक्शन लेते हुए, जनता को विश्वास में लें और हिंसा रोकें। दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो। जनता से मेरी करबद्ध अपील है कि कृपया कानून अपने हाथ में न लें और शांति बनाए रखें। तीस उपद्रवी हिरासत में लिए गए बहराइच जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी हिंसा बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक, चंदपैया और कबड़ियापुरवा गांव में कई घर जलाए गए हैं। तीस उपद्रवी हिरासत में लिए गए हैं। सीएम योगी के निर्देश पर एसीएस होम एवं एडीजी लॉ एंड ऑर्डर मौके पर पहुंचे हैं। छह कंपनी पीएसी बहराइच भेजी गई हैं। मुख्य आरोपी सलमान समेत कई लोगों पर एफआईआर बहराइच में हुई सांप्रदायिक हिंसा में युवक की हत्या के बाद देर रात मुख्य आरोपी सलमान समेत कई लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई। सूत्रों के अनुसार, 20 से 25 लोगों के हिरासत में लिया गया है। उधर दूसरी ओर पूजा कमेटी देर रात तक इस बात पर अड़ी रही कि आरोपियों की गिरफ्तारी हो। आरोपियों को फांसी देने के नारे देर रात सड़कों पर गूंजते रहे।
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