मंगलवार, 23 जुलाई 2024

ठेले पर नेमप्लेट

ठेले पर नेमप्लेट ________________________________________________ जब कुछ सिपाही फल के ठेले पर फलवाले के नाम का बोर्ड चिपकाने की कवायद कर रहे थे,तो दशहरी आम ने लंगड़ा आम से धीरे से पूछा,' ये क्या हो रहा!' ' नया देश बनाया जा रहा! विकसित देश टाइप कुछ!!!' लंगड़ा आम ने धीरे से जवाब दिया। ' ऐसे बनेगा!' ' बिलकुल!' ' अविष्कार की जगह जहां बहिष्कार होगा और नवाचार की जगह व्यभिचार होगा! क्यों!' ' हां ऐसे ही!' ' अरे मैंने तो तुकबंदी की थी यार!' ' तुकबंदी में ही तुक है!' ' ऐसे कैसे!' ' ऐसे ही!' ' अबे ऐसे कैसे!' ' समझ! दरअस्ल हमारी जाति-धर्म निर्धारित की जा रही है!' ' पगले हो क्या! हमारी कौन-सी जाति-धर्म!' ' जो बेचने वाले की होगी,वही हमारी होगी! सिंपल!!!' ' मीठा और रसीला होने से काम नहीं चलेगा! ' ' न!' ' और संविधान!' ' जो शपथ खाते हैं वे याद करते नहीं ! और एक तू है,तुझे खाया जाता है,मगर तू याद रखे है! कमाल है! ' ' अरे बोलो न यार! ' ' तो ले सुन ले फिर! गुण न देखो फलन का, कर सेलर की पहचान /मोल करो मानवता का, धरा रहे संविधान' ' वाह जी वाह! खूब! होना तो यह चाहिए था कि चीजों के दाम को,गुणवत्ता को,सफाई को लेकर बहस होनी चाहिए थी!' ' अबे ग्राहक अब हमें नहीं बेचने वाले को टटोलेंगे,फिर समान लेंगे!' लंगड़ा आम मुस्कुराया। ' नेम प्लेट क्या तुक है यार!' दशहरी आम मुंह बनाते हुए बोला। ' कर दी न बेतुकी बात! तुकबंदी ही व्योम है। तुकबंदी ही धरा।तुकबंदी ही शाश्वत है। तुकबंदी ही खरा।आओ तुकबंदी को माथे से लगाएं और एक स्वर में गाएं...सबका साथ। सबका विकास। सबका विश्वास।' ' भाई कविता नहीं! सीधे सीधे बता न!' ' बंधु सीधी बात यह है कि जनता नेम प्लेट देखेगी तो उसके प्लेट में क्या है,क्या नहीं,वह यह देखना-सोचना भूल जायेगी! अबे जनता राजनीति का चौसा आम होकर रह गई है।' ' चौसा बता रहे हो!!! अरे! हम में और आदमी में कुछ तो फर्क होगा!' 'फर्क तो कई हैं,मगर एक फर्क बहुत तगड़ा है!' 'वो क्या?' 'हमारे अंदर गुठली पाई जाती है दोस्त...' यह कहकर लंगड़ा आम इरादतन रुक गया। ' और आदमी के अंदर !!!' दशहरी आम ने झट से पूछा। ' हमारे अंदर गुठली तो आदमी के अंदर ग्रंथि!' ' और आत्मा!!! आत्मा कहां गई!' ' देख तो रहे हो सब!' ' बिना आत्मा के आदमी हो सकता है क्या!' ' हो सकता है,होते ही हैं, बल्कि अब ऐसे ही होते हैं!' ' बिना आत्मा के आदमी को क्या कहते हैं श्रीमान! तनिक इस पर भी प्रकाश डालिए!' ' कहते तो आदमी ही हैं महोदय! पर पर्यायवाची रूप में कार्यकर्ता,अंधभक्त, चमचा, फॉलोवर,प्रजा कह सकते हैं आप!' ' चलो माना! पर यह बताओ कि बिना आत्मा के आदमी दिखता कैसा है!' ' हूं..यह तो एक मुश्किल सवाल है!' ' बट इंडिया वांट्स टू नो!' ' बस तू आंखे बंद करके किसी भी तानाशाह के चेहरे को याद कर ले फिर!' 'ओह! तो ऐसे दिखेगा!' ' तू आंख तो बंद कर!' ' चेहरा याद करने के लिए वैसे अब आंखें बंद करने की जरूरत नहीं! दशहरी आम ने लगभग फुसफुसाकर कहा। लंगड़ा आम चौकन्ना होकर इधर-उधर देखने लगा। अनूप मणि त्रिपाठी

रविवार, 23 जून 2024

मोदी के काफिले पर चप्पल पंजाब और उत्तर प्रदेश - अंतर देखें

पिछले हफ्ते एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना में, वाराणसी में पीएम मोदी पर एक चप्पल फेंकी गई, जो उनकी कार के ठीक सामने गिरी। जनवरी 2022 में पीएम मोदी को अपने दौरे के दौरान पंजाब में विरोध का सामना करना पड़ा था. भाजपा कार्यकर्ता उनके वाहन के काफी करीब पहुंच गए, जिससे मोदी को बीच रास्ते से ही निकलना पड़ा। उन्होंने टिप्पणी की, "सीएम से धन्यवाद कहना मैं जिंदा लौट आया।" इस घटना को बहुत तूल दिया गया, पूरे मुख्यधारा के मीडिया ने तत्कालीन सीएम चरणजीत सिंह चन्नी की आलोचना की। एफआईआर दर्ज की गईं और जांच के आदेश दिए गए। क्या किसी ने यूपी के सीएम से चप्पल कांड के बारे में सवाल किया? उनके खिलाफ कोई एफआईआर? क्या मीडिया ने यूपी सरकार से सवाल किया? बस तुलना करें: पंजाब में विरोध प्रदर्शन (किलोमीटर दूर) बनाम सीधे प्रधानमंत्री पर फेंकी गई चप्पल। यह कोई भी वस्तु हो सकती थी जो नुकसान पहुंचा सकती थी। मैं यह सोचकर कांप जाता हूं कि अगर यह घटना पंजाब में घटी होती तो क्या होता; सभी पंजाबियों को, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, आतंकवादी करार दिया गया होता। तो फिर चन्नी के ख़िलाफ़ हाई-वोल्टेज प्रतिक्रिया क्यों हुई और योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं हुई? क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी और भाजपा और गोदी मीडिया में कांग्रेस और पंजाब दोनों के खिलाफ गहरी नफरत है, या ऐसा इसलिए था क्योंकि चन्नी एक दलित हैं?

गुरुवार, 20 जून 2024

देखो चप्पल चली - बुरा न मानो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गाड़ी पर वाराणसी में काफिले के दौरान कथित तौर पर चप्पल फेंकी गई जो उनकी एसयूवी गाड़ी के बोनट पर जाकर गिरी. इस घटना का वीडियो पूरे सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. पीएम नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री चुने गए हैं. अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद मंगलवार (18 जून) को पीएम मोदी पहली बार उत्तर प्रदेश के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे. जहां उन्होंने कई कार्यक्रम में भाग लिया और कई जगह लोगों को संबोधित भी किया. इस बीच प्रधानमंत्री मोदी के काफिले से जुड़ी एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई. जिसमें पीएम मोदी की सुरक्षा में तैनात एक सुरक्षाकर्मी वाहन से हटाता नजर आया. पीएम नरेंद्र मोदी के काफिले पर कथित तौर पर चप्पल फेंकी गई जो उनकी एसयूवी गाड़ी के बोनट पर जाकर गिरी. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत समेत कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर शेयर किया. वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बुलेटप्रूफ गाड़ी पर वाराणसी में चप्पल फेंकी गई. वीडियो में एक सुरक्षाकर्मी उस चप्पल को बोनट से उठाकर फेंकते हुए नजर आ रहा है. मामले को लेकर क्या बोली कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत? अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि वाराणसी से नरेंद्र मोदी सांसद है. वहां उनके खिलाफ भारी असंतोष है सिर्फ 1.5 लाख जीत की मार्जिन इसका प्रमाण भी है. वे देश में सबसे कम अंतर से जीतने वाले प्रधानमंत्री हैं उनकी कार पर चप्पल फेंकना ग़लत है, इसका समर्थन कोई नहीं कर रहा लेकिन लोगों के अंदर रोष और प्रतिकार को भी समझना होगा. बेबसी और बदहाली से उपजे इस गुस्से का समाधान करना काशी के सांसद का कर्तव्य है और यही लोकतंत्र की पहचान है!

सोमवार, 10 जून 2024

संघ ने भाजपा आई टी सेल प्रमुख अमित मालवीय पर लगाया यौन शोषण का आरोप

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कांफ्रेंस करके अमित मालवीय के खिलाफ लगे आरोपों का खुलासा किया। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कांफ्रेंस करके अमित मालवीय के खिलाफ लगे आरोपों का खुलासा किया। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने आज (10 जून) एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सुप्रिया ने कहा-संघ सदस्य शांतनु सिन्हा नाम के एक व्यक्ति ने अमित पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। शांतनु के मुताबिक, अमित महिलाओं को 5 स्टार होटल ले जाते हैं और उनका शोषण करते हैं। यही नहीं, अमित ने बंगाल में बीजेपी ऑफिस में भी महिलाओं का यौन शोषण किया। शांतनु बंगाल में भाजपा के पदाधिकारी राहुल सिन्हा के रिश्तेदार हैं। सुप्रिया ने आगे कहा- हम भाजपा से बंगाल में महिलाओं के लिए न्याय की मांग करते हैं; चाहे वह हाथरस हो, लखीमपुर हो, हमारे सबसे सम्मानित एथलीट हों या बिलकिस बानो हों, प्रधानमंत्री ने लगातार अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण दिया है। अब समय आ गया है कि आप महिलाओं के साथ खड़े हों। आप भारत की बेटी के साथ खड़े हों और जब तक आप उनकी दुर्दशा का जवाब नहीं देते, तब तक आपको सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। इसके बाद अमित मालवीय ने शांतनु सिन्हा को 10 करोड़ का मानहानि का नोटिस भेजा है। साथ ही मालवीय ने शांतनु को बिना शर्त माफी मांगने और सोशल मीडिया पर उनको लेकर लिखे पोस्ट हटाने को भी कहा है। सुप्रिया श्रीनेत बोलीं- अपराधियों को भाजपा नेताओं का संरक्षण सुप्रिया ने आगे कहा- अगर आपको आईआईटी-बीएचयू गैंगरेप याद हो और इसमें शामिल तीन लोग - सक्षम पटेल, कुणाल पांडेर और आनंद चौहान, सभी पीएम मोदी सहित भाजपा के बड़े नेताओं के बेहद करीबी हैं। यह एक पैटर्न है, चाहे वह कुलदीप सिंह सेंगर हो, चिन्मयानंद हो, बृजभूषण हो या अंकिता भंडारी के हत्यारे हों, वे सभी नरेंद्र मोदी द्वारा संरक्षित भाजपा नेता हैं। सुप्रिया बोलीं- मोदी इस बार मिली हार से कुछ सीखेंगे कांग्रेस नेता ने आगे कहा- हम केवल यही उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री 63 सीटों पर मिली हार से कुछ सबक सीखेंगे। वे विनम्रता सीखेंगे और वे सीखेंगे कि वे लगातार उन लोगों के साथ खड़े नहीं हो सकते जो महिलाओं का शोषण करते हैं। हमें उम्मीद है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की नई मंत्री महिलाओं की दुर्दशा को देखकर मूकदर्शक नहीं बनेंगी। हमें उम्मीद है कि NCW अपनी आवाज, विवेक और नैतिकता को पहचानेगी और इस मामले का स्वतः संज्ञान लेगी। न्याय तभी हो सकता है जब इस आदमी को उसके अधिकार से हटा दिया जाए।

रविवार, 9 जून 2024

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सांसद के सुब्बारायन

तमिलनाडु की 39 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक तिरुप्पुर संसदीय सीट पर साल 2024 के आम चुनाव में भी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने कब्जा कर लिया है. सीपीआई के सांसद के. सुब्बारायण को यहां सबसे अधिक 4,72,739 वोट मिले थे. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी एआईएडीएमके प्रत्याशी पी. अरुणाचलम को 1 लाख 25 हजार वोटों से मात दे दी थी. पी. अरुणाचलम को 3,46,811 वोट मिले थे. तिरुप्पुर संसदीय सीट पर 2024 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार तीसरे नंबर थे. बीजेपी प्रत्याशी मुरुगानंदम को 1,85,322 वोट मिले थे. इस साल इस सीट पर कुल 12 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे जिनके बीच के. सुब्बारायण ने फतह हासिल की. तिरुप्पुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का पुर्नगठन साल 2008 में हुआ था. सबसे पहले यहां साल 1951 में लोकसभा का चुनाव कराया गया तो कांग्रेस पार्टी के टीएस. अविनाशीलिंगम ने जीत दर्ज की थी लेकिन पुर्नगठन के पश्चात् साल 2009 और 2014 के आम चुनावों में इस सीट पर एआईएडीएमके ने कब्जा कर लिया था. दो बार से के. सुब्बारायण का कब्जा पिछले दो आम चुनावों में यहां सीपीआई ने जीत दर्ज की है. 2024 से पहले साल 2019 के आम चुनाव में भी के. सुब्बारायण को जीत मिली थी. के. सुब्बारायण का जन्म 10 अगस्त, 1947 को हुआ था. तिरुप्पुर उनका गृहनगर है. वो 1984 से 89 और 1996 से 2001 के बीच तिरुप्पुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे. सांसद की कितनी संपत्ति? के.सुब्बारायण मजदूरों के हक की आवाज बुलंद करने के लिए जाने जाते रहे हैं. साल 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रस्तुत किए गए हलफनामे के मुताबिक के.सुब्बारायण की कुल संपत्ति 1 करोड़ थी. हलफनामे में उनके ऊपर 1.50 लाख की देनदारी है. के. सुब्बारायण ने घोषित किया है कि उनके पास उस वक्त तक 8000 की नगदी थी, और उनकी पत्नी के पास 3000 रुपये. यानी कुल मिलाकर परिवार में 11 हजार की नगदी थी. हलफनामे के मुताबिक के. सुब्बारायण के पास 5 लाख 17 हजार के आभूषण थे, उनके पास ना तो खेती की कोई जमीन नहीं है और ना ही व्यावसायिक भवन. हालांकि उन्होंने ये बताया है कि उनके पास गैर-कृषि योग्य 19 लाख की कीमत की भूमि है और 75 लाख की कीमत का आवासीय भवन है. के. सुब्बारायण के खिलाफ एक केस भी दर्ज है लेकिन उन्हें कोई सजा नहीं हुई थी.

शुक्रवार, 7 जून 2024

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद वी सेल्वराज

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वी सेल्वराज ने 208957 वोटों से जीत दर्ज कर ली है. सेल्वराज वी को 465044 वोट मिले हैं. वहीं दूसरे नंबर पर 256087 वोट के साथ एआईएडीएमके के जी सुरजीत शंकर हैं. एनटीके की एम कार्तिका 131294 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर हैं. इसके अलावा चौथे नंबर पर बीजेपी के रमेशगोविंद एस.जी. हैं, जिन्हें 102173 वोट मिले हैं.नागपट्टिनम लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, एआईएडीएमके, एनटीके और बीजेपी के बीच था. भारत के चुनाव आयोग के साथ दायर चुनावी हलफनामे और लोकसभा चुनाव 2024 के लिए एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के अनुसार राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता हैं. वहीं उनकी आयु 62 वर्ष है. वहीं उनकी कुल घोषित संपत्ति 1.1 करोड़ रुपये है, जिसमें 30.1 लाख रुपये चल संपत्ति और 80.5 लाख रुपये अचल संपत्ति शामिल है. 28 लाख से ज्यादा का लोन वी सेल्वराज ने1989 में ए. वीरैया वंडैयार मेमोरियल पुष्पम कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. सेल्वराज पर 28 लाख से ज्यादा का लोन है. इसके अलावा चुनावी हल्फनामें के मुताबिक सेल्वराज पर कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है. उनके पास 5 हजार से ज्यादा और उनकी बीवी के पास 1 हजार से ज्यादा कैश है. वहीं सेल्वराज के पास 17 लाख से ज्यादा और उनकी पत्नी के पास 10 लाख से ज्यादा के सोने के गहने हैं. सेल्वराज और उनकी पत्नी के पास कोई भी गाड़ी नहीं है.

गुरुवार, 6 जून 2024

भाजपा सांसद कंगना रनौत की पिटाई से उद्घाटन शुरू

भाजपा सांसद कंगना रनौत की पिटाई से उद्घाटन शुरू भाजपा सांसद कंगना रनौत आज दिल्ली जा रही थीं। इसी बीच उन्हें चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर एक सीआईएसएफ गार्ड ने थप्पड़ मार दिया। जिसके बाद एयरपोर्ट पर हंगामा मच गया। एयरपोर्ट पर कंगना पर हिंसा करने वाली महिला जवान का नाम कुलविंदर कौर है। थप्पड़ मारने की वजह किसान आंदोलन से जुड़ी बताई जा रही है। आरोपी कुलविंदर कौर ने थप्पड़ मारने का कारण बताते हुए एक वीडियो में कहा कि इसने (कंगना) कहा था न कि सौ-सौ रुपए में धरने पर बैठते हैं। ये बैठेगी वहां पर। मेरी मां बैठी थी उस दौरान जब इसने बयान दिया था। किसान आंदोलन के समय कई बयान दिए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर आंदोलनकारियों की तुलना खालिस्तानियों से भी की थी। उन्होंने लिखा था कि खालिस्तानी आतंकवादी आज सरकार पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन हमें एक महिला को नहीं भूलना चाहिए (इंदिरा गांधी) जिसने इन्हें अपनी जूती के नीचे कुचल दिया था। मंडी लोकसभा सीट से जीती हैं कंगना बता दें कि हिमाचल प्रदेश की चार संसदीय सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की है।

शनिवार, 1 जून 2024

धर्म क्या बीमारी है

अंग्रेज़ी में बीमार को सिक कहते हैं खुशवंत सिंह लिखते हैं एक बार मैं मुंबई से सिंगापुर की यात्रा कर रहा था। बगल की सीट पर बैठी एक महिला मुझे देखती रही. मैं समझ गया कि इस औरत ने पहले कभी किसी सिख को नहीं देखा था। उड़ान के बीच में जब चाय और नाश्ता परोसा गया, तो मैंने उस महिला से बातचीत की। उसका नाम मार्गरीटा था और वह स्पेन की रहने वाली थी। बातचीत के दौरान उसने पूछा, "आप क्या हैं?" मैंने उत्तर दिया, "मैं सिख हूं।" (वह समझी मैं सिक यानी बीमार हूँ ) “मुझे क्षमा करें,” युवती ने कहा, “आशा है कि तुम शीघ्र ही स्वस्थ हो जाओगे।” इस पर मैंने कहा, "नहीं प्रिय, मैं शरीर से सिक नहीं हूं, मैं धर्म से सिख हूं।" महिला बहुत प्रसन्न हुई और मुझसे हाथ मिलाते हुए बोली, "आपसे मिलकर अच्छा लगा; मैं भी धर्म को बीमारी मानती हूँ।" - खुशवंत सिंह

शुक्रवार, 31 मई 2024

राजा समारोह पूर्वक ध्यान कर रहा है

संपत सरल उवाच- " #ध्यान के चार रूप होते हैं। #ध्यान लगाना, #ध्यान रखना, #ध्यान खींचना और #ध्यान भटकाना। हमारा राजा संसार का पहला #ध्यानी है जो #ध्यान के ये चारों रूप एक साथ साध रहा है। राजा समारोहपूर्वक #ध्यान लगा रहा है, कैमरों का बराबर #ध्यान रख रहा है, दर्शकों का #ध्यान खींच रहा है और प्रजा का मूल मुद्दों से #ध्यान भटका रहा है।" टीपितcopied

बुधवार, 29 मई 2024

मंगल यान और नीबू - मिर्च

#मंगल_एवं_मंगलयान (मुझे नहीं पता कि यह दिलचस्प हास्य लेख किसने लिखा है, बस मैंने इसका मलयालम से अनुवाद किया है) "अरे, एक मिनट रुको..." कोई पीछे से बुला रहा था, मंगलयान ने पीछे मुड़कर देखा... ओह, मंगल ग्रह है! जब से आया हूँ, देख रहा हूँ.. मंगल भाई के चेहरे पर मुस्कान नहीं है। मुझसे पृथ्वी का हालचाल पूछने में भी कोई दिलचस्पी नहीं दिख़ा है. "तू वापस कब जा रहे हो”? मंगल ने पास आकर पूछा. "मैं वापस नहीं जाऊँगा भाई। मुझसे कहा गया है कि मैं आपके आसपास ऐसे ही रहूँ”। "यह ठीक नहीं है, तुम्हें वापस जाना होगा…, अगर तुम्हारे पास यात्रा खर्च के लिए पैसे नहीं हैं, तो मुझे बताओ," मंगल ने अपनी शर्ट की जेब में हाथ डालते हुए कहा। "भाई, अगर मैं वापस न जाऊं तो तुम्हें क्या परेशानी है? सौर पैनलों से मंगलयान अपना सिर खुजलाते हुए पूछा" "दरअसल, मैं नहीं चाहता हूँ कि तुम वापस जाएं, क्योंकि इस सौर मंडल में अन्य ग्रह लंबे समय से मेरे साथ मैत्रीपूर्ण संबंध में नहीं है। तुम पास हो तो अकेलापन महसूस नहीं होता फिर भी, तुम्हें वापस जाना होगा।" वो क्या भाई, इनमें से कोई आपसे बात नहीं करता? “मेरे भाई, इस सौर मंडल में हमारे आठ भाइयों के लिए केवल एक बहन है यानी आपकी पृथ्वी देवी। तुम्हारे ग्रह में ज्योतिषी कहते रहते है, “ मेरा काम पृथ्वी की कन्याओं के विवाह में बाधा उत्पन्न करना है” और उससे छुटकारा पाने के नाम पर गरीबों के जेब काट रहे है! इस वजह से मैं अब हमारे परिवार में खलनायक हूं।' दूर से यूरेनस और बृहस्पति परिक्रमा करते आये। वे दोनों मंगल को 'हाय' तक किये बिना ही चले गये। "कई महीने हो गए हैं जब से तुम अपने गले में कैमरा लटकाते हुए मेरी तस्वीरें खींचकर पृथ्वी पर भेज रही हैं। क्या तुमने मेरी सतह पर कोई ऐसा तत्व या यौगिक देखा है जो पृथ्वी पर महिलाओं के विवाह को रोक सकता है..? "ईमानदारी से, नहीं भाई।" जाने दीजिए, इस सौरमंडल में तुम ने हममें से कितने लोगों को देखा है..? आप सहित नौ लोग, इसके बाद सूर्या चाचा. हमारे चंदा मामा सहित कुछ पोते-पोतियां भी." "लेकिन पृथ्वी के ज्योतिषी अन्यथा कहते हैं। उनके अनुसार सूर्य और चंद्रमा ग्रह हैं।" "यह कैसी बकवास है भाई, क्या सूर्य एक तारा और चंद्रमा एक उपग्रह नहीं है?" “जाओ, उनसे पूछो, मुझसे नहीं”, मंगल को गुस्सा आ गया।. इसी बीच पृथ्वी दूर से घूमती हुई आई, जब वह मंगल ग्रह के करीब पहुंची तो उन्होंने दूसरी दिशे के और थूकते हुए चले गए। इसके अलावा ये ज्योतिषी कह रहे हैं, “ हमारे बीच राहु और केतु नाम के दो और ग्रह भी हैं”। राहु, केतु- "हू इस दीस जेंटल मेन?..., मैंने इस सौर मंडल में ऐसे दो ग्रह कभी नहीं देखे भाई.. मंगलयान ने दूरबीन गले में लटका कर चारों ओर देखा….. कुछ भी नहीं दिख रहा भाई. "मैंने भी नहीं देखा भाई।" इसके अलावा, उनकी गणना के अनुसार, पृथ्वी एक ग्रह ही नहीं है.. "तो फिर ये पृथ्वी क्या है भाई...?" मंगल ने अपनी धुरी को एक बार झुकाया, फिर नाटकीय रूप से आगे बढ़ता रहा। "मुझे नहीं पता, भगवान बुद्ध और आदि शंकरन ने भी यही बात पूछी थी। उन्हें भी सीधा जवाब नहीं मिला।" "छोड़ो भाई, मुहुर्त, जातक, मांगलिक आदि हमारी भारतीय विरासत का हिस्सा हैं। विश्वास हो तो मानो…नहीं तो छोड़ दो।" "ज्योतिष भारतीय विरासत का हिस्सा कैसे हो सकता है?, " मंगल ने अपनी आवाज ऊंची की. क्या तुम जानते हो "भारतीय विरासत" के 'भारत' शब्द कहाँ से आया है? मंगलयान ने फिर अपना सिर खुजाया। दूसरों के सामने छोटा न होने के लिए कह देता है "सब कुछ जानता है।" इसके अलावा, इन सब का अर्थ कौन खोज रहा है! आर्यावर्त के महान सम्राट "भरत" के नाम पर आपके देश का नाम "भारत" किया गया। इस भरत के माता-पिता, मेरा मतलब है मिस्टर दुष्यन्तन और मिसिस शकुंतला ने अपने विवाह के लिए कुंडली या मुहूर्त नहीं देखा। उन्होंने गंधर्व नियम से विवाह कर लिया था, मतलब लव मैरिज. मंगल गुस्से में है, रुकने का इरादा नहीं है “सच बताओ, श्री राम ने सीता से विवाह कुंडली देखकर किया था...? नहीं भाई, धनुष तोड़ कर.. क्या अर्जुन ने कुंडली और मुहूर्त देखकर किया था सुभद्रा से विवाह..? "नहीं भाई, अर्जुन सुभद्रा आंटी का अपहरण कर रहा था"। बात अगर श्री कृष्ण की हो तो न बोलना ही बेहतर है. उसकी पहली शादी रुग्मिनी से हुई थी, जिसका उसने एक मंदिर के सामने से अपहरण कर रहा था, तो कुंडली कैसे देख सकता था? बाद मे जाम्बवती और सत्यभामा से। इन सभी विवाहों की कुंडली देखने की जरूरत महसूस नहीं हुई, फिर भी भगवान कृष्ण आर्ष भरत के प्रकाशस्तंभ, अवतार पुरुष हैं! मंगल ग्रह से बचने के लिए अंतिम उपाय के रूप में कहा, "राम, कृष्ण सब भगवान हैं ना भाई। भगवान कुछ भी कर सकते हैं, कोई नहीं पूछेगा।" मंगल हार मानने को तैयार नहीं. "क्या तुम ने स्वयंवरम के बारे में सुना है? यह एक विवाह प्रथा थी जो अतीत में कई हिंदू परिवारों और राजाओं के बीच लोकप्रिय थी”। अगर किसी लड़की का स्वयंवर तय हो जाता है तो जो लड़के उससे शादी करना चाहते हैं वे सभी सुबह-सुबह अपनी शर्ट इस्त्री करके लड़की के घर आ जाते हैं और लाइन में ऐसे खड़े हो जाते हैं, जैसे तुम्हारा देश में शराब की दुकान पर दिखते हैं। लड़की हाथ में हार लेकर घूमती है और उस लड़के के गले में हार डाल देती है जिसे वह पसंद करती है। बचे हुए सब पेट भर खाना खाकर घर लौट जायेंगे. यहाँ कुंडली कहाँ है? मंगलयान के लिए उत्तर देना मुश्किल हो रहा था. सोचा, विषय को भटकाना ही बेहतर है. “अच्छा..., भाई ने ऐसा क्यों कहा कि मुझे वापस जाना चाहिए, बताओ।” मंगल ने मंगलयान को अपने पास रोक कर कहा, "पृथ्वी पर जाओ और लोगों को बताओ शादी रोकने में मेरी कोई भूमिका नहीं है।" तभी मंगल ने मंगलयान की #गर्दन_पर_कुछ_देखा। मंगलयान की गर्दन पर लटके कैमरे और दूरबीन के बीच #एक_नींबू और दो #हरी_मिर्च एक #डोरी_पर_लटकी_हुई _है? इसलिए लटका दिया, बड़े भाई, ताकि बुरी नजर मुझ पर न पड़े, मंगलयान ने मुस्कुराते हुए कहा. मंगल रुक गया, एक मिनट तक दूर तक देखता रहा, और बोले "तुम वापस मत जाना यार। जाने से कोई मतलब नहीं है. और अपना चक्कर जारी रखो….

शनिवार, 18 मई 2024

गुरु - चेला संवाद

गुरु - चेला संवाद ---------------------- गुरु-- "चेला, हिन्दू-मुसलमान एक साथ नहीं रह सकते।" चेला-- "क्यों गुरुदेव?" गुरु-- "दोनों में बड़ा अन्तर है।" चेला-- "क्या अन्तर है?" गुरु-- "उनकी भाषा अलग है...हमारी अलग है।" चेला-- "क्या हिन्दी, कश्मीरी, सिन्धी, गुजराती, मराठी, मलयालम, तमिल, तेलुगु, उड़िया, बंगाली आदि भाषाएँ मुसलमान नहीं बोलते...वे सिर्फ़ उर्दू बोलते हैं?" गुरु-- "नहीं...नहीं, भाषा का अन्तर नहीं है...धर्म का अन्तर है।" चेला-- "मतलब दो अलग-अलग धर्मों के मानने वाले एक देश में नहीं रह सकते?" गुरु-- "हाँ...भारतवर्ष केवल हिन्दुओं का देश है।" चेला-- "तब तो सिखों, ईसाइयों, जैनियों, बौद्धों, पारसियों, यहूदियों को इस देश से निकाल देना चाहिए।" गुरु-- "हाँ, निकाल देना चाहिए।" चेला-- "तब इस देश में कौन बचेगा?" गुरु-- "केवल हिन्दू बचेंगे...और प्रेम से रहेंगे।" चेला-- "उसी तरह जैसे पाकिस्तान में सिर्फ़ मुसलमान बचे हैं और प्रेम से रहते हैं?" ( अजगर वज़ाहत की कहानी )
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