लो क सं घ र्ष !
लोकसंघर्ष पत्रिका
मंगलवार, 27 दिसंबर 2022
कैसे कह दूँ कि सवेरा हो गया ,किन्तु आज उल्लुओं का बस्रेरा हो गया
बाराबंकी । *कैसे कह दूँ कि सवेरा हो गया ,किन्तु आज उल्लुओं का बस्रेरा हो गया* का उद्घोष करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा आयोजित कवि सम्मलेन को वरिष्ठ रचनाकार श्री राम किशोर तिवारी ने कहा कि *मची हुई चारों ओर लूट मार है ,हत्या,व्यभिचार और अनाचार है* |वहीँ हिंदी के अप्रितम गीतकार डा.अलोक शुक्ल ने धार्मिक विसंगतियों पर प्रहार करते हुए " *मैं राम से भी मिल चूका ,मैं श्याम से भी मिल चूका ,मैं हीर से भी मिल चूका ,मैं सुर से भी मिल चूका,कबीर से भी मिल चूका ,मैं पीर से भी मिल चूका ,मैं फ़कीर से भी मिल चूका,वजीर से भी मिल चूका ,मेरी तुला पे सब तुले ,मैं आखिरी पड़ाव हूँ* " पढ़कर वर्तमान अंध-धर्मान्धता पर करारी चोट की कवि सम्मलेन में हास्य-व्यंग्य के रचनाकार अजय प्रधान ने वर्तमान सरकार की अकर्मण्यता पर करारा व्यंग्य करते हुए कहा कि *कहाँ तक धर्म,मज़हब ,जाति के अध्याय बेचोगे ,हमारी आस्था गंगा व गीता,गाय बेचोगे |अगर इस बार* *कुछ अच्छा न कर सके ,तो पक्का है 24 में तुम चाय बेंचोगे|*
*थाने में लिखते हैं आपकी सेवा में है पुलिस ,जाकर तो देखिये।*
*यह तरक्की का दौर है
पैसा नहीं तो ,लाश भी देते नहीं अस्पताल ,हैरान होइए कि ,यह तरक्की का दौर है पढ़कर आदर्श बाराबंकवी ने योगी-मोदी सरकार पर करारा प्रहार किया |श्रृंगार के कवि जीतेन्द्र श्रीवास्तव "जित्तू भैया "ने *फूल चन्दन सी खुशबु सा तेरा बदन,छु के तेरा बदन,मैं लहक*
*जाऊंगा ,तेरी आँखों को जो* *मैं निहारा करूँ,बिन* *पिए ही सनम में बहक जाऊंगा पढ़कर श्रोताओं की तालियाँ बटोरी। कवियत्री श्री मती लता श्रीवास्तव व अतुल सिंह माधुरी को भी सराहा|कवि सम्मलेन की अध्यक्षता डा.अम्बरीश अम्बर ने की|
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बृजमोहन वर्मा ,रणधीर सिंह सुमन ,प्रवीण कुमार ,महेंद्र यादव,मिथलेश कुमार,दीपक वर्मा,शिव दर्शन वर्मा,विनय कुमार सिंह व बिंदु सिंह ने कविगणों को माला पहनकर व उपहार देकर सम्मानित किया |
शुक्रवार, 23 दिसंबर 2022
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के अब तक के महासचिव व चेयरमैन डांगे
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना 26 दिसंबर 1925 में कानपुर में हुई थी अबतक राष्ट्रीय महासचिव की सूची
श्रीपद अमृतडांगे 1962-1981 तक चेयरमैन रहे हैं।
गुरुवार, 22 दिसंबर 2022
रविवार, 18 दिसंबर 2022
सब गोल माल है - बैंक लूट रहे हैं
कारपोरेट बैंक ऋण बकाएदारों को सुरक्षा न दें बट्टे खाते में डाले गए ऋणों का केवल 13% ही वसूल किया जाता है।
यह गंभीर चिंता का विषय है कि बैंकों में खराब ऋणों/गैर-निष्पादित आस्तियों की राशि
बड़े कारपोरेट के पक्ष में इस तरह के खराब ऋणों को बट्टे खाते में डालना बढ़ता और समान रूप से परेशान करने वाला है
कंपनियां जो बैंकों से कर्ज लेती हैं और चुकाती नहीं हैं।
कुछ दिन पहले संसद को लिखित जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी जानकारी दी है
कि 2019 से 2022 तक पिछले चार वर्षों के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और निजी क्षेत्र के बैंकों ने किया है
रुपये की सीमा तक खराब ऋणों को बट्टे खाते में डाला गया। 8,48,186 करोड़।
इस सवाल पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि वास्तव में यह राशि नहीं है
बट्टे खाते में डाला गया और वही वसूल किया जाएगा।
एक अन्य जवाब में वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने बताया है कि पिछले पांच में
2018 से 2022 तक, बैंकों ने रु। 10,09,510 करोड़। श्री कराड ने आगे बताया कि
इन ऋणों में से केवल रु. 1,32,036 करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं। इससे यह साफ पता चलता है
बट्टे खाते में डाले गए ऋणों के विरुद्ध, वास्तव में केवल 13% ही वसूल किया गया था और बैंकों ने शेष 87% यानी शेष राशि खो दी है।
रु. 8,77,474 करोड़। फिर भी निर्मला सीतारमण ने संसद को बताया है कि कर्ज बट्टे खाते में डाले जा रहे हैं
वित्त मंत्री का यह भी कहना है कि जिन कॉरपोरेट कंपनियों के लिए कर्ज दिया गया है, उनके नाम हैं
सेक के तहत गोपनीयता खंड के कारण बट्टे खाते में डाला जा सकता है। आरबीआई अधिनियम, 1934 का 45ई। कोई नहीं
के नामों के प्रकटीकरण को सक्षम करने के लिए इस सरकार को उस प्रावधान में संशोधन करने से रोक रहा है
कर्जदार जो बैंकों से कर्ज लेते हैं और कर्ज न चुकाकर और अंतत: बैंकों को धोखा देते हैं
इन विशाल ऋणों को बट्टे खाते में डाल दिया जाता है। हम मांग करते हैं कि इस संबंध में आरबीआई अधिनियम में उपयुक्त संशोधन किया जाना चाहिए
और सरकार को राइट ऑफ के लाभार्थियों के नाम प्रकाशित करने चाहिए।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
शनिवार, 17 दिसंबर 2022
बरेली कानून व्यवस्था - बदमाशों ने पुलिस चौकी में घुसकर सिपाही को गोली मारी
उत्तर प्रदेश के बरेली में अज्ञात बाइक सवार बदमाशों ने पुलिस चौकी में घुसकर सिपाही को गोली मार दी. बदमाशों की फायरिंग में गोली लगने से सिपाही गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे आनन-फानन में उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. फिलहाल सिपाही खतरे से बाहर बताया जा रहा है. चौकी में अचानक फायरिंग की आवाज से हड़कंप मच गया. फायरिंग की घटना को अंजाम देकर बाइक सवार बेखौफ बदमाश मौके से फरार हो गए.
शुक्रवार, 16 दिसंबर 2022
पूर्व गृह राज्य मंत्री चिंमयानंद बलात्कार के मामले में भगोड़ा घोषित
पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को फरार घोषित कर दिया गया है. गैर जमानती वॉरेंट यानी NBW जारी होने के बाद भी वह कोर्ट में पेश नहीं हुए थे. इसके बाद कोर्ट ने धारा 82 की कार्रवाई कर चिन्मयानंद को भगोड़ा घोषित कर दिया. एमपी-एमएलए कोर्ट में चिन्मयानंद के खिलाफ चल रहा है केस.
अब चिन्मयानंद की फरारी का नोटिस आश्रम में लगाया जाएगा. इसके बाद भी चिन्मयानंद के कोर्ट में पेश नहीं होने पर धारा 83 के तहत उनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की जा सकती है. अब चिन्मयानंद को 16 जनवरी 2023 को कोर्ट में होना है हाजिर.
बताते चलें कि चिन्मयानंद की शिष्या ने साल 2011 में उनके खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था. मामले में चिन्मयानंद के वकील की तरफ से छात्रा और उसके दोस्तों के खिलाफ पांच करोड़ की रंगदारी मांगने का केस दर्ज कराया गया था
गुरुवार, 15 दिसंबर 2022
चूल्हा है ठण्डा बड़ा और पेट में आग है गरमा गरम रोटी कितना हसीं ख्वाब है
सूरज जरा आ पास आ
आज सपनो की रोटी पकाएंगे हम
ऑय आस्मा तू बड़ा मेहरबा
आज तुझको भी दावत खिलायेंगे हम
सूरज जरा आ पास आ
आज सपनो की रोटी पकाएंगे हम
ऑय आस्मा तू बड़ा मेहरबा
आज तुझको भी दावत खिलायेंगे हम
सूरज जरा पास आ
चूल्हा है ठण्डा बड़ा और पेट में आग है
गरमा गरम रोटी कितना हसीं ख्वाब है
चूल्हा है ठण्डा बड़ा और पेट में आग है
गरमा गरम रोटी कितना हसीं ख्वाब है
सूरज जरा आ पास आ
आज सपनो की रोटी पकाएंगे हम
ऑय आस्मा तू बड़ा मेहरबा
आज तुझको भी दावत खिलायेंगे हम
सूरज जरा पास आ
आलू टमाटर का साग इमली की चटनी बने
रोटी करारी सीके घी उसपे असली लगे
आलू टमाटर का साग इमली की चटनी बने
रोटी करारी सीके घी उसपे असली लगे
सूरज जरा आ पास आ
आज सपनो की रोटी पकाएंगे हम
ऑय आस्मा तू बड़ा मेहरबा
आज तुझको भी दावत खिलायेंगे हम
सूरज जरा पास आ
बैठे कही चौ में ा आज पिकनिक सही
ऐसी ही दिन की सदा हमको तमन्ना रही
बैठे कही चौ में ा आज पिकनिक सही
ऐसी ही दिन की सदा हमको तमन्ना रही
सूरज जरा आ पास आ
आज सपनो की रोटी पकाएंगे हम
ऑय आस्मा तू बड़ा मेहरबा
आज तुझको भी दावत खिलायेंगे हम
सूरज जरा पास आ.
-शंकर शैलेंद्र
सोमवार, 12 दिसंबर 2022
शर्मनाक - किस सरकार की पुलिस है
जिस पत्नी की हत्या के आरोप में 3 साल काटी जेल, वो 7 वर्ष बाद मिली जिंदा, राजस्थान में कर चुकी दूसरी शादी
जमानत पर आने के बाद पति ने शुरु की थी तलाश
मथुरा। पता चला कि अचानक लापता हुई उसकी पत्नी किसी और के साथ रहने लगी थी। जबकि सात साल पहले उसकी हत्या का मामला यूपी के मथुरा में दर्ज हुआ था। उसके कपड़ों से उसकी शिनाख्त भी हुई थी। इस मामले के खुलासे के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं।
दरअसल मथुरा में कोसी निवासी महिला आरती करीब सात साल पहले मेंहदीपुर बालाजी आई थी। यहां वो छोटा-मोटा काम कर अपना गुजरा करने लगी। इसी दौरान उसकी मुलाकात सोनू सैनी नामक युवक से हुई। बाद में इन दोनों ने शादी कर ली। इस शादी के कुछ दिन बाद ही आरती लापता हो गई। उधर, कुछ दिन बाद वृंदावन में पुलिस ने नहर में मिले एक महिला के शव को आरती का शव घोषित कर दिया और गुमशुदगी के मामले को हत्या में तरमीम कर पति सोनू सैनी समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया था।
जानकारी के मुताबिक शव खराब हो चुका था, इसलिए तत्काल पहचान नहीं हो पाई था। लेकिन बाद में आरती के पिता ने थाने में रखे उसके फोटोग्राफ्स और कपड़ों से आरती के शव की पहचान कर ली थी। इसके बाद पुलिस ने आरती के पिता की तहरीर पर वर्ष 2015 में वृंदावन में दौसा निवासी पति सोनू सैनी और गोपाल सैनी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इन दोनों आरोपियों ने लाख सफाई दी, लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी। आखिरकार तीन साल तक जेल में रहने के बाद ये दोनों जमानत पर बाहर आए। इसके बाद महिला आरती दौसा के विशाला गांव से ढूंढ निकाला।
दोनों ने एक युवक को स्वच्छ भारत मिशन का कर्मचारी बताकर बिसाला गांव के उस घर में भेजा जहां आरती रह रही थी। यहां इस युवक ने सरकारी योजना के तहत शौचालय बनाने और पैसा देने की बात कही तो घर के लोग लालच में आ गए। उन्होंने इस योजना के लिए घर की महिला मुखिया के दस्तावेज मांगे तो महिला ने अपने सारे कागजात उसे दे दिए। जब सोनू और गोपाल ने इन कागजातों को देखा तो सारा माजरा सामने आ गया।
मामले का खुलासा करने के लिए दोनों ने महिला की पहचान करने के बाद मेहंदीपुर बालाजी थानाप्रभारी अजीत बड़सरा को पूरा घटनाक्रम बताया। इसके बाद पुलिस ने आरती को बैजूपाड़ा इलाके से हिरासत में लेकर यूपी में वृंदावन थाना पुलिस को सूचित किया। वृंदावन पुलिस ने जब दौसा पहुंच कर मामले की जांच पड़ताल की तो पूरे मामले का खुलासा हुआ।
रविवार, 11 दिसंबर 2022
इंडियन एसोसिएशन आफ लायर्स का प्रदेश सम्मेलन प्रतापगढ़ में मार्च में होगा
इंडियन एसोसिएशन आफ लायर्स उ प्र एक अतिआवश्यक बैठक संगठन के राष्ट्रीय महासचिव वाई एस लोहित की गौरवमयी उपस्थित में हुई।
बैठक में 25 - 26 मार्च को प्रतापगढ़ में प्रदेश सम्मेलन होना निश्चित हुआ है तथा फरवरी माह में एक प्रदेश स्तर का सेमिनार होगा जिसका विषय कानून और वर्तमान परिदृश्य है।
प्रदेश में सदस्यता अभियान भी चलाया जाएगा। बैठक में सर्व श्री परमात्मा सिंह राकेश मिश्रा राकेश राय रणधीर सिंह सुमन अंकित चौधरी पूणांशु प्रताप सिंह सुश्री जीनत आदि मौजूद थे। श्री सुरेश त्रिपाठी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग व श्री निर्भय प्रताप सिंह ने डिजिटल माध्यम से बैठक में हिस्सा लिया।
मंगलवार, 6 दिसंबर 2022
कानून के छात्रों को सीजेआई की सलाह, "हर चीज पर सवाल करें, पूछताछ की भावना पैदा करें, कॉलेज में खूब मस्ती भी करें
कानून के छात्रों को सीजेआई की सलाह, "हर चीज पर सवाल करें, पूछताछ की भावना पैदा करें, कॉलेज में खूब मस्ती भी करें"
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने कानून के छात्रों को सलाह दी कि वे खुद में "पूछताछ की भावना" पैदा करें और "हर चीज पर सवाल" करें।
इंडिया इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ लीगल एजुकेशन एंड रिसर्च, गोवा के पहले शैक्षणिक सत्र के उद्घाटन के अवसर पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने उक्त टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयीय शिक्षा का उद्देश्य तर्क, सहिष्णुता, विचारों के रोमांच और सत्य की खोज को बढ़ावा देना है।
सीजेआई ने कहा,
"जैसा जीवन में है, अकादमिक क्षेत्र में भी हर चीज पर सवाल उठाना याद रखें। वह मानवीय गुण, जो हमें ब्रह्मांड के अन्य जीवों से अलग करता है, वह सोचने की क्षमता है और इसलिए हमारा अस्तीत्व भी है। कानूनी पेशे का सार सवाल करना है न कि स्वीकार करना। यदि जो आपके सामने है उसे आप सामाजिक सत्य के रूप में स्वीकार करने लगते हैं, तब आप वकील और जज बनने के लायक नहीं हैं। वकील और जज के रूप में हमारे अस्तित्व का आधार यह है कि हम सवाल करते हैं और जो हमें हालात के बारे में बताया जाता है, उसे वैसे ही स्वीकार नहीं करते हैं। किसी भी चीज को सिर्फ इसलिए सच न मान लें कि कोई आपको बताता है कि वे जो कह रहा है वह निर्विवाद रूप से सच है।
दार्शनिक रेने देकार्ते के प्रसिद्ध उद्धरण "मुझे सोचता हूं, इसलिए मैं हूं" को नए तरीके से ढालते हुए सीजेआई ने कहा, "मैं सवाल करता हूं, इसलिए मैं हूं"। सीजेआई ने प्रोफेसरों से छात्रों में "पूछताछ की भावना" पैदा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, यह उन्हें कानून पेशे में बेहतर स्थिति में रखता है।
उन्होंने छात्रों से कहा, अपने आसपा की दुनिया पर सवाल उठाते हुए, अपने विचारों को भी उसी कसौटी पर परखना न भूलें। अपने आप से सवाल करें, केवल दूसरों से सवाल करना न सीखें। अपने आस-पास की दुनिया के बारे में जानने के साथ ही अपने दृष्टिकोण की जांच करें और बार-बार जांच करें।
ज्ञान के लिए सीखें, नंबरों के लिए नहीं
सीजेआई ने अपने भाषण में कहा, "पूछताछ की भावना" का मतलब यह नहीं कि हर चीज पर सवाल उठाया जाए। इसके लिए आपमें जिज्ञासा की क्षुधा की आवश्यकता होगी। उन्होंने स्टूडेंट्स से कहा कि वे नंबर पाने तक अपना अध्ययन सीमित ना करें।
सीजेआई ने कहा, "प्रत्येक विषय के बारे में जिज्ञासु रहें और ज्ञान के लिए ही सीखने की कोशिश करें। जब हमारे आसपास की दुनिया के बारे में ज्ञान की बात आती है तो पाठ्यक्रम से बाहर का कोई प्रश्न नहीं होता है।"
दिमाग खुला रखें, कॉलेज में भी मजे करें
सीजेआई ने छात्रों से कहा कि 5 साल की कानूनी शिक्षा व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों स्तरों पर परिवर्तनकारी होगी।
"अपनी शिक्षा को केवल अकादमिक उद्देश्यों के अनुसंधान के रूप में न देखें, बल्कि उन सभी उद्देश्यों के अनुसंधान के रूप में देखें, जिनके लिए जीवन में आगे बढ़ना आवश्यक है।
आप जिन विषयों का अध्ययन करते हैं, उनका ज्ञान प्राप्त करने में कोई कसर न छोड़ें। लेकिन सबसे बढ़कर खुद को जानने का प्रयास करें। खुद को जानना एक निरंतर प्रक्रिया है। मुझे नहीं लगता कि मैंने इस उम्र में भी खुद को जान लिया है। आपको उस खोज को जल्दी शुरू करना चाहिए, जब आप खुद को एक व्यक्ति के रूप में विकसित होते हुए देखते हैं। अपने प्रति सच्चे रहें"।
सीजेआई ने छात्रों को विभिन्न संस्कृतियों के बारे में खुला दिमाग रखने की अपील की। उन्होंने छात्रों को अच्छे दोस्त बनाकर और कुछ शौक और विविध रुचियों को अपनाकर कॉलेज जीवन के दौरान आनंद लेने और मौज-मस्ती करने की भी सलाह दी।
उन्होंने कहा, शिक्षा कक्षाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि गलियारों, छात्रावास के कमरों, कैंटीनों और अड्डा तक फैली हुई है।
शनिवार, 3 दिसंबर 2022
राहुल गांधी ने भाजपा - संघ को बताया सीता माता विरोधी
राहुल गांधी ने भाजपा - संघ को बताया सीता माता विरोधी: कहा- संघ के लोग कभी जय सियाराम-जय सीताराम नहीं बोलते
भारत जोड़ो यात्रा को लेकर आगर-मालवा पहुंचे राहुल गांधी ने फिर बीजेपी और आरएसएस पर जमकर हमला बोला। राहुला गंधी ने बीजेपी और आरएसएस को सीता माता विरोधी बताया। राहुल ने कहा, बीजेपी और आरएसएस कभी जय सियाराम और जय सीताराम नहीं बोल सकते, क्योंकि आरएसएस संगठन में एक भी महिला नहीं है।
राहुल गांधी ने मंच से जय सियाराम, जय सीताराम और जय श्रीराम के नारे का मतलब भी समझाया। राहुल ने कहा, एक पंडित जी मुझे मिले उन्होंने मुझे बताया कि भगवान राम तपस्वी थे, उन्होंने पूरी जिंदगी तपस्या की। गांधी जी हमेशा ‘है राम’ कहते थे।राम सिर्फ भगवान नहीं वो एक जीवन जीने का तरीका सिखाते थे। उन्होंने कहा, जय सियाराम का मतलब मुझे पंडित जी ने बताया कि जय सियाराम का मतलब सीता और राम एक ही है। इसलिए हम जय सियाराम या फिर जय सीताराम कहते हैं।
‘जय श्रीराम’ को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि जय श्री राम नारे में हम भगवान राम की जय करते हैं। पंडित जी ने मुझसे कहा था कि लोगों से पूछना बीजेपी सिर्फ जय श्रीराम कहती है, लेकिन जय सियाराम और जय सीताराम नहीं कहती है। क्योंकि उनके संगठन में महिला नहीं हैं। RSS और बीजेपी के लोग भगवान राम के जीवन की तरह नहीं जीते। भगवान राम ने कभी किसी के साथ अन्याय नहीं किया। भगवान राम ने हमेशा जोड़ने का काम किया।
किराए के कातिलों से कराई जिगर के टुकड़े का कत्ल: सुपारी किलर को मां ने दिए 30 हजार, बड़े बेटे ने भी दिया साथ, पढ़िए मर्डर मिस्ट्री
राहुल गांधी ने कहा, हमारी यात्रा मध्यप्रदेश मे पूरी होने वाली है। देश के कई राज्यों से ये यात्रा गुजरी। कश्मीर में हम देश का तिरंगा फहराएंगे। अब यह यात्रा कांग्रेस की नहीं ये जनता की यात्रा में तब्दील हो चुकी है। यात्रा में किसी को अब थकान नहीं होती। एमपी में सभी वर्ग ने साथ दिया। हर शहर में भीड़ दिखाई दी। बीजेपी के लोगों ने कहा ये क्या है? मैं अबतक लाखों लोगों से मिला।
राहुल गांधी ने किसानों को यूरिया व डीएपी नहीं मिलने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा, कई किसानों से मिला सब ने कहा यूरिया-डीएपी नहीं मिलता। बीमा कंपनी कहीं नहीं मिलती है। फसल के सही दाम भी नहीं मिलते।
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