शुक्रवार, 4 जुलाई 2025

मोदी पत्रकारों की नजर में

मोदी जी ने सोते समय करवट ली और पत्रकारों की प्रतिक्रिया अर्नब :- The sheer suddenness of the move, the unexpected nature of the move, the unpredictability of the move, the fact that there was no warning and he took a turn. रजत शर्मा :- आज उन्होंने करवट लेकर दिखा दिया, सब हैरान हैं, विश्व चौंक गया है, विपक्ष की बोलती बंद हो गई है, चीन डर गया है, पाकिस्तान कांप रहा है, और क्या चाहिये? सुधीर :- आज हम जानेंगे करवट लेने के पीछे का मास्टरस्ट्रोक, दाएं तरफ करवट लेते तो विपक्ष उंगली उठा सकता था कि लेफ्ट को पीठ दिखाई है, लेकिन छप्पन इंच छाती बाएं तरफ कर ऊपर की पलक से नीचे की पलकें मिला कर सोते हुए प्रधानमंत्री जी ने कड़ा संदेश दिया कि टाइगर अभी ज़िंदा है अमीष देवगन :- सोते समय भी वो सोच रहे थे कि मेरी जनता का भला कैसे कर सकता हूँ? थोड़ी तो मर्यादा विपक्ष को रखनी चाहिये,एक आदमी 18-18 घंटे एक हाथ पर लेटा है तो आखिर किसके लिए? अंजना :- वो गरीब घर का लड़का था, चुपचाप आम चूस के खाता था, कहने को पास एक कुर्ता था,उसे भी छोटा कर पहनता था,चाय बेचते भी सपने देखता मातृभूमि के,उसके चेहरे पर नन्हे बालक की तरह मुस्कान थी, शायद स्वप्न में देश की सेना को मुफ़्त में चाय पिलाई थी चित्रा :- आखिर राहुल गांधी सामने आकर बताते क्यों नही की वो पेट के बल क्यों सोते हैं, गांधी परिवार घबरा क्यों रहा है सवालों से? मोदी जी की करवट पर भटकाने की कोशिश न करें, हम विपक्ष से सवाल करते रहेंगे ताल ठोक के रवीश :- बड़ी विडंबना है, निद्रा का माहौल है, सवर्ण तबका चैन की नींद सोता है तब क्या हम पूछते हैं कि गरीब मज़दूर कैसे आज सोया होगा? आज उसे रोटी मिली होगी या खाली पेट ही लेटा है? ये गोदी मीडिया ज़हर बन चुका है, टीवी देखना बंद कर दीजिये, कोशिश कीजिये आपको भी नींद आ जाए, आप भी चैन की नींद सो सकें, क्योंकि चौकीदार सो चुका है, और यही इस देश की विडंबना है रुबिका लियाकत :- बिलकुल शेर की तरह लेटे हैं प्रधानमंत्री जी, लेटने में भी राष्ट्रहित सोच रहे हैं, मेरी बहनें, भाइयों, ये ऑपोज़िशन के लोग करवट को भी हिन्दू-मुस्लिम में बाँटना चाहते हैं! शर्म आनी चाहिए इन्हें श्वेता सिंह :- वास्तव में अगर आप इस करवट का एरियल व्यू देखें तो उसमें आपको इंडिया का मैप दिखेगा,यह एक इत्तेफाक नहीं, ये संयोग नहीं प्रयोग है,ये करवट नहीं, अधिकार का विस्तार है अमन चोपड़ा :- अब देखिए न, करवट भी ऐसी ली कि पिलो (तकिया) तक ने सलाम ठोंक दिया! लेकिन ये टुकड़े-टुकड़े गैंग अब कहेंगे कि ये लोकतंत्र की करवट है, शर्मनाक है ये बयानबाज़ी सौरभ द्विवेदी :- देखिए भइया, बात सीधी है जब प्रधानमंत्री करवट लेते हैं, तो देश की राजनीति करवट लेती है,अब आप कहोगे अरे सौरभ भइया, ये कौन-सी बात हुई? तो मैं कहूँगा भइया, बात वही है जो हमारे गाँव की बड़की माई कहती थी 'जो बिसेसा लोटे, ओकरा खरिहान में पगडंडी बनती है' अब इसे आप समझ लो करवट भी अगर प्रधानमंत्री की है, तो पगडंडी बन जाएगी अब आप रविश को सुनो वो कहेंगे, "चौकीदार सो गया",अरे भइया, हमारे गाँव में तो चौकीदार कभी सोता ही नहीं था, वो ठकुराई का आदमी था, रातभर दारू पीकर हल्ला करता था,लेकिन यहाँ दिल्ली में, करवट लेने भर से लोग बवाल काट रहे हैं मैं कह रहा हूँ ये कोई पहली बार नहीं हुआ है कि नेता लेटे हैं,अरे मुलायम सिंह यादव तो खटिया पर पंचायत कर देते थे! हमारे गाँव में तो बाबूलाल कक्का आज भी लेटे-लेटे मछली मारते हैं बगल में जाल, पेट पर बीड़ी अब आप मुझसे पूछिए कि क्या ये करवट चुनावी रणनीति थी? तो मैं कहूँगा भइया, ककहरा में भी 'क' पहले आता है, 'ख' बाद में,राजनीति में भी करवट पहले आती है, बयान बाद में कुछ लोग कहेंगे सौरभ मोदी जी की तरफ है, भइया, हम वो लोग हैं जो गाँव के पोखरे में सबको नहलाने भेजते थे, लेकिन साबुन किसी को न देते थे लखनऊ में जब मैं था.... (माना जाता है कि सौरभ अभी तक प्रतिक्रिया ही दे रहा है, लोग सो चुके हैं) साभार :- असीम त्रिवेदी

कोई टिप्पणी नहीं:

Share |