रविवार, 22 दिसंबर 2024

योगी आदित्यनाथ पर रासुका की कार्यवाही करने की रिपोर्ट देने वाले आई पी एस बर्खास्त

योगी आदित्यनाथ पर रासुका की कार्यवाही की करने की रिपोर्ट देने वाले आई पी एस बर्खास्त जसवीर सिंह को सरकार ने सेवा से निकाला गया है। व राजा भईया जैसे माफिया डान को भी उक्त अधिकारी ने जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया था। 1992 बैच के आईपीएस जसवीर सिंह को पांच साल पहले यानी कि 14 फरवरी 2019 को निलंबित कर दिया गया था। निलंबन के समय जसवीर एडीजी रूल्स एंड मैन्युअल के पद पर तैनात थे। सरकार ने निलंबन की वजह उनके बिना सूचना के छुट्टी पर जाना बताया था। लेकिन इसके कुछ दिन पहले ही एक वेबसाइट पर प्रसारित जसवीर के इंटरव्यू को निलंबन का आधार माना गया था। इसमें उन्होंने योगी आदित्यनाथ को लेकर टिप्पणी की थी। बेबाक अंदाज में कही थी ये बात फरवरी 2019 में एक वेबसाइट से बातचीत में जसबीर सिंह ने सरकार की कई नीतियों पर सवाल उठाए थे। इसमें अफसरों के तबादले, एनकाउंटर नीति और शासन की कार्यशैली पर उनके कड़े बयान भी शामिल थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि सरकार उन्हें बिना काम के वेतन दे रही थी जबकि उनके विभाग में कोई कामकाजी गतिविधि नहीं हो रही थी। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि सरकार उन्हें बिना काम के पैसे दे रही है। रूल्स एंड मैनुअल्स में कोई काम नहीं है, जिसके लिए सरकार उन्हें पैसे दे रही है। इसके अलावा उन्होंने बड़े बेबाकी से कहा था कि नेता चाहते हैं कि अधिकारी उनके प्रति वफादार रहें जो संविधान के खिलाफ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर की थी कार्रवाई साल 2002 में जसवीर सिंह महाराजगंज में एसपी पद पर तैनात थे। वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उस वक्त वहां के सांसद हुआ करते थे। योगी द्वारा बनाए गए हिंदू युवा वाहिनी संगठन पर महाराजगंज और गोरखपुर बॉर्डर के कुछ गांव में हिंसा फैलाने का आरोप लगा था। जसवीर सिंह ने इस मामले में योगी आदित्यनाथ को गिरफ्तार कर उनपर कार्रवाई कर दी थी। उस प्रदेश में मायावती की सरकार थी। इस घटना के ठीक दो दिन बाद ही मायावती सरकार ने उनका ट्रांसफर कहीं और करा दिया था।

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सुमन
लोकसंघर्ष