गुरुवार, 9 अप्रैल 2009

चश्मे नम....



चश्मे नम नूर की दुआ जाने ।
क्या है तेरे दिल में है खुदा जाने ?
ख्वाहिशों के जुनूँ में बस यूं ही
आ गए आज हम कहाँ जाने ?
फर्श पर अर्श झुक रहा था कभी
क्या हुआ फिर तेरी सदा जाने ?
मौत को जिंदगी मिली कितनी
तुझसे बेहतर तेरी अदा जाने ॥

------------------डॉक्टर यशवीर सिंह चंदेल "राही"

2 टिप्‍पणियां:

श्यामल सुमन ने कहा…

चलिए मैं भी कुछ जोड दूँ-

जाने कितनों का दिल तुमने तोड़ा।
मुझसे बेहतर तेरी वफा जाने।।

।सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत बढिया ...

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