श्री शाजी मोहन की गिरफ्तारी ने आतंकी ढांचे की मजबूती की और इशारा करता hहै। 2006 से 2008 में aश्री शाजी मोहन नारकोटिक्स ब्यूरो sचंडीगढ़ में जोनल कुमार रहे सभी जानते है कि नारकोटिक्स पदार्थ uके तार अंतर्राष्ट्रीय है और उक्त धंधे aसे जुदा हुआ व्यक्ति किसी न किसी se विदेशी शक्तियों से जुड़ जाता है । जो इस देश को कमजोर करना चाहती है । अपने जनपद बाराबंकी से लेकर प्रदेश के कई राजनेता मादक पदार्थो कि तस्करी में लिप्त है तो इनके तार कही न कही आतंकियों से निश्चित रूप से जुड़े हुए है। यदि आतंकवाद को समाप्त करना है तो निश्चित रूप से राजनेताओं और ब्र्हष्ट नौकर्सहो व नारकोटिक्स तस्करों के गठजोड़ को समाप्त करना होगा।
आय से अधिक संपत्ति रखने का निषेध करने वाले कानून ko पूरी ईमानदारी से यदि लागू किया जे तो , तस्करों के गठजोड़ को तोडा जा सकता है। इस गठजोड़ के टूटने का अर्थ है कि आतंकवादियो को संरक्षण तथा पुष्पेन्द्र मदद मिलनी बंद पुष्पेन्द्र जायेगी।
pushpendra kumar singh
लोकसंघर्ष पत्रिका से ॥
pushpendra kumar singh
लोकसंघर्ष पत्रिका से ॥
1 टिप्पणी:
सही विचारा है। वस्तुत: भ्रष्टाचार के जितबे भी रूप हैं वे सब आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं। इनमें कालाधन, मादक पदार्थों की तस्करी, गुण्डाराज, माफियाराज, चुनाव में भ्रष्टाचार, घूसखोरी, नकली नोट आदि सब शामिल हैं।
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