मिट- मिट के सुजाना है हँस- हँस के दिखाना है ।
इक कूंच- ए जाना है इक राहे ज़माना है।
सागर की अदाएं है अँजूरी का ठिकाना है ।
इक अश्को की गागर है इक प्यार का पैमाना है ।
सुन- सुन के मचलते है , घिर घिर के बरसते है।
इक दर्द को सरगम है, इक कहे फ़साना है।
- डॉक्टर यशवीर सिंह चंदेल 'राही'
2 टिप्पणियां:
bahut sunder abhivyakti hai abhar
बहुत सुन्दर रचना है।बधाई।
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