शुक्रवार, 17 अप्रैल 2009

मेरा भारत

जब मैं कहूँ मेरा भारत है तो भी उनको दिक्कत है क्योंकि देश का ठेका तो उनके पास है देश का स्वरूप क्या होगा यह उनको तय करना है। जो कभी भी तय नही कर पाए है और स्वरूप बदलने के लिए उन्होंने कितने नरसंहार किए लेकिन अपने समुदाय का भी वह नेतृत्व नही कर पाये तो कुंठाग्रष्ट होकर नया इतिहास लिखकर मिथ्या प्रचार कर समाज को विखण्डित करने का कार्य शुरू कर दिया और जब हम कहते है की यह देश मेरा है और इसकी रक्षा हम करेंगे देश की एकता और अखंडता की हिफाज़त हम करेंगे तो सबसे ज्यादा तकलीफ उन्ही को होती है । अपने मुल्क की हिफाज़त की है । कभी भी हमने सांप्रदायिक विद्वेष नही फैलाया है । लेकिन आपने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की हत्या से लेकर कर्नाटक , उडीसा ,असम, मिजोरम ,महाराष्ट्र तक भारतीय नागरिको का नरसंहार किया है। गुनहगार आप है या हम ?देश को खतरा आप से है या हमसे ? इन्साफ पसंद व सच्चे देशभक्त विचार करें।

मोहम्मद आमिर
एडवोकेट
आतंकवाद का सच में प्रकाशित ॥

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