एक और आतंकी घटना और पिछली घटनाओं की भांति संदेह के घेरे में सर्वप्रथम मुसलमान। नाम मोहसिन चैधरी। मात्र एक घण्टे के अन्दर ए0टी0एस0 मुम्बई ने आतंकी घटना के मोहरे को ढूँढ़ निकाला, जबकि घटना आर0एस0एस0 के गढ़ में हुई, जहाँ मालेगाँव व अन्य विस्फोटों के आरोपी कर्नल पुरोहित ने अभिनव भारत नाम के संगठन का गठन किया था, और जहाँ आचार्य रजनीश का ओशो आश्रम व अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर आतंक के जन्मदाता यहूदी समुदाय का भी प्रार्थना स्थल ‘खबाद’ मौजूद है। अमरीकी खुफिया संगठन सी0आई0ए0 व बाद में आई0एस0आई0 पाकिस्तान से जुड़ा रहा जासूस डेविड कोलीन हेडली का भी इन्हीं स्थानों पर बराबर आना जाना रहा।
पूणे के जर्मन बेकरी रेस्टोरेन्ट में शनिवार की शाम लगभग 7.30 बजे एक धमाका हुआ। पहले पुलिस की ओर से यह समाचार आया कि यह बेकरी के किचन में फटे गैस सिलण्डर के कारण हुआ है, परन्तु बाद में वहाँ पहुँची ए0टी0एस0 व बम निरोधक दस्ते ने जानकारी दी कि एक पीठ पर टाँगने वाले बैग में रखी गई विस्फोटक सामग्री ने इस घटना को अंजाम दिया है, और यह एक आतंकी घटना है। इस घटना में प्रारम्भिक तौर पर जो समाचार प्राप्त हुए हैं, उसके मुताबिक लगभग एक दर्जन व्यक्ति हलाक हो गये और 40 व्यक्ति जख्मी हुए। मरने वालों में एक विदेशी नागरिक भी है जिसकी नागरिकता और उसकी खुद की शिनाख्त होनी अभी बाकी है।
गौरतलब बात यह है कि यह घटना तब घटी जब पूरे महाराष्ट्र में सम्प्रादायिक्ता व अलगाववाद की बात करने वाले संगठनों की थू-थू हो रही थी, और ‘‘माई नेम इज खान’’ के हीरो शाहरूख खान की जय जयकार। यानि धर्म निरपेक्ष ताकतों की फतह और सम्प्रदायिक शक्तियों की शिकस्त। यह घटना पाकिस्तान से होने वाली हमारे देश की वार्ता से मात्र 12 दिन पूर्व हुई है जब पाकिस्तान से वार्ता करने का विरोध हिन्दुवादी संगठन कर रहे थे। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान अपने एजेण्डे यानि कश्मीर के मुद्दे को भी वार्ता में शामिल करने की बात पर अड़ा हुआ था। उसे आतंकवाद के मुद्दे को भी बातचीत में शामिल करने पर एतराज था। यह घटना उस समय घटी है, जब भले ही राजनीतिक आवश्यकता के कारण ही सही, बाटला हाउस एनकाउण्टर पर कांग्रेस की ओर से ही अंगुलियाँ उठने लगी थीं, और जामा मस्जिद दिल्ली के पेश ईमाम अहमद बुखारी भी एक बयान के साथ बयानबाजी के मैदान में कूद पड़े थे।
घटना के मात्र एक घण्टे उपरान्त ही देश की सुरक्षा व खुफिया एजेन्सियों ने घटना के सूत्रधार व उसके संगठन को ढूंढ़ निकाला। इण्डियन मुजाहिदीन व लश्करे तोएबा नाम के आतंकी संगठनों का नाम सामने आया साथ में मोहसिन चैधरी नाम के एक कथित आतंकवादी का फोटो राष्ट्रीय चैनलों पर उभर कर सामने आ गया उसके शेष साथियों की तलाश, और आजमगढ़ से पकड़े गये तथाकथित आतंकवादी शहजाद से उसके तार जोड़ने की कवायद प्रारम्भ हो गई।
घटनास्थल के पास विश्व प्रसिद्ध ओशो आश्रम है जहाँ विदेशी सैलानियों का सिलसिला कायम रहता है फिर यहूदियों का प्रार्थना स्थल खबाद भी यहाँ से चन्द कदम की दूरी पर है। इसके अतिरिक्त सूर्या होटल भी यहीं है, जहाँ अमरीकी-पाकिस्तानी जासूस डेविड हेडली आकर रुकता था। बावजूद इसके शक के दायरे में किसी विदेशी का नाम पहले ए0टी0एस0 की जुबान पर नही आया। स्मरण रहे कि 26/11 की मुम्बई घटना स्थल के पास भी यहूदियों की काॅलोनी नारीमन हाउस थी और यहाँ भी खबाद के रूप में यहूदियों की उपस्थिति।
महाराष्ट्र प्रान्त का यह नगर
पुणे स्वतंत्रता संग्राम से भी पहले से हिन्दूवादी संगठनों का मुख्यालय रहा है और मालेगाँव बम काण्ड के जनक लेफ्टीनेन्ट कर्नल पुरोहित का अपने संगठन अभिनव भारत के कारसेवकों की ‘‘तरबियतगाह’’ भी इसी नगर में रही है। इनमें से किसी का नाम पहले जुबान पर नहीं आया मुसलमान का नाम पहले आया। शायद इस कारण कि राम मंदिर आन्दोलन के नायक भाजपा के वरिष्ठ लीडर लालकृष्ण आडवाणी के शब्दों में Every muslim is not terrorist but, the terrorist who is being caught is aways Muslim .
-मो0तारिक खान
पूणे के जर्मन बेकरी रेस्टोरेन्ट में शनिवार की शाम लगभग 7.30 बजे एक धमाका हुआ। पहले पुलिस की ओर से यह समाचार आया कि यह बेकरी के किचन में फटे गैस सिलण्डर के कारण हुआ है, परन्तु बाद में वहाँ पहुँची ए0टी0एस0 व बम निरोधक दस्ते ने जानकारी दी कि एक पीठ पर टाँगने वाले बैग में रखी गई विस्फोटक सामग्री ने इस घटना को अंजाम दिया है, और यह एक आतंकी घटना है। इस घटना में प्रारम्भिक तौर पर जो समाचार प्राप्त हुए हैं, उसके मुताबिक लगभग एक दर्जन व्यक्ति हलाक हो गये और 40 व्यक्ति जख्मी हुए। मरने वालों में एक विदेशी नागरिक भी है जिसकी नागरिकता और उसकी खुद की शिनाख्त होनी अभी बाकी है।
गौरतलब बात यह है कि यह घटना तब घटी जब पूरे महाराष्ट्र में सम्प्रादायिक्ता व अलगाववाद की बात करने वाले संगठनों की थू-थू हो रही थी, और ‘‘माई नेम इज खान’’ के हीरो शाहरूख खान की जय जयकार। यानि धर्म निरपेक्ष ताकतों की फतह और सम्प्रदायिक शक्तियों की शिकस्त। यह घटना पाकिस्तान से होने वाली हमारे देश की वार्ता से मात्र 12 दिन पूर्व हुई है जब पाकिस्तान से वार्ता करने का विरोध हिन्दुवादी संगठन कर रहे थे। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान अपने एजेण्डे यानि कश्मीर के मुद्दे को भी वार्ता में शामिल करने की बात पर अड़ा हुआ था। उसे आतंकवाद के मुद्दे को भी बातचीत में शामिल करने पर एतराज था। यह घटना उस समय घटी है, जब भले ही राजनीतिक आवश्यकता के कारण ही सही, बाटला हाउस एनकाउण्टर पर कांग्रेस की ओर से ही अंगुलियाँ उठने लगी थीं, और जामा मस्जिद दिल्ली के पेश ईमाम अहमद बुखारी भी एक बयान के साथ बयानबाजी के मैदान में कूद पड़े थे।
घटना के मात्र एक घण्टे उपरान्त ही देश की सुरक्षा व खुफिया एजेन्सियों ने घटना के सूत्रधार व उसके संगठन को ढूंढ़ निकाला। इण्डियन मुजाहिदीन व लश्करे तोएबा नाम के आतंकी संगठनों का नाम सामने आया साथ में मोहसिन चैधरी नाम के एक कथित आतंकवादी का फोटो राष्ट्रीय चैनलों पर उभर कर सामने आ गया उसके शेष साथियों की तलाश, और आजमगढ़ से पकड़े गये तथाकथित आतंकवादी शहजाद से उसके तार जोड़ने की कवायद प्रारम्भ हो गई।
घटनास्थल के पास विश्व प्रसिद्ध ओशो आश्रम है जहाँ विदेशी सैलानियों का सिलसिला कायम रहता है फिर यहूदियों का प्रार्थना स्थल खबाद भी यहाँ से चन्द कदम की दूरी पर है। इसके अतिरिक्त सूर्या होटल भी यहीं है, जहाँ अमरीकी-पाकिस्तानी जासूस डेविड हेडली आकर रुकता था। बावजूद इसके शक के दायरे में किसी विदेशी का नाम पहले ए0टी0एस0 की जुबान पर नही आया। स्मरण रहे कि 26/11 की मुम्बई घटना स्थल के पास भी यहूदियों की काॅलोनी नारीमन हाउस थी और यहाँ भी खबाद के रूप में यहूदियों की उपस्थिति।
महाराष्ट्र प्रान्त का यह नगर
पुणे स्वतंत्रता संग्राम से भी पहले से हिन्दूवादी संगठनों का मुख्यालय रहा है और मालेगाँव बम काण्ड के जनक लेफ्टीनेन्ट कर्नल पुरोहित का अपने संगठन अभिनव भारत के कारसेवकों की ‘‘तरबियतगाह’’ भी इसी नगर में रही है। इनमें से किसी का नाम पहले जुबान पर नहीं आया मुसलमान का नाम पहले आया। शायद इस कारण कि राम मंदिर आन्दोलन के नायक भाजपा के वरिष्ठ लीडर लालकृष्ण आडवाणी के शब्दों में Every muslim is not terrorist but, the terrorist who is being caught is aways Muslim .
-मो0तारिक खान
1 टिप्पणी:
बढ़िया है..
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