शुक्रवार, 4 जून 2010

पत्नी बचाना मुश्किल है

(आरोप यदि सही हैं तो शर्मनाक है)

ईजराइल के सरकारी दौरे पर गए लेफ्टिनेंट जनरल ए.के नंदा ने साथ में गए कर्नल रैंक के अधिकारी की पत्नी से छेड़-छाड़ की। यह आरोप कर्नल रैंक के अधिकारी की पत्नी ने सेना प्रमुख की पत्नी व आर्मी वाईव्स से मिलकर लगाया। इसके पूर्व भी सेना के पांच बड़े अफसरों ने अपने मातहत अफसरों की पत्नियों का यौन उत्पीडन का मामला प्रकाश में आया था। समय-समय पर उच्च पदस्थ सैन्य अधिकारियो के खिलाफ अपने अधीनस्थ अधिकारियो की पत्नियों से छेड़-छड के मामले प्रकाश में आते रहे हैं। पूर्वोत्तर भारत में सेना का पूर्णतया नियंत्रण है। मणिपुर में सेना के खिलाफ औरतों का निवस्त्र प्रदर्शन तक हो चुका है। समाज में हमारी सेना के अदम्य साहस और शौर्य की गाथाएं जन-जन में प्रचलित हैं किन्तु दूसरा पक्ष यह भी है कि सेना में यौन उत्पीडन, भ्रष्टाचार के मामले जब प्रकाश में अक्सर आते रहते हैं तो एक तबका इस बात की वकालत करने लगता है कि इसकी चर्चा मत करो सेना का मनोबल टूटेगा। हमारी सेना में अब इस तरह की हरकतें ज्यादा संख्या में होने लगी हैं और भ्रष्टाचार भी अन्य विभागों की तरह चरम पर हैं। पुलिस वालों की भांति फर्जी एनकाउंटर भी होने लगे हैं। कुछ वर्ष पूर्व जब रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीज हुआ करते थे तो देश के विभिन्न आयुध भण्डारो में विस्फोट हो गए थे और सारा हिसाब किताब बराबर कर लिया गया था। सेवानिवृत्ति सैन्य अधिकारियो की भी कारनामें देश भक्ति पूर्ण नहीं हैं। आज जरूरत इस बात की है कि सैन्य समुच्चयों को लोकतान्त्रिक करण किया जाए और उनमें उच्च आदर्श, उच्च मापदंड स्थापित करने की परंपरा की आवश्यकता है। मनोबल कम न होने पावे इसलिए उनके हर अपराधिक कृत्य को माफ़ करने का कोई औचित्य नहीं है अगर सेना बाबा आदम जमाने की सोच रखकर लूट और खसोट पर आधारित व्यवस्था पर चलती है तो भारत की रक्षा भी नहीं हो सकती है। एक सेवानिवृत्ति सैनिक ने बताया कि सेना में पत्नियों को सुरक्षित रखना आसान नहीं है। कठोर नियमो और उपनियमो के तहत सैन्य अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारी को कुसित इच्छा न पूरी होने पर दण्डित भी कर देते हैं।

सुमन
loksangharsha.blogspot.com

2 टिप्‍पणियां:

कडुवासच ने कहा…

...सही ही लग रहे हैं !!!

राज भाटिय़ा ने कहा…

लेकिन कई बार छोटे अफ़सर ओर कर्मचारी उन्न्ति पाने के लि़ये भी तो अपनी बीबी को पेश करते है,क्या पता काम निकलने पर यही लोग सोर मचाते हो... ओर फ़िर जब अधिकारियो को नेता ही भ्रष्टाचार की राह दिखाये तो....अजी यहां चारो ओर दल दल है

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