शुक्रवार, 23 जुलाई 2010

वर्ष के श्रेष्ठ कवि (कविता पाठ),वर्ष के श्रेष्ठ गज़लकार

वर्ष के श्रेष्ठ कवि (कविता पाठ)

कहा गया है- " वाक्यं रसात्मकं काव्यं " यानी रसों से सरावोर वाक्य ही काव्य है ।
एक ऐसा प्रवासी भारतीय कवि जिनकी कविता तो आकर्षित करती ही है , आवाज़ भी कम आकर्षित नहीं करती ।
उस आवाज़ में यदि कविता रूपी महुए का स्वाद आपने एक बार चख लिया तो समझिये हमेशा के लिए आप उनकी आवाज़ में आबद्ध हो जायेंगे ।
जानते हैं कौन हैं वो ?
वो हैं श्री अनुराग शर्मा
जिन्हें ब्लोगोत्सव की टीम ने ब्लोगोत्सव पर प्रसारित उनकी कविता "गड़बड़झाला" को आधार बनाते हुए उन्हें वर्ष के श्रेष्ठ कवि (कविता पाठ ) का अलंकरण देते हुए लोकसंघर्ष परिकल्पना सम्मान से सम्मानित करने का निर्णय लिया है ।


वर्ष के श्रेष्ठ गज़लकार

एक ऐसा गज़लकार जिनकी ग़ज़लों का सबसे बड़ा आकर्षण प्रभावोत्पादकता है . पढ़ने वाले को यह महसूस होता है कि यह उन्ही की दिली बातों का वर्णन है।
एक ऐसा गज़लकार जिनकी ग़ज़लों के शिल्प और कथ्य में गज़ब का तारतम्य होता है । शब्दों का विभाजन विभिन्न घटकों की मात्रा संख्या के अंतर्गत वे ऐसे करते हैं कि पढ़ने वाला कोई भी पाठक उनकी ग़ज़लों का मुरीद हो जाए ।
आज अपनी अकुंठ संघर्ष चेतना और एक के बाद दूसरी विकासोन्मुख प्रवृति के बीच जिनकी ग़ज़ल हिन्दी साहित्य में अपनी स्वतन्त्र उपस्थिति दर्ज कराने को वेचैन दिखती है।
जानते हैं कौन है वो ?
वे हैं श्री दिगंबर नासवा
जिन्हें ब्लोगोत्सव की टीम ने वर्ष के श्रेष्ठ गज़लकार का अलंकरण देते हुए लोकसंघर्ष परिकल्पना सम्मान-२०१० से सम्मानित करने का निर्णय लिया है ।
suman

4 टिप्‍पणियां:

वाणी गीत ने कहा…

अनुराग जी और दिगंबर जी को बहुत शुभकामनायें ...!

vijay kumar sappatti ने कहा…

meri dil se badhayi dono mitro ko .. dhanywad aapka ..

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

ढेर सारी बधाइयाँ.
दोनो को ही मैं पढ़ता रहता हूँ और दोनों से प्रभावित हुआ हूँ. डा0 अनुराग जी की कहानियाँ मुझे अधिक अच्छी लगती हैं. दिगंबर नासवा जी के गज़ल..वाह, क्या कहने..!

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

ढेर सारी बधाइयाँ.
दोनो को ही मैं पढ़ता रहता हूँ और दोनों से प्रभावित हुआ हूँ. डा0 अनुराग जी की कहानियाँ मुझे अधिक अच्छी लगती हैं. दिगंबर नासवा जी के गज़ल..वाह, क्या कहने..!

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