मंगलवार, 27 जुलाई 2010

वर्ष की श्रेष्ठ प्रस्तुति,वर्ष के श्रेष्ठ आकर्षण के अंतर्गत वर्ष की श्रेष्ठ उदीयमान गायिका

वर्ष की श्रेष्ठ प्रस्तुति

किसी शायर ने कहा है, कि- " बादल हो तो बरसों कभी बेआब जमीं पर, खुशबू हो अगर तुम तो बिखर क्यूँ नहीं जाते !!" ब्लोगोत्सव की २०० से ज्यादा प्रस्तुतियों से एक श्रेष्ठ प्रस्तुति का चयन आसान नहीं था .....
ब्लोगोत्सव की टीम इस दिशा में लगातार माथापच्ची करती रही और अंतत: इस निष्कर्ष पर पहुंची कि कैप्टन मृगांक नंदन और उनकी टीम के द्वारा प्रस्तुत देश भक्ति की भावना से ओतप्रोत विडिओ प्रस्तुति को ही वर्ष की श्रेष्ठ प्रस्तुति की संज्ञा दी जाए ......!

इसलिए कैप्टन मृगांक नंदन और उनकी टीम के द्वारा प्रस्तुत विडिओ प्रस्तुति को श्रेष्ठ प्रस्तुति का अलंकारं देते हुए ब्लोगोत्सव की टीम ने सम्मानित करने का निर्णय लिया है जो देश के स्वाभिमान को अक्षुण बनाए रखने हेतु सतत संकल्पित युवा सेनानियों को ब्लोगोत्सव की यह सप्रेम भेंट है ...!

वर्ष के श्रेष्ठ आकर्षण के अंतर्गत वर्ष की श्रेष्ठ उदीयमान गायिका

आज की प्रस्तुति के क्रम में मुझे हिंदी फिल्म का एक पुराना गाना स्मरण हो आया अचानक -"बच्चे मन के सच्चे, सारे जग के आँख के तारे.....!"

हम ऐसे ही तीन नन्हे सितारों की बात करने जा रहे हैं जिनकी उपस्थिति मात्र से गरिमामय हो गया था ब्लोगोत्सव का समापन समारोह !
जिन्होंने अपने नन्हे मन में छिपी बड़ी इच्छाशक्ति के बल पर ब्लोगोत्सव को दिया एक बड़ा आकाश और संगीत की एक ऐसी जमीन जिसपर टिककर आज पूरा हिंदी चिट्ठाजगत सर उठाकर देखने को आतुर है आकाश के झिलमिल सितारों को ....!

संगीत के प्रति इन तीनों की श्रद्धामयी भावना और साँसों-साँसों में बसी अदम्य आकांक्षा की खुशबू .....अपराजेय ख्वाहिशों के साथ पवित्रता की हद तक ईश को समर्पित है ....
खुशबू /अपराजिता और ईशिता

यही तीनों स्वर साधिकाएँ हैं जिन्हें हम अपनी ब्लोगोत्सव -२०१० की टीम की सहमति से वर्ष के श्रेष्ठ आकर्षण के अंतर्गत वर्ष की श्रेष्ठ उदीयमान गायिका से अलंकृत करने जा रहे हैं !
suman

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