वर्ष के श्रेष्ठ गीतकार (लेखन और गायन )

एक ऐसा गीतकार जिसकी लेखनी से प्रेम के स्वर प्रस्फुटित होते हैं और कंठ में निवास करती हैं स्वयं सरस्वती ....जिसके गीत पाठकों/श्रोताओं को आंदोलित ही नहीं करते अपितु भीतर-ही भीतर नए महासमर के लिए तैयार भी करते हैं .....जिसकी प्रेमानुभुतियाँ इंसानियत के लड़खड़ाते कदमों को संभालने में, प्रेम पंजरी फांकने वालों को झुलसाने से बचाने में और हताश-निराश लोगों को आशा की किरण प्रदान करती है !
कहा भी गया है कि काव्य के निरिक्षण, परिक्षण और मूल्यांकन के सच्चे अधिकारी वही होते हैं जिनकी अभिव्यक्तियाँ प्रेम से सनी होती है ....यादों की बस्तियों में जिनके अपने महल-दुमहलें होती है और जो सपनों के सत्संग में स्नेह सुरभि लुटाता हो ....!
ऐसे ही एक काव्य व्यक्तित्व का नाम है राजेन्द्र स्वर्णकार
जिन्हें ब्लोगोत्सव की टीम ने वर्ष के श्रेष्ठ गीतकार (लेखन और गायन) से अलंकृत करते हुए सम्मानित करने का निर्णय लिया है !
वर्ष के श्रेष्ठ गीतकार (आंचलिक)

एक ऐसा गीतकार जिसकी गीतात्मक अभिव्यक्तियों में एक और प्रीति के फाग का राग है तो दूसरी ओर गहन दार्शनिक चिंतन- सरणि का सारभूत अध्यात्म का पराग भी है ...!
एक ऐसा गीतकार जिसके बिंब और कथ्य ग्रामीण परिस्थितियों से लबरेज है वहीं भाव व्यापक प्रभामंडल को आयामित करने में समर्थ ...!
जिसकी प्रवाहशीलता के साथ-साथ अर्थ व्यंजनायें बरबस आकर्षित करती है और जिसकी जिन्दादिली से वाकिफ है पूरा हिंदी चिट्ठाजगत ...!
जानते हैं कौन हैं वो ?
वो हैं रायपुर निवासी ललित शर्मा
जिन्हें ब्लोगोत्सव-२०१० की टीम ने वर्ष के श्रेष्ठ गीतकार (आंचलिक) का अलंकरण देते हुए सम्मानित करने का निर्णय लिया है !
suman
1 टिप्पणी:
बधाई एवं शुभकामनाएँ.
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