मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी व सत्ता में कांग्रेस में आज कल बहस चल रही है कि अफजल गुरु उनकी पार्टी का दामाद है या मुख्य विपक्षी दल का दामाद है। इसी विषय पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी से लेकर कांग्रेस के छुटभैया नेता तक विभिन्न मामलों को लेकर उसे साले-बहनोई एक दूसरे का बता रहे हैं। जैसे अगला संसदीय चुनाव का मुख्य मुद्दा अफजल गुरु या कसाब को दामाद बनाने पर होना है। आज जब देश की जनता महंगाई, बेरोजगारी, भुखमरी, शोषण से परेशान है तो दोनों पार्टियां जनता का ध्यान बांटने के लिए अपनी नौटंकी जारी रखे हुए हैं। देश की कुछ हिस्सों में जबरदस्त सूखा है जिससे फसलों की बुवाई तक नहीं हो पा रही है वहीँ दूसरी ओर कुछ हिस्सों में भयंकर बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह साम्राज्यवादी शक्तियों के इशारों पर पेट्रोलियम पदार्थों की सभी सब्सिडी वापस लेने के लिए कटिबद्ध हैं जबकि बहुराष्ट्रीय निगमों व पूंजीपतियों को अरबों रुपये की सब्सिडी दे रहे हैं। ओबामा प्रशंसा करे, इस देश की जनता चाहे जिन्दा रहे या मर जाए इससे उनका मतलब नहीं है साम्राज्यवादी शक्तियों की मुख्य पार्टियां कांग्रेस व भाजपा ही हैं। इस देश के अन्दर जो भी आतंकवाद है उस की मुख्य जड़ अमेरिकन साम्राज्यवाद है।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
सुमन
लो क सं घ र्ष !
7 टिप्पणियां:
nice subject sir...
एक ही आलेख इतनी जगह से पोस्ट करना उचित नहीं प्रतीत होता. यह मुफ्त उपलब्ध संसाधनों का दुरुपयोग है. मात्र निवेदन है कि इस ओर ध्यान दें.
अब अपन क्या बोलें..संघ की बातें संघी जाने...
शर्मनाक वक्तव्य !
समय हो तो इस कविता नुमा अंशों को पढ़ें और अपनी माकूल राय दें
बाज़ार,रिश्ते और हम http://shahroz-ka-rachna-sansaar.blogspot.com/2010/07/blog-post_10.html
शहरोज़
nise ?
nise ?
Udan Tashtari
से सहमत
1) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी बाराबंकी
2) कबीरा खड़ा बाजार में
3) ऐसी वाणी बोलिये
4) हिमधारा
5) हिन्दुस्तान का दर्द
6) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
7) लोकसंघर्ष
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Nice अंकल, ये तो बहुत कम हैं…।
आपको कम से कम 27 ब्लॉग और बनाने चाहिये, ताकि एक ही पोस्ट ठेल-ठेलकर उसे 54 लोग और पढ़ सकें… :) :) :)
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