आज राम का वनवास खत्म हुआ। राम वापस आये उसी के अवसर पर हम सब दीये जलाकर अपनी ख़ुशी का इजहार कर रहे हैं। हमारी कामना है, हमारी आराधना है कि हमारा देश, देश के नागरिक समृद्धि की ओर, प्रगति की ओर आगे बढें। देश की सम्रद्धि उस देश के नागरिकों की समृद्धि से आगे बढ़ता है । किन्तु अगर देश की खुशहाली चंद हाथों में सिमट जाए तो देश की निर्माण करने वाली शक्तियां मजदूर और किसान आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाती हैं। देश की बहुसंख्यक जनता अपनी भूख और प्यास से उबार नहीं पायी है। दूसरी तरफ हम आप करोडो रुपये के पटाके दगा कर उनकी भूख और प्यास का उपहास उड़ा रहे होंगे।
इस देश की एकता और अखंडता की हिफाजत तभी तक संभव है जब तक कोई नागरिक असंतुष्ट न होने पाए। साल भर लोग भाषा, प्रान्त, धर्म, जाति आदि के सवाल खड़े कर एक दूसरे को पराजित करने का सपना संजोये रहते हैं। जिससे देश कमजोर होता है। आइये हम आप यह कामना करें सांप्रदायिक , भाषाई, प्रांतीय, जातीय जेहनियत को ज्योति पर्व के दीये जलाकर राख कर दें। जिससे देश के नागरिक समृद्धि की ओर आगे बढ़ सकें।
ज्योति पर्व के अवसर पर आप सभी को लोकसंघर्ष परिवार की तरफ हार्दिक शुभकामनाएं।
ज्योति पर्व के अवसर पर आप सभी को लोकसंघर्ष परिवार की तरफ हार्दिक शुभकामनाएं।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
5 टिप्पणियां:
bhut achchaa sndesh dipaavli mubark ho. akhtar khan akela kota rajsthan
deepawali parv par hardik shubhakamanaye or badhai....
प्रेम से करना "गजानन-लक्ष्मी" आराधना।
आज होनी चाहिए "माँ शारदे" की साधना।।
अपने मन में इक दिया नन्हा जलाना ज्ञान का।
उर से सारा तम हटाना, आज सब अज्ञान का।।
आप खुशियों से धरा को जगमगाएँ!
दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!
यह स्वीकारने में संकोच नहीं कि ब्लॉगजगत आपका ऋणी है। सूचना और अनुभव बांटने का जो महती कार्य आपने किया है,वह उल्लेखनीय है। दीपावली पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं स्वीकार करें। आशा है,आप से हम लाभान्वित होते रहेंगे।
बहुत अच्छी पोस्ट ...इस दीपावली के शुभ अवसर पर आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाये
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