
भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस के नेतागण सांपनाथ हैं तो भाजपा के नेता नागनाथ हैं। देश की जनता की भलाई से इन दोनों पार्टियों का कोई लेना देना नहीं है। स्तिथि तो यह हो गयी है कि राष्ट्रमंडल घोटाले से लेकर सभी घोटालों में सत्ता पक्ष तथा मुख्य विपक्षी दल भाजपा दोनों लोग शामिल हो जाते हैं। जनता के आक्रोश को दमित करने के लिए कुछ दिन हल्लागुल मचा कर शांत करने का काम कर दिया जाता है। पक्षियों में बगुला पानी में एक पैर पर खड़ा होकर शिकार की तलाश में खड़ा रहता है। शिकार देखते ही झपट्टा मारकर उसको पेट में कर लेता है। फिर उसके बाद बगुला भगत की स्तिथि में आ जाता है। वही हाल भारतीय जनता पार्टी का है।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
3 टिप्पणियां:
बहुत सही पहचान की!
चोर चोर मौसेरे भाई।
बिल्कुल सही ।
टिप्पणीपुराण और विवाह व्यवहार में- भाव, अभाव व प्रभाव की समानता.
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