भारतीय जनता पार्टी व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ बातचीत में सामाजिक शुचिता, आदर्श, नैतिकता व ईमानदारी की बात करते हैं लेकिन व्यवहार में बंगारू लक्ष्मण से लेकर अमित शाह अपराधियों की एक बड़ी जमात है। शेख सहाबुद्दीन के फर्जी मुठभेड़ कांड में अभियुक्त पूर्व गृहमंत्री अमित शाह को न्यायालय ने गुजरात में प्रवेश करने पर रोक लगा रखी है। गुजरात सरकार ने जनता के करों का बढ़िया सदुपयोग करने के लिए गुजरात भवन में उनके रहने की व्यवस्था कर रखी है। न्यायालय अगर डाल-डाल है तो भारतीय जनता पार्टी पात-पात है।
भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस के नेतागण सांपनाथ हैं तो भाजपा के नेता नागनाथ हैं। देश की जनता की भलाई से इन दोनों पार्टियों का कोई लेना देना नहीं है। स्तिथि तो यह हो गयी है कि राष्ट्रमंडल घोटाले से लेकर सभी घोटालों में सत्ता पक्ष तथा मुख्य विपक्षी दल भाजपा दोनों लोग शामिल हो जाते हैं। जनता के आक्रोश को दमित करने के लिए कुछ दिन हल्लागुल मचा कर शांत करने का काम कर दिया जाता है। पक्षियों में बगुला पानी में एक पैर पर खड़ा होकर शिकार की तलाश में खड़ा रहता है। शिकार देखते ही झपट्टा मारकर उसको पेट में कर लेता है। फिर उसके बाद बगुला भगत की स्तिथि में आ जाता है। वही हाल भारतीय जनता पार्टी का है।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
3 टिप्पणियां:
बहुत सही पहचान की!
चोर चोर मौसेरे भाई।
बिल्कुल सही ।
टिप्पणीपुराण और विवाह व्यवहार में- भाव, अभाव व प्रभाव की समानता.
एक टिप्पणी भेजें