रविवार, 15 मई 2011

आखिर बाराबंकी में यह क्या हो रहा है?

बाराबंकी। पहले लखनऊ बाराबंकी मुख्य मार्ग पर बसपा के बाहुबली सांसद द्वारा औद्योगिक क्षेत्र के एक बडे भूखण्ड की आवासीय प्लाटिंग, फिर आजादी के समय की पुलिस चैकी का सौदा, फिर हरे भरे आम के बाग पर आरे चला कर बगैर लेआउट के प्लाटिंग और अब शहर के बीचोबीच हाऊसिंग सोसायटी की एक सार्वजनिक भूमि का राज्य मंत्री द्वारा कामर्शियल काम्पलेक्स बनाने के लिए सौदा।
माया सरकार को सपा के इस गढ में सात में से पाॅच सीटे जिताकर आम जनमानस ने यह उम्मीद उससे लगायी थी कि अब कानून का राज जिले में होगा और दबंग दुबक जाएंगे। सत्ता सम्भालने के एक पखवारे के उपरान्त ही अपने ही एक सांसद को उनकी अपराधिक गतिविधियों के चलते मैडम मायावती ने अपने बंगले से गिरफतार करवाके यह संदेश अपराधिक तत्वो को दे दिया था कि अब उनकी खैर नही। इसके बाद मुख्तार अंसारी फिर अतीक मियां राजा भैया, मुन्ना बजरंगी, अभय सिंह,शेखर तिवारी इत्यादि वह नाम है जो अपने कर्मो के कारण किसी परिचय का मोहताज नही।इन सभी की मैडम ने नकेल कसके राहेरास्त पर ला खड़ा किया यह फिर जेल के हवाले कर दिया।
परन्तु विगत एक वर्ष से बाराबंकी में दबंगो ने अपने पैर पसारना प्रारम्भ कर दिए और मैडम की सरकार की छवि पर बडे़ पैमाने पर बटटा लगाना अपने कुकर्मो से शुरु कर दिया। बताते है कि दबंग राजनेता,पत्रकार, व प्रशासन यानि समाज के चार खम्भो में से तीन मिलकर इस खेल को संचालित कर रहे है और सभी लाभान्वित भी हो रहे है। घाटे में हमेशा की तरह बेचारे आम जन मानस है जो अन्य सरकारो के समय की तरह इस बार भी ठगी का शिकार बन रहे है।

-मोहम्मद तारिक खान

1 टिप्पणी:

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

सार्वजनिक संपत्ति की सरे आम लूट है, यह। सत्ता में आने की संभावना वाले राजनैतिक दल इस लूट में शामिल रहते हैं।
जनता कुछ बोलती है तब ही यह लूट रुक पाती है।

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