बाराबंकी के सफेदाबाद स्तिथ हिंद इंस्टिट्यूट ने बी.एस सी नर्सिंग कोर्स को संचालित किया। 2009-10 में एक लाख नौ हजार रुपयों के हिसाब से 16 छात्र छात्राओं से फीस वसूली किन्तु परीक्षाएं नहीं करायीं। हिंद इंस्टिट्यूट के छात्रों ने जिला अधिकारी बाराबंकी विकास गोठलवाल से मुलाक़ात की और फीस वापसी की मांग की तो उन्होंने एडिशनल मजिस्टेट के नेतृत्व में जांच कमेटी बना दी। जांच कमेटी की रिपोर्ट आती कि प्रबंध तंत्र के सह पर छात्र छात्राओं के खिलाफ पुलिस-प्रशासन ने मुकदमा दर्ज कर लिया। लखनऊ बाराबंकी जनपद रोड पर बहुत सारे इंस्टिट्यूट हैं जिनमें लाखो रुपये फीस छात्रों से वसूली जाती है। खूबसूरत बिल्डिंग्स हैं, अच्छे कागज पर छपे हुए प्रोस्पेक्टस हैं किन्तु पढाई लिखी मानक के अनुसार नहीं होती है और न ही परीक्षाएं सम्पादित करने की उचित व्यवस्था ही है। उत्तर प्रदेश सरकार इस तरह के सभी फर्जीवाड़े से भली भाँती अवगत है किन्तु प्रबंध तंत्र द्वारा चारा प्राप्त होने के कारण छात्र छात्राओं का ही उत्पीडन किया जाता है।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
सुमन
लो क सं घ र्ष !
1 टिप्पणी:
'ऊंची-दूकान फीका पकवान'तो पुराणी कहावत है .ऐसे चक्करों में फंस कर छात्रों ने जो गलती की उसकी सजा उनके विरुद्ध पुलिस कारवाई के रूप में सामने आयी.
ऐसे निंदनीय कृत्यों की कड़ी से कड़ी सजा मिलना ही एकमात्र समाधान है.
जनता को अगले चुनावों में यह सजा सरकार को देना चाहिए.
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