हिन्दुवात्वादी शक्तियां हमेशा सामाजिक सुचिता, सत्य व ईमानदारी का पाठ पढ़ाने से बाज नहीं आती हैं लेकिन स्वयं बगुला भगत की तरीके से हर तरह की लूट व खसोट करने में आगे रहती हैं. अभी-अभी कर्नाटक के लोकायुक्त संतोष हेगड़े ने खनन घोटाले की रिपोट दी है जिसमें 1800 करोड़ रुपये का सीधा-सीधा घोटाला मुख्यमंत्री बी.एस येदुरप्पा, जी. जनार्दन रेड्डी पुर्व मुख्यमंत्री एच.डी कुमार स्वामी, कैबिनेट नेता मंत्री करुणाकर रेड्डी, मंत्री श्री रामुलु भाजपा विधायक बी. नागेन्द्र और इन सब के साथ इनके मौसेरे भाई कांग्रेसी राजसभा सांसद अनिल लाड शामिल हैं. मुख्यमंत्री येदुरप्पा के बेटे ने अपने बाप की कुर्सी से फायदा उठाते हुए सस्ती कीमत पर खान प्राप्त कर ली जिसे कुछ समय बाद ही 10 गुना कीमत पर खनन माफिया को बेच दी.
वोट फॉर नोट के मामले अडवाणी जी सी लेकर सुषमा स्वराज तक हल्ला गुल मचाते नजर आयेंगे लेकिन कर्नाटक में 1800 करोड़ रुपये के एक घोटाले पर यह सभी लोग चुप्पी साध लेते हैं. इन्ही हिन्दुवत्व वादी संगठन के तत्कालीन अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण साहब दूरदर्शन पर रुपया लेते नजर आये थे. इन सभी बगुला भगत की मुख्य विशेषता यह है कि इनके भ्रष्टाचारों से सहमत न हो वह पाकिस्तानी आदमी है, मुस्लिम तुष्टिकरण करता है, छद्म धर्मनिरपेक्ष है जैसे थोथे आरोप लगाना शुरू कर देते हैं. हमारे जनपद में एक हिन्दुवत्व वादी नेता जी के बच्चा नहीं पैदा हो रहा था तो उसमें भी उनको मुसलमानों का षड्यंत्र नजर आ रहा था. ऐसे तत्वों ने मर्यादा पुरुषोत्तम राम को भी बदनाम किया है और राजनीति की कुर्सी के लिये यह लोग किस हद तक नीचे गिर सकते हैं उसकी कोई सीमा रेखा नहीं है.
सुमन
लो क सं घ र्ष !
वोट फॉर नोट के मामले अडवाणी जी सी लेकर सुषमा स्वराज तक हल्ला गुल मचाते नजर आयेंगे लेकिन कर्नाटक में 1800 करोड़ रुपये के एक घोटाले पर यह सभी लोग चुप्पी साध लेते हैं. इन्ही हिन्दुवत्व वादी संगठन के तत्कालीन अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण साहब दूरदर्शन पर रुपया लेते नजर आये थे. इन सभी बगुला भगत की मुख्य विशेषता यह है कि इनके भ्रष्टाचारों से सहमत न हो वह पाकिस्तानी आदमी है, मुस्लिम तुष्टिकरण करता है, छद्म धर्मनिरपेक्ष है जैसे थोथे आरोप लगाना शुरू कर देते हैं. हमारे जनपद में एक हिन्दुवत्व वादी नेता जी के बच्चा नहीं पैदा हो रहा था तो उसमें भी उनको मुसलमानों का षड्यंत्र नजर आ रहा था. ऐसे तत्वों ने मर्यादा पुरुषोत्तम राम को भी बदनाम किया है और राजनीति की कुर्सी के लिये यह लोग किस हद तक नीचे गिर सकते हैं उसकी कोई सीमा रेखा नहीं है.
सुमन
लो क सं घ र्ष !
2 टिप्पणियां:
धर्म का पाखण्ड करने वाले हमेशा लूट में आगे रहते हैं।
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बेहतर लेखन की ‘अनवरत’ प्रस्तुति।
वैचारिक बहस: क्या अंधविश्वास गरीबी का रोग है?
ये लोग धार्मिक नहीं पूर्णतया: अधार्मिक हैं इंका धर्म तो नाम के मुताबिक ही है।
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