यशवंत गिरफ्तार हो गए !छिनैती ,रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में नोएडा पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया |यशवंत भड़ास4मीडिया के संपादक हैं ,मेरे मित्र हैं और तमाम खट्टे -मीठे अनुभवों के बावजूद हम दोनों के बीच एक-दूसरे को सम्मान देने का का रिश्ता हमेशा बना रहा है |यशवंत की कल हुई गिरफ्तारी के बाद जिस तरह से बड़े अखबारों में ख़बरें आयी और फिर वेब पर अपने -अपने तरीके से लोग यशवंत के पक्ष और विपक्ष में भड़ास निकालते देखे गए ,वैसा होना लाजिमी था |लेकिन यशवंत की गिरफ्तारी को सिर्फ एक पत्रकार की गिरफ्तारी से जोड़ कर देखना गलत है |इसे मीडिया वर्सेज मीडिया की तरह देखा जाना चाहिए |यशवंत की गिरफ्तारी के तत्काल बाद जिस तरह से देश के बड़े अखबारों ने झन्नाटेदार अंदाज में चार कालम की खबर चलाई और जिस तरह से वेब के भीतर और वेब के बाहर मौजूद पत्रकारों ने अपनी -अपनी दुश्मनी निकालने में सक्रियता दिखाई ,वो आश्चर्यजनक है |बताते चले कि यशवंत के खिलाफ एफआईआर आइबीएन-७ की बहुचर्चित एंकर साक्षी जोशी और उनके पति विनोद कापडी द्वारा कराई गयी है ,यहाँ बता देना भी जरुरी है कि यशवंत ने अपने पोर्टल पर कुछ समय पहले साक्षी और उनके पति (जो कि उस वक्त अविवाहित थे )की अन्तरंग तस्वीरें और एक खबर लगाईं थी ,उसके पहले अविनाश दास ने मोहल्ला लाइव पर वही खबर लगाईं और फिर साक्षी से फोन पर हुई बहस के बाद (जैसा कि वो कहते हैं )वो खबर उतार चुके थे |कई पोर्टलों ने उन दिनों बारी- बारी से साक्षी की एक अन्य पत्रकार के साथ कथित बेवफाई की ख़बरें छापी थी |
एक बात बिलकुल पानी की तरह साफ़ है कि यशवंत की गिरफ्तारी साक्षी ,विनोद कापडी और दिल्ली के मीडिया बाजार में शीर्ष पर बैठे घोड़ों और यूपी पुलिस की मिलीभगत का परिणाम है ,ये भी साफ़ है कि इस गिरफ्तारी का मतलब सिर्फ और सिर्फ विनोद कापडी एंड कंपनी द्वारा यशवंत को अपनी ताकत दिखाना है ,ऐसी कई कोशिशें वो पहले भी कर चुके हैं ,लेकिन सफल नहीं हुए |खैर एक ख़बरों की खबर लेने वाले पोर्टल के समपादक के खिलाफ इस तरह की कार्यवाही को लेकर कोई आश्चर्य भी व्यक्त नहीं करना चाहिए ,लेकिन जिस तरह से यशवंत की गिरफ्तारी के बाद वेब पर सक्रिय धुरंधर पूरे जोश मे अपना -अपना राग ,अपने अपने स्वर में अलापने लगे वो जरुर पीड़ा देता है |मोहल्ला लाइव के माडरेटर अविनाश दास जिनके पास लोगों के चरित्र चित्रण का एक लंबा अनुभव रहा है और जिनकी यशवंत के साथ दुश्मनी किसी से छुपी नहीं है | कहते हैं कि यशवंत शराब के नशे में गाली-गलौज करते हैं। मूर्खतापूर्ण अहंकार और जरूरत से ज्यादा आत्मविश्वास के चलते यशवंत के खिलाफ ये कार्यवाही हुई ,सिर्फ इतना ही नहीं अविनाश ने बेहद चतुराई के साथ उन वेब पत्रकारों का नाम लेकर उनसे इस मामले में स्टेंड लेने को कहा जिनमे से कोई भी मोहल्ला लाइव का लेखक नहीं है |स्पष्ट है अविनाश इस मौके का इस्तेमाल भी हमेशा की तरह अपने फायदे के लिए कर रहे हैं |एक अन्य वेबसाईट में यशवंत को भिखारी बता कर कहा गया कि उसके पैसे मांगने की आदत है !
दरअसल सवाल ये नहीं है कि यशवंत कैसे हैं और उनके साथ वेब पत्रकारों के अनुभव कैसे रहे हैं ,सवाल ये है कि क्या वेब पत्रकारों की स्थिति मीडिया के पूरे सिस्टम में इतनी कमजोर सतह पर है कि जो चाहे आये और धक्का देकर चला जाए ?हाल के वर्षों में हिंदुस्तान के कई वेब पत्रकारों के खिलाफ कार्यवाही की गयी हैं ,अलोक तोमर के जीवित रहने तक ऐसे किसी भी कोशिश के लिए साझा विरोध का मंच तैयार हो जाता था लेकिन टुकड़ों में बंटे वेब मीडिया के पत्रकारों ने अब या तो खुद को मीडिया का सबसे कमजोर खम्भा मान लिया है या फिर वे ऐसी स्थिति से बचने की कोशिश करने लगे हैं |
अपनी गिरफ्तारी के बारे में यशवंत सिंह जो कहानी बता रहे हैं वह यह है कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि उन्होंने उस संपादक को फोन किया था जिसका नाम विनोद कापड़ी है. विनोद कापड़ी इंडिया टीवी के प्रबंध संपादक हैं और संभवत: शुक्रवार की देर रात यशवंत सिंह ने पहले विनोद कापड़ी के मोबाइल पर फोन किया. फोन नहीं उठा तो उन्होंने विनोद कापड़ी की पत्नी साक्षी के नंबर पर डायल कर दिया. खुद यशवंत सिंह कहते हैं कि साक्षी ने इसका विरोध किया कि इतनी रात में किसी के मोबाइल पर फोन करने का यह कौन सा तरीका है? खैर इसके बाद दो चार एसएमएस दोनों तरफ से आये गये और दोनों अपनी अपनी जगह शांत हो गये|
सुबह एक बार फिर शुरूआत यशवंत सिंह ने की. उन्होंने साक्षी जोशी को एक एसएमएस भेजा कि असल में रात में उन्होंने एक जरूरी काम से फोन किया था. उन्होने नोएडा में एक घर बुक किया है और उसकी किश्त अदा करने के लिए पैसे इकट्ठा कर रहे हैं इसलिए मित्रों से मदद मांग रहे हैं. उन्होंने बीस हजार रूपये के मदद की बात एसएमएस में कही. यशवंत सिंह ने बड़ी सादगी से स्वीकार किया कि वे तो रात की घटना का पैच अप करने के लिए सुबह पैसे वाली बात कर रहे थे लेकिन यही बात उन्हें भारी पड़ गई. इसके बाद आनन फानन में क्या हुआ मालूम नहीं लेकिन शनिवार को यशवंत सिंह को उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया जब वे समाचार प्लस के नोएडा स्थित दफ्तर से बाहर आ रहे थे. यशवंत सिंह खुद कहते हैं कि लगता है पुलिस उनके फोन को सर्वेलेन्स पर लिए हुए थी और उनके नंबर पर एक फाल्स काल आई जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
-आवेश तिवारी
साभार- नेटवर्क 6
हमारा मत है कि यशवंत सिंह ने क्या किया यह घटना की या नहीं की यह महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि यशवंत ने बड़े-बड़े दलाल मीडिया घरानों के खेल को जनता तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। किस तरह से विज्ञापन सर्कुलेसन में फर्जी तरीके अपनाये जाते हैं और मुनाफा कमाया जाता है। उनके लिये नियम कानून कुछ भी नहीं हैं। आम लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है। किसी समय में इन मीडिया घरानों के गोरखधंधे को स्वर्गीय कमलेश्वर ने "गंगा" पत्रिका निकाल कर उनके मालिकों व संपादकों को गंगा स्नान कराया था। आज जरूरत इस बात की है कि मीडिया घरानों के भ्रष्टाचार, ब्लैक मेलिंग के सम्बन्ध में जनता को जानकारी मिले।
सुमन
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