रविवार, 15 जुलाई 2012
इडियाटिक आर्डर
माननीय उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायमूर्ति सईदुज्ज्मा सिद्दीकी ने बाराबंकी के पूर्व जिला अधिकारी विकास गोठलवाल के सम्बन्ध में अपने एक जमानत आदेश में लिखा है कि यह इडियाटिक आर्डर है। मामला यह है कि थाना रामनगर जिला बाराबंकी की पुलिस ने एक व्यक्ति दिनेश लोनिया को नौ सौ रुपये की बरामदगी के एक मात्र केस पर पुलिस रिपोर्ट के आधार पर गैंगेस्टर एक्ट की कार्यवाई की स्वीकृति जिला मजिस्टेट विकास गोठलवाल ने दी थी जिसको माननीय उच्च न्यायालय ने इडियाटिक आर्डर माना और उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देशित किया कि वह दिनेश लोनिया को मुआवजा दे और मुआवजे की रकम विकास गोठलवाल की तनख्वाह से काट ले। न्यायालय ने यह भी आदेश पारित किया कि विकास गोठलवाल जैसे इडियाटिक आर्डर पास करने वाले अधिकारी को जिला अधिकारी किसी जिले में न रखा जाए। बाराबंकी की वर्तमान जिला मजिस्टेट ने उत्तर प्रदेश शासन को लिखा है कि उच्च न्यायालय के उक्त आदेश के विरुद्ध अपील की जाए। महत्वपूर्ण बात यह है कि इन अधिकारीयों को शर्मिंदगी महसूस होने के बजाये जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा अपील में खर्च करने जा रहे हैं।
अब सवाल उठता है कि इडियाटिक आर्डर है क्या ? गैंगेस्टर एक्ट या निरोधात्मक कानून का प्रयोग जिला मजिस्टेट थाने के दरोगा की रिपोर्ट जिस व्यक्ति के सम्बन्ध में वह पुलिस अधीक्षक को भेज देता है। पुलिस अधीक्षक आँख मूंदकर उस रिपोर्ट को जिला मजिस्टेट को स्वीकृति के लिये भेज देता है। इस पूरी प्रक्रिया में विवेक व न्यायिक मष्तिष्क का प्रयोग नहीं किया जाता है। जिस कारण बड़े-बड़े अधिकारीयों के खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं होती है लेकिन दरोगा जिस व्यक्ति से चिढ़ा हुआ होता है उसकी ऐसी की तैसी निरोधात्मक कार्यवाइयों से हो जाती है। अच्छा होता कि माननीय उच्च न्यायालय उस जज के खिलाफ भी कड़ी कार्यवाई करता जिस जज ने दिनेश लोनिया के गैंगेस्टर एक्ट के न लागू होते हुए भी जमानत ख़ारिज कर दी थी। वस्तुस्तिथि यह है कि न्याय पालिका के मजिस्टेट व जज तथा कार्यपालिका के मजिस्टेट जनता को परेशान करने के लिये इडियाटिक आर्डर रोज पास करते रहते हैं और उनके खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं होती है। इडियट मजिस्टेट या जज इडियाटिक आर्डर ही पास करते हैं उसमें न्यायिक मस्तिष्क का कहीं प्रयोग नहीं होता है। महत्वपूर्ण यह है उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने यह आदेश पारित कर न्याय देने की प्रक्रिया को और उचाईयों तक ले जाने का कार्य किया है जिसके लिये वह बधाई के पात्र हैं।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
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1 टिप्पणी:
Nice post.
............
ये है- प्रसन्न यंत्र!
बीमार कर देते हैं खूबसूरत चेहरे...
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